Friday, March 29, 2024
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बुर्का पहन पहुँची दो छात्राओं को नहीं मिली परीक्षा देने की अनुमति, कॉलेज ने घर भेजा: हिजाब पर कर्नाटक HC में डाली थी याचिका

अदालत के फैसले के बाद भी अपनी जिद पर अड़ी आलिया असदी और रेशम नामक दोनों लड़कियों ने उडुपी के विद्योदय पीयू कॉलेज में परीक्षा देने के लिए अपना हॉल टिकट लिया और बुर्का पहनकर परीक्षा देने की जिद करने लगीं।

कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर कोर्ट में अर्जी देने वाली दो युवतियाँ जब बुर्का पहनकर परीक्षा देने पहुँची तो कॉलेज ने उन्हें एग्जाम देने की अनुमति नहीं दी, बल्कि उन्हें लौटा दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों छात्राओं ने कक्षाओं में बुर्का-हिजाब पहनने की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी।

वहीं अदालत के फैसले के बाद भी अपनी जिद पर अड़ी आलिया असदी और रेशम नामक दोनों लड़कियों ने उडुपी के विद्योदय पीयू कॉलेज में परीक्षा देने के लिए अपना हॉल टिकट लिया और बुर्का पहनकर परीक्षा देने की जिद करने लगीं। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने करीब 45 मिनट तक पर्यवेक्षकों और कॉलेज के प्रिंसिपल से बुर्का पहनकर परीक्षा देने की अनुमति माँगी, लेकिन अंतत: कर्नाटक सरकार के प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले अदालत के आदेश के बाद ये कॉलेज ने परमीशन देने से इनकार कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ कोर्ट गईं आलिया असदी ने आज एक बार फिर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने नए सिरे से अपील करते हुए कहा था कि हिजाब पहनने की अनुमति माँगी है। आलिया असादी ने अपने बयान में कहा कि हिजाब या हेडस्कार्फ पर प्रतिबंध से कई छात्राएँ प्रभावित होंगी, जो इस महीने के अंत में होने वाली प्री यूनिवर्सिटी परीक्षा में शामिल होना चाहती हैं।

बता दें कि आलिया असादी उन याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जो राज्य सरकार के हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के बाद अब फैसले का इंतज़ार कर रही हैं।

वहीं मौजूदा घटनाओं देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कर्नाटक में हिजाब पर जारी विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। स्कूली छात्राओं के हिजाब पहनने पर रोक लगने के बाद अब यूनिवर्सिटी में इस पर रोक लगाने की कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के शिक्षा विभाग ने दूसरे प्री-यूनिवर्सिटी एग्जाम में छात्राओं और इनविजिलेटर टीचर्स को हिजाब या बुर्का जैसी कोई भी मजहबी पहचान पहनने से मना किया है।

गौरतलब है कि कर्नाटक के प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन मंत्री बीसी नागेश ने बुधवार (20 अप्रैल, 2022) को बताया कि यह जरूरी है कि सभी छात्र अपनी-अपनी यूनिफॉर्म में आएँ। वहीं प्राइवेट कैंडिडेट और एग्जाम रिपीट करने वाले छात्रों को यूनिफॉर्म पहनने से छूट दी गई है, लेकिन यह जरूरी होगा कि वे ड्रेस कोड से संबंधित कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश और राज्य सरकार के नोटिफिकेशन का पालन करें।

बता दें कि कर्नाटक में 22 अप्रैल से 18 मई तक होने वाले इस एग्जाम में 6,84,255 छात्र शामिल होंगे। इसमें 6,00,519 रेगुलर कैंडिडेट हैं, 61808 रिपीटर्स हैं, जबकि 21,928 प्राइवेट कैंडिडेट हैं। छात्रों में 3,46,936 लड़के हैं, जबकि 3,37,319 लड़कियाँ हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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