Monday, November 25, 2024
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केरल का हर तीसरा सरकारी कर्मचारी मुस्लिम/ईसाई, यादव 26 तो क्षत्रिय केवल 28: कॉन्ग्रेस-लेफ्ट के इकोसिस्टम में तुष्टिकरण से ‘सोशल जस्टिस

केरल सरकार के कर्मचारियों में 31.5% ईसाई और मुस्लिम हैं। राज्य की सरकारी नौकरियों में 1,73,268 ईसाई और मुस्लिम हैं। केरल में कुल 5.45 लाख सरकारी कर्मचारी हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल की विधानसभा (नियामसभा) में रखा गया आँकड़ा बताया है कि राज्य के पास वर्तमान में 5,45,423 कर्मचारी हैं। यह अलग-अलग विभागों में कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों में से इस आँकड़े के मुताबिक राज्य सरकार के लिए 73,774 मुस्लिम काम करते हैं। यह राज्य सरकार के पूरे कर्मचारियों का 13.5% है।

वहीं ईसाइयों की संख्या राज्य सरकार के लिए काम करने वाले मुस्लिमों से अधिक है। राज्य सरकार के 73,714 कर्मचारी अगड़े ईसाई हैं। इसके अलावा लैटिन चर्च को मानने वाले 22,452 कर्मचारी केरल सरकार में कार्यरत हैं। इसके अलावा 2399 कर्मचारी ऐसे हैं जो कि धर्मान्तरित हो कर ईसाई बने हैं। इसी के साथ 929 कर्मचारी ऐसे हैं जो नादर ईसाई हैं।

इस प्रकार सभी ईसाई समुदाय की संख्या केरल की सरकारी नौकरियों में 99,494 है। इनका प्रतिशत केरल की सरकारी नौकरियों में 18.25% है। इसके अलावा जैन समुदाय के 27 कर्मचारी भी केरल सरकार के लिए काम करते हैं। राज्य की सरकारी नौकरियों में 1,73,268 ईसाई और मुस्लिम हैं।

इस प्रकार केरल सरकार के कर्मचारियों में 31.5% ईसाई और मुस्लिम हैं। यानी राज्य के लगभग एक तिहाई कर्मचारी मुस्लिम और ईसाई हैं। इसके अलावा केरल की सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों से 51,783 जबकि अनुसूचित जनजातियों से 10,513 कर्मचारी हैं। 7113 ब्राह्मण भी राज्य के सरकारी कर्मचारी हैं, यह कुल सरकारी कर्मचारियों का 1.5% भी नहीं है।

केरल सरकार में केवल 26 यादव जबकि 28 क्षत्रिय ही सरकारी नौकरी में हैं। सबसे बड़ी संख्या इझावा समुदाय की है जो पिछड़ी जाति माने जाते हैं। इस समुदाय से 1.15 लाख कर्मचारी केरल सरकार में हैं। नायर समुदाय के भी 1.08 लाख कर्मचारी केरल सरकार में हैं।

955 कर्मचारी ऐसे भी हैं जो अपने आप को किसी भी वर्ग में वर्गीकृत नहीं करते। केरल में मुस्लिम और ईसाई कुल जनसांख्यिकी का लगभग 50% हैं। इसमें 27% इस्लाम धर्म को मानने वाले और 22% ईसाइयत को मानते हैं। दोनों धर्मों में अलग-अलग तरह के पंथों को मानने वाले लोग हैं।

केरल सरकार को राज्य में नौकरियों में विविधता ना होने के लिए विपक्ष लगातार घेर रहा है। इसके अलावा विपक्ष ने केरल की वामपंथी सरकार को आर्थिक हालत और केरल पर चढ़े कर्जे के लिए भी घेरा है। केरल की विधानसभा में लगातार विपक्ष सरकार पर हमलावर है।

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