लव जिहाद पर बनी फिल्म केरला स्टोरी (Kerala Story) को लेकर वामी-कट्टरपंथियों में छटपटाहट है। फिल्म के जरिए हकीकत को बाहर लाने से वे घबराए हुए हैं। इसलिए इसे रिलिज होने से रोकने के वे लिए तरह-तरह से प्रयास कर रहे हैं। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार (5 मई 2023) को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
जस्टिस एन नागरेश और जस्टिस सोफी थॉमस की पीठ ने कहा कि इस फिल्म में इस्लाम या मुस्लिमों के खिलाफ कुछ भी नहीं है। यह फिल्म आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के बारे में है। पीठ ने कहा, “इस्लाम के खिलाफ क्या है? धर्म के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। आरोप आईएसआईएस के खिलाफ है।”
अदालत ने आगे कहा, “किसी भी याचिकाकर्ता ने फिल्म नहीं देखी है। फिल्म के ट्रेलर को देखकर लगता है कि इसमें किसी समुदाय विशेष के लिए कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।” पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि ऐसी कई फिल्में हैं, जिनमें हिंदू संन्यासियों को तस्कर या बलात्कारी के रूप में दिखाया गया है। हिंदी में भी हैं और मलयालम में भी। कोई विरोध नहीं करता।
इस पर अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि अगर एक गलत की अनुमति दी गई, इसका मतलब ये नहीं कि दूसरे को भी दी जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा, “आप अंतिम समय पर आए हैं।” बता दें कि केरला स्टोरी शुक्रवार (5 मई 2023) को रिलीज हुई है।
एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि फिल्म में केरल को ISIS की गतिविधियों का केंद्र बताया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा, “हमें सच्चाई में जाने की आवश्यकता नहीं है। यह कल्पना है! केवल इसलिए कि कुछ धार्मिक प्रमुखों को खराब रौशनी में दिखाया गया है, फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का कोई कारण नहीं है।”
अदालत ने कहा, “केरल में हम इतने धर्मनिरपेक्ष हैं कि एक फिल्म थी जिसमें एक पुजारी ने मूर्ति पर थूक दिया और कोई समस्या नहीं हुई। आप कल्पना कर सकते हैं? यह एक प्रसिद्ध पुरस्कार विजेता फिल्म है। यह लंबे समय से हिंदी और मलयालम फिल्मों में हो रहा है।”
बेंच ने कहा कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने लोगों को देखने के लिए सर्टिफिकेट दिया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि फिल्म के ट्रेलर में दावा किया है कि यह केरल की सत्य घटनाओं पर आधारित है। केरल में 32,000 महिलाओं को ISIS ने भर्ती की है। इस पर फिल्म के निर्माता ने कहा कि इसे वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट से हटा लेगा।