भारत में कोरोना वायरस के केस तेजी से कम हो रहे हैं, मगर केरल देश का ऐसा राज्य है, जहाँ कोविड-19 संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इस महीने 13 से 26 दिसंबर के आँकड़े देखें तो 10 फीसदी कोरोना के केस बढ़े हैं। वहीं 30 नवंबर से 13 दिसंबर के बीच मामलों में 9.4 फीसदी उछाल देखने को मिली।
अगर संक्रमित मामलों की दर देखें तो हर 100 सैंपलों की जाँच में पाँच फीसदी से ज्यादा टेस्ट पॉजिटिव निकल रहे हैं। यह दर बीते 14 दिनों से लगातार देखने को मिल रही है। यह राज्य रेड जोन में आ गया है।
बता दें कि कुल 100 टेस्ट में से जितने भी कोरोना के संक्रमित केस मिलते हैं उन्हें ही पॉजिटिविटी रेट कहते हैं। अगर पॉजिटिविटी रेट 14 दिन के दौरान 5% से अधिक होता है तो उसे रेड जोन माना जाता है। यही वजह है कि केरल को रेड जोन में रखा गया है।
समाचार वेबसाइट ‘मातृभूमि’ के अनुसार, केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा है कि राज्य में कोरोना वायरस म्यूटेशन्स के जरिए आया है। उन्होंने कहा कि राज्य में की गई स्टडी से इसका पता चला है। केरल में अब तक 7,32,085 कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आए हैं जिनमें 6,64,951 लोग ठीक हो गए हैं और 2,931 लोगों की वायरस से मौत हो गई है।
वामपंथी मीडिया लगातार करती रही है केरल की प्रशंसा
गौरतलब है कि केरल के ‘COVID-19 मॉडल’ की लगातार ही देशभर में सराहना की गई। वामपंथी मीडिया ने हर संभव तरीके से वामपंथी सत्ता वाली केरल सरकार की प्रशंसा की, जबकि उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों द्वारा इस बीमारी को रोकने के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों की अनदेखी की गई। यहाँ तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जुलाई माह में केरल के COVID प्रबंधन पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की। उस अवधि के दौरान, शिवसेना-कॉन्ग्रेस-एनसीपी की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार इस बीमारी को रोकने के लिए संघर्षरत था।
गोवा में देखने के मिल रहा सुधार
केरल के अलावा गोवा एकमात्र राज्य ऐसा है जहाँ पर पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से ज्यादा, 6 फीसदी है। लेकिन पिछले एक पखवाड़े के आँकड़े देखें तो यहाँ पॉजिटिव मामलों की संख्या कम हुई है। ऑल इंडिया पॉजिटिव रेट 30 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 3 फीसदी थी जो अब घटकर 13 दिसंबर से 26 दिसंबर के बीच 2.2 फीसदी हो गई है।
अन्य राज्यों का यह है हाल
महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान का पॉजिटिव रेट 5 फीसदी से नीचे है। बीते एक पखवाड़े से एक बड़ा सुधार इन राज्यों में देखने को मिला है। वहीं दिल्ली में 1.4 फीसदी, गुजरात (1.8 फीसदी) और तमिलनाडु (1.5 फीसदी) है। डेढ़ महीने पहले (8-21 नवंबर) के बीच 9 राज्य ऐसे थे जिनकी कोरोना पॉजिटिव दर 7 फीसदी से 15 फीसदी के बीच थी। 15 फीसदी की दर से सबसे आगे हिमाचल प्रदेश था। उसके बाद दिल्ली-13 फीसदी, राजस्थान -11 फीसदी, हरियाणा -10 फीसदी, केरल -10 फीसदी, गोवा -9 फीसदी, पश्चिम बंगाल – 8 फीसदी, महाराष्ट्र -8 फीसदी और छत्तीसगढ़ 7 फीसदी थी। अब, केरल और गोवा को छोड़कर, अन्य सभी राज्यों में संक्रमित मामलों की दर घट गई है।
उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम और बिहार सबसे अच्छे
उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम और बिहार सबसे नीचे हैं। यहाँ पर पॉजिटिविटी दर 1 फीसदी से नीचे है। अक्टूबर-नवंबर के दौरान पुष्टि की गई मामलों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि होने के बाद दिल्ली में अच्छा प्रदर्शन जारी है। उस समय दिल्ली की पॉजिटिविटी रेट 13% पहुँच गई थी।