Saturday, November 2, 2024
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ट्रस्ट की आड़ में 12 नाबालिग लड़कियों की तस्करी, केरल के पादरी समेत तीन को रेलवे पुलिस ने कोझिकोड में किया गिरफ्तार

आरोपित 12 नाबालिग लड़कियों को लेकर बुधवार को ओखा-एर्नाकुलम एक्सप्रेस से केरल ला रहा था। सीक्रेट इनपुट के आधार पर कार्रवाई करते हुए रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे पुलिस ने कोझिकोड रेलवे स्टेशन पर उसे रोक लिया।

केरल पुलिस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश से 12 लड़कियों की तस्करी के मामले में केरल के ही एक पादरी समेत तीन को गिरफ्तार किया है। पादरी का नाम रेव जैकब वर्गीज (55) है। वो पेरुंबवूर (एर्नाकुलम) स्थित करुणा भवन चैरिटेबल ट्रस्ट का निदेशक और पेंटेकोस्टल चर्च का पादरी है। उसके साथ दो एजेंटों के खिलाफ इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 370 (1) (2) (3) (4) (मानव तस्करी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार जैकब वर्गीज पर आरोप है कि उसने दो एजेंटों के साथ मिलकर राजस्थान से नाबालिग लड़कियों को अवैध रूप से एर्नाकुलम ले जाने की कोशिश की। आरोपित 12 नाबालिग लड़कियों को लेकर बुधवार (27 जुलाई 2022) को ओखा-एर्नाकुलम एक्सप्रेस से केरल ला रहा था। सीक्रेट इनपुट के आधार पर कार्रवाई करते हुए रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे पुलिस ने कोझिकोड रेलवे स्टेशन पर उसे रोक लिया।

ट्रेन में जाँच के दौरान नाबालिग लड़कियों के साथ छह वयस्क भी थे। इनमें से चार दो लड़कियों के माता-पिता बताए जा रहे हैं। इनके साथ राजस्थान के दो युवक लोकेश कुमार (29) और श्याम लाल (25) भी शामिल थे। युवकों के रेलवे स्टेशन पर पहुँचने पर शक होने पर सह यात्रियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी।

कोझिकोड रेलवे पुलिस ने आईपीसी की धारा 370 के तहत मानव तस्करी का मामला दर्ज कर लोकेश और श्याम को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को युवकों से ही पादरी के बारे में जानकारी मिली। पूछताछ के दौरान लड़कियों के साथ मौजूद माता-पिता और युवकों ने कहा कि वे पेरुंबवूर में करुणाभवन चैरिटेबल ट्रस्ट जा रहे थे। बाद में पादरी जैकब को एर्नाकुलम में कुरुप्पमपडी पुलिस ने हिरासत में ले लिया और गुरुवार को कोझिकोड रेलवे पुलिस को सौंप दिया। उसे कोझिकोड न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट -I के समक्ष पेश किया गया, जहाँ से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

इस मामले को लेकर कोझिकोड रेलवे पुलिस के एसआई जमशीद पी ने कहा, “शुरुआती जाँच से पता चला है कि लड़कियों को बेहतर शिक्षा और सुनहरे भविष्य का लालच देकर राजस्थान से लाया गया था। दोनों युवक संस्थान के ही पुराने कर्मी हैं। किसी भी संस्थान के माध्यम से बच्चों के ट्रैफिकिंग के लिए राज्य बाल कल्याण समिति की परमीशन लेने की जरूरत होती है। जबकि, ट्रस्ट के पास यह नहीं था।”

फिलहाल सभी 12 लड़कियों को कोझिकोड सीडब्ल्यूसी द्वारा लड़कियों के लिए संचालित सरकारी बाल गृह वेल्लीमदुकुन्नू में रखा गया है। खास बात ये है कि लड़कियों की तस्करी के मामले में चर्चा में आया पेरुम्बवूर में करुणाभवन चैरिटेबल ट्रस्ट बीते चार साल से एक्टिव ही नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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