Saturday, November 16, 2024
Homeदेश-समाजकेरल के मंदिरों में RSS के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध, शाखा लगाने पर कार्रवाई: त्रावणकोर...

केरल के मंदिरों में RSS के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध, शाखा लगाने पर कार्रवाई: त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड का आदेश, कॉन्ग्रेस ने भी किया समर्थन

हिन्दू संगठनों ने आरएसएस की गतिविधियों के खिलाफ जारी सर्कुलर की निंदा की। आरएसएस से जुड़े लेखक रतन शारदा ने इस सर्कुलर को तुष्टिकरण करार दिया।

केरल में ‘त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB)’ ने सर्कुलर जारी कर बोर्ड के अधीन आने वाली मंदिर परिसरों में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)’ द्वारा आयोजित की जाने वाली सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। 18 मई 2023 को जारी सर्कुलर के अनुसार त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के मंदिरों में RSS को शाखा लगाने की भी इजाजत नहीं होगी। कहा गया है कि सर्कुलर की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

टीडीबी द्वारा जारी सर्कुलर दरअसल पहले के आदेश की पुनरावृत्ति है। जिसमें हिंदू मंदिरों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी। नए सर्कुलर में इन आदेशों का पालन न किए जाने पर असंतोष व्यक्त किया गया है। इसलिए इस बार आदेश का पालन न किए जाने पर कार्रवाई की बात कही गई है। बोर्ड के सेक्रेटरी द्वारा 30 मार्च, 2021 को जारी सर्कुलर के अनुसार, मंदिर परिसरों में अनुष्ठानों और त्योहारों के अलावा अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने साल 2016 में भी एक सर्कुलर जारी कर मंदिर परिसरों में आरएसएस के हथियार प्रशिक्षण और अभ्यास पर रोक लगा दी थी।

कॉन्ग्रेस की तरफ से टीडीबी द्वारा जारी सर्कुलर का समर्थन किया गया है। कॉन्ग्रेस नेता और केरल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीसन ने कहा है कि बोर्ड द्वारा पहले भी सर्कुलर जारी किया गया था लेकिन आरएसएस द्वारा उसका उल्लंघन किया गया। आरएसएस द्वारा लोगों के बीच नफरत फैलाकर उन्हें बाँटने की कोशिश हो रही है। सतीसन ने कहा कि मंदिर जैसी पवित्र जगह का उपयोग इस तरह की गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता।

दूसरी तरफ हिन्दू संगठनों ने आरएसएस की गतिविधियों के खिलाफ जारी सर्कुलर की निंदा की। आरएसएस से जुड़े लेखक रतन शारदा ने इस सर्कुलर को तुष्टिकरण करार दिया। उन्होंने कहा कि मंदिरों को धर्मनिरपेक्ष बनाकर ऐसी संस्थाओं में तब्दील किया जा रहा है जिनका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।

बता दें कि त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड उन संस्थाओं में से एक है जो केरल में लगभग 3,000 मंदिरों का प्रबंधन करता है। टीडीबी सबरीमाला मंदिर सहित 1200 से अधिक मंदिरों का संचालन करता है। अन्य चार बोर्ड कोचीन देवस्वोम बोर्ड (Cochin Devaswom Board), मालाबार देवस्वोम बोर्ड ( Malabar Devaswom Board), गुरुवयूर देवस्वोम बोर्ड (Guruvayur Devaswom Board) और कुडलमानिक्यम बोर्ड (Koodalmanikyam board) हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -