Tuesday, October 8, 2024
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सपा के संपर्क में आते ही दूध बेचने वाला बना 5000 करोड़ का मालिक: जानिए कौन हैं अखिलेश यादव के करीबी ACE ग्रुप के मालिक अजय चौधरी

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अजय चौधरी पर ऐसी कृपा बरसी कि वह कुछ ही सालों में करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गए और देश के नामी बिल्डरों में शुमार हो गए।

आयकर विभाग ने मंगलवार (4 जनवरी, 2022) की सुबह देश के मशहूर बिल्डर और ACE रिएल एस्टेट ग्रुप के मालिक अजय चौधरी (Ajay Choudhary) के दिल्ली, आगरा और नोएडा समेत कई ठिकानों पर छापेमारी (Raid) की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिल्डर अजय चौधरी को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का करीबी बताया जा रहा है।

आयकर विभाग ACE ग्रुप के 30 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है, क्योंकि ग्रुप के कई प्रोजेक्ट नोएडा और एनसीआर में चल रहे हैं। नोएडा के सेक्टर 126 स्थित दफ्तर में कल सुबह करीब 8 बजे से छापेमारी चल रही है। आइए आपको बताते हैं कि कभी अपने गाँव में दूध बेचने वाला अजय चौधरी कैसे देश के बड़े बिल्डरों में शामिल हुए।

अजय चौधरी उर्फ संजू राठी अभी नोएडा में रहते हैं, लेकिन एक समय में अजय कभी अपने बागपत अंतर्गत गाँव महरमपुर से दूध बेचने के लिए ट्रेन से दिल्ली जाया करते थे। ग्रामीणों के मुताबिक, 20 साल पहले अजय की गाँव में ही दूध की डेयरी हुआ करती थी। बाद में वह साइकिल से खेकड़ा, फिर वहाँ से ट्रेन द्वारा दिल्ली के यमुना विहार जाकर दूध बेचने लगे। उनके बारे में बताया जाता है कि लंबी दूरी तय करने के लिए वह एक समय बाइक का इस्तेमाल भी किया करते थे।

उन्होंने नोएडा में कुछ समय प्राइवेट नौकरी भी की। इसी दौरान वह सपा नेताओं के संपर्क में आए। सपा नेताओं ने अजय चौधरी की मुलाकात सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से कराई। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की वर्ष 2010 से 2017 (योगी सरकार के सत्ता में आने से पहले) के दौरान अजय चौधरी पर ऐसी कृपा बरसी कि वह कुछ ही सालों में करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गए और देश के नामी बिल्डरों में शुमार हो गए।

यही नहीं अजय के गाँव में उनका छोटा सा मकान देखते ही देखते 40 बीघे के फार्म हाउस में बदल गया। आज पाँच बीघे में बना उनका तीन मंजिला मकान किसी राजमहल से कम नहीं है। यहाँ उनके परिवार वाले शान से रहते हैं। अजय के परिवार में बड़े भाई प्रताप उर्फ सतीश, माँ सफेदी, पत्नी कृष्णा व एक बेटी है। चाचा राजेंद्र गाँव के पूर्व प्रधान हैं।

आईटी की रेड में पता चला है कि उसकी 25 कंपनियों का टर्नओवर 5000 करोड़ तक का है। इससे पहले भी सपा के कई करीबी आईटी रेड में पकड़े गए हैं। दिसंबर 2021 में, आगरा में मनोज यादव, लखनऊ में नीतू यादव उर्फ जैनेंद्र यादव जैसे कई सपा नेताओं और सहयोगियों के परिसरों पर आईटी अधिकारियों ने छापा मारा था।

इससे पहले आयकर विभाग ने पूर्वी यूपी में स्थित मऊ जिले के सहदतपुरा इलाके में राजीव राय के आवास पर छापेमारी की थी। राजीव राय समाजवादी पार्टी के सचिव और प्रवक्ता हैं। हाल ही में इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के यहाँ भी छापेमारी हुई थी। इत्र कारोबारी के आवास पर छापेमारी में 284 करोड़ रुपए से अधिक का कैश, 26 किलोग्राम सोना और 600 किलोग्राम चंदन की लकड़ी बरामद हुई थी। जैन भी समाजवादी पार्टी के करीबी हैं। बाद में सपा के एमएलसी पुष्पराज जैन पर भी छापा मारा गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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