उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (12 जुलाई, 2022) को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज सात मामलों की जाँच के लिए विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया। सात मामलों में से दो मामले हाथरस जिले में जबकि एक-एक मामला सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और दिल्ली में दर्ज है।
यूपी पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस समय जेल प्रशासन एवं सुधार विभाग में तैनात महानिरीक्षक डॉ. प्रीतिंदर सिंह को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि पुलिस उप महानिरीक्षक अमित वर्मा को एसआईटी का सदस्य बनाया गया है।
- मुजफ्फरनगर: मोहम्मद ज़ुबैर ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक स्थानीय निवासी अंकुर राणा को जान से मारने की धमकी दी थी। जिसके बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। यह मामला जुलाई 2021 का है। दरअसल इजराइल-फ़िलिस्तीन के बीच चलते विवाद को लेकर सुदर्शन न्यूज द्वारा एक खबर पर मोहम्मद जुबैर ने झूठ फैलाया था। ज़ुबैर ने एक ग्राफिक को मदीना की मस्जिद बताया था जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था। इसी संबंध में अंकुर राणा ने 24 जुलाई, 2021 को मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल थाने में FIR दर्ज कराई।
राणा ने बताया कि 13 मई, 2021 को सुदर्शन न्यूज़ द्वारा इजराइल-फिलिस्तीन के विवाद को लेकर चलाई गई खबर को राणा ने देखा। इसके बाद उन्हें ज़ुबैर द्वारा चलाई गई गलत खबर के विषय में जानकारी मिली। इस विषय में अंकुर ने जब ज़ुबैर से बात की और सवाल किया तो ज़ुबैर ने उनके साथ गाली-गलौज की तथा इस मामले में बीच में पड़ने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद अंकुर ने शिकायत दर्ज करवाई। इसेक बाद ज़ुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 192, 504 और 506 के तहत FIR दर्ज की गई। मामले में चार्जशीट फाइळ कर दी गई है और कोर्ट में ट्रायल पेंडिंग है।
- गाजियाबाद: जुबैर के खिलाफ गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाने में केस दर्ज है। यह मामला जून 2021 का है, जब मोहम्मद ज़ुबैर, राणा अय्यूब, सबा नक्वी समेत ‘द वायर’ और ‘इंडियन एक्सप्रेस’ जैसे मीडिया संस्थानों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा पिटाई को लेकर फेक न्यूज चलाई थी। इन लोगों ने इंटरनेट पर एक बूढ़े मुस्लिम व्यक्ति की पिटते हुए वीडियो डालकर लिखा था कि इस व्यक्ति को हिंदू युवकों द्वारा ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है तथा मारा-पीटा जा रहा है। बाद में वीडियो का खुलासा सामने आया कि उस व्यक्ति को कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा ही ताबीज़ बनाने को लेकर हुए विवाद में मारा-पीटा गया था। जुबैर पर आईपीसी की धारा 153, 153-A, 295-A, 505,120-B और 34 के तहत FIR दर्ज की गई। मामले में जाँच जारी है।
- हाथरस के सिकन्दराराऊ थाने में दर्ज शिकायत: मामला 2018 का है। जुबैर की भड़काऊ पोस्ट के बाद पुरदिलनगर में जुमे की नमाज के बाद खूब वबाल हुआ था। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया था। इस मामले में जुबैर को आरोपित बनाया गया था। उन पर आईपीसी की धारा 147, 149, 153A, 353, 188 और 120B के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में जाँच जारी है।
- हाथरस के कोतवाली में दर्ज शिकायत: कोतवाली इलाके में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 295ए और 298 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा आईटी एक्च की धारा 67 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। सीजेएम कोर्ट से पुलिस बी वारंट जारी करा चुकी है। सीतापुर जेल में वारंट दाखिल हो चुका है। 14 जुलाई को पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश करेगी।
- लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी पुलिस ने जुबैर के खिलाफ 2021 में दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए दर्ज एक FIR के संबंध में अदालत में पेश होने के लिए वारंट जारी किया था। मोहम्मद जुबैर के खिलाफ मामला 25 नवंबर को स्थानीय पत्रकार द्वारा दर्ज किया गया था। सोमवार को मोहम्मद जुबैर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था। अभियोजन पक्ष ने पुलिस हिरासत की माँग की थी, अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
- सीतापुर: जुबैर को एक हफ्ते पहले दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया था। सीतापुर के खैराबाद थाने में आईपीसी की धारा 295ए और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उत्तर प्रदेश में सीतापुर पुलिस ने साधुओं के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक ट्वीट करने से जुड़े एक मामले में उन्हें हिरासत में लेने का अनुरोध किया था। जुबैर को राहत देते हुए अंतरिम जमानत की अवधि अगले आदेश तक बढ़ा दी है। मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी।
- दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने 2018 में हिंदू देवता के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट करने के आरोप में जुबैर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामले में 15 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।