Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजसहरसा से दिल्ली जा रही थी स्पेशल ट्रेन, UP के एक स्टेशन पर रेलगाड़ी...

सहरसा से दिल्ली जा रही थी स्पेशल ट्रेन, UP के एक स्टेशन पर रेलगाड़ी खड़ी कर भाग गया ड्राइवर: कहा- मेरी ड्यूटी खत्म, आगे नहीं चलाऊँगा

नियमानुसार, एक लोको पायलट से 12 घंटे की ड्यूटी ली जाती है। वह इसके बाद अगले स्टेशन पर दूसरे लोको पायलट को ट्रेन हस्तांतरित करके चले जाते हैं। जिस नए लोको पायलट को रेलगाड़ी मिलती है वह उसे आगे लेकर जाता है।

उत्तर प्रदेश के बुढ़वल जंक्शन पर एक रेलगाड़ी घंटों खड़ी रही क्योंकि उसे चलाने वाले लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड ने ये कह दिया था कि उनकी ड्यूटी का समय खत्म हो गया है। आगे वो गाड़ी नहीं लेकर जाएँगे। खबर है कि लोको पायलट का ऐसा रवैया देख यात्रियों ने काफी हंगामा किया।

जानकारी के अनुसार, बिहार के सहरसा से दिल्ली के लिए जा रही छठ पूजा स्पेशल ट्रेन (04021) दोपहर को लगभग सवा एक बुढ़वल जंक्शन पहुँची थी। यहाँ यह गाड़ी प्लेटफार्म संख्या 2 पर आकर रुकी। जहाँ से एक मालगाड़ी को भी क्रॉस होना था।

लोगों को लगा शायद मालगाड़ी क्रॉस होने तक गाड़ी रुकी है, लेकिन ट्रेन गुजरने के एक घंटे बाद भी जब गाड़ी नहीं चली तो यात्रियों ने ट्रेन चलाने में देरी की वजह पूछी। जानकारी करने पर पता चला कि लोको पायलट और सहायक लोको पायलट समेत गार्ड इसे खड़ी करके चले गए हैं और उन्होंने इसके पीछे यह कारण दिया है कि उनकी ड्यूटी का समय खत्म हो गया है।

इसी आधार पर उन्होंने इस रेलगाड़ी को आगे ले जाने से मना कर दिया। इस रेलगाड़ी में लगभग 2,500 यात्री सवार थे। यह यात्री जंक्शन पर उतरकर माँग करने लगे कि तुरंत ही उनकी रेलगाड़ी को आगे भेजा जाए। प्रदर्शन के दौरान गुस्साए यात्रियों ने पीछे से आ रही बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस को रोक लिया। लेकिन उस रेल के यात्री भी फँस गए क्योंकि उसके लोको पायलट का ड्यूटी टाइम भी पूरा गया था।

लोगों के जोरदार हल्ले के बाद यह रेलगाड़ी डेढ़ घंटे बाद रवाना हुई। जिस रेल को पहले रोका गया गया था। वह चार घंटे बाद 5:30 बजे रवाना की जा सकी वो भी तब जब इसके लिए पीछे गोंडा से नया लोको पायलट पहुँचा। इस रेलगाड़ी के कई घंटे जंक्शन पर रुके रहने के कारण यहाँ खाने पीने के सामान की भी समस्या हो गई।

लोको पायलट को लेकर क्या है नियम?

नियमानुसार, एक लोको पायलट से 12 घंटे की ड्यूटी ली जाती है। वह इसके बाद अगले स्टेशन पर दूसरे लोको पायलट को ट्रेन हस्तांतरित करके चले जाते हैं। जिस नए लोको पायलट को रेलगाड़ी मिलती है वह उसे आगे लेकर जाता है।

हालाँकि, एक लोको पायलट अपनी ड्यूटी के घंटे समाप्त होने के बाद रेलगाड़ी को ऐसे ही नहीं छोड़ सकता। यदि नया लोको पायलट नहीं आता है तो उसे गाड़ी को आगे ले जाना होता है। रेलगाड़ी के एक स्टेशन पर बिना किसी कारण के आधे घंटे से अधिक खड़े रहने पर रेलवे बोर्ड जवाब तलब करता है।

बुढ़वल स्टेशन पर इस रेलगाड़ी के रुकने के कारण अन्य कई रेलगाड़ियाँ भी प्रभावित हुईं। बुढ़वल स्टेशन गोंडा-लखनऊ रेल प्रखंड पर स्थित है, यहाँ से एक रेल लाइन सीतापुर जंक्शन से होते हुए दिल्ली और दूसरी लखनऊ की तरफ जाती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पुलिस ने की सिर्फ पूछताछ, गिरफ्तार नहीं: हज पर मुस्लिम महिलाओं के यौन शोषण की आवाज उठाने वाले दीपक शर्मा पर कट्टर इस्लामी फैला...

दीपक शर्मा कहते हैं कि उन्होंने हज पर महिलाओं के साथ होते व्यवहार पर जो ट्वीट किया, वो तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने पुलिस को भी यही बताया है।

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -