Friday, March 29, 2024
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क्या PM आवास योजना के पैसे से लाभार्थी कर रहे हैं अवैध निर्माण? खरगोन में हसीना फखरू के घर पर चले बुलडोजर से उठे सवाल

पीएमएवाई फंड का उपयोग करके बनाए गए इस विशेष घर के विध्वंस का पत्थरबाजों के घरों से कोई संबंध नहीं था, जिन्हें ध्वस्त कर दिया गया था।

मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा खरगोन में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) या पीएमएवाई के तहत सहायता प्राप्त एक घर को हाल ही में अवैध कब्जे के खिलाफ संचालित कार्रवाई के तहत, बुलडोजर से ढहाने की खबर सामने आई थी। राज्य में अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा अपनाई गई ‘बुलडोजिंग’ नीति का जहाँ सराहना हो रही है वहीं इस एक्शन ने काफी लोगों की भौंहें चढ़ा दी हैं।

वहीं रामनवमी पर निकले शोभायात्रा पर हुए हमले के बाद रविवार, 10 अप्रैल, 2022 को रामनवमी के जुलूस में पथराव करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ खरगोन प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की। अपराधियों के अवैध रूप से बने भवनों और घरों को मध्य प्रदेश प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया था। इसके बाद, जैसे ही एक हसीना फखरू के घर को ध्वस्त करने की खबरें आईं, जो कथित तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना या पीएमएवाई (शहरी) के तहत बनाई गई थी।

मीडिया इस बात को उजागर करने के लिए मचल पड़ा कि पीएमएवाई के तहत बने घर को पथराव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के परिणामस्वरूप ध्वस्त कर दिया गया था। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख किया गया है। ऐसे में सवाल यह भी उठाया गया कि ऐसे घर की जाँच क्यों की जा रही है जो खुद एक सरकारी योजना के तहत बनाया गया था।

हालाँकि, यह पूरी तरह से भ्रामक दावा है, क्योंकि पथराव की घटना के कारण घर को ध्वस्त नहीं किया गया था। इसे बुलडोज़ किया गया था क्योंकि इसे पीएमएवाई अनुदान का उपयोग करके अवैध रूप से बनाया गया था। जिसके लिए प्रशासन ने पहले ही अग्रिम नोटिस जारी किया था, और उसी के अनुसार मकान को गिराया गया। प्रशासन के अनुसार अतिक्रमित जमीन पर मकान बनाया गया था, इसलिए इसे गिराया गया।

नीचे तस्वीर में प्रशासन द्वारा मकान मालिक हसीना फकरू को भेजे गए नोटिस आप देख सकते हैं, जो उन्हें 7 अप्रैल, 2022 को भेजा गया था – राम नवमी हिंसा से तीन दिन पहले, जिसमें विशेष रूप से उस जमीन का उल्लेख करता है जिस पर ‘कच्चा’ (अस्थायी) घर बनाया गया था। नोटिस में कहा गया है कि 30×30 = 900 वर्ग फुट जमीन, जिस पर फखरू का घर बनाया गया था, बिना किसी अधिकारी की अनुमति के कब्जा कर लिया गया था। नोटिस में कहा गया है, “जैसा कि आपके द्वारा किया गया अतिक्रमण साबित हो गया है, अदालत ने जमीन पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया है।”

तहसील कोर्ट द्वारा भेजा गया नोटिस

तहसील कोर्ट अपने आदेश में कहता है कि पत्र प्राप्त होने के तीन दिन बाद मकान को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए और इसकी सूचना न्यायालय को लिखित में दी जाए। नोटिस में कहा गया है कि यदि इसका पालन नहीं किया जाता है, तो प्रशासन आधिकारिक तरीके से कार्रवाई करते हुए भूमि पर कब्ज़ा ले लेगा। वहीं 10 अप्रैल को नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद हसीना फखरू के घर पर पूछताछ शुरू हो गई, और प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बनाए गए मकान को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया।

इसलिए, पीएमएवाई फंड का उपयोग करके बनाए गए इस विशेष घर के विध्वंस का पत्थरबाजों के घरों से कोई संबंध नहीं था, जिन्हें ध्वस्त कर दिया गया था। हाँ, दोनों विध्वंस एक ही समय में हुए, और मीडिया के एक धड़े ने झूठे और भ्रामक दावों के तहत इस सच को छिपाते हुए इसे भी पत्थरबाजी की कार्रवाई के तहत दिखा दिया।

हालाँकि, जैसा कि कुछ लोगों ने बताया, पीएमएवाई (शहरी) की केंद्र सरकार की योजना के तहत बनाए गए एक घर पर कार्रवाई पर सवाल उठाया जा रहा है। जबकि मकान मालकिन हसीना ने अपने घर को केंद्र की आवास नीति योजना से सहायता प्राप्त होने का सबूत दिया है, सोशल मीडिया सहित कई जगह इस बारे में सवाल उठाए गए हैं कि जिस जमीन पर सरकारी योजना के तहत घर बनाया गया है उसे अवैध कैसे कहा जा सकता है। इसे समझने के लिए, हमें सबसे पहले पीएमएवाई के बारे में गहराई से विचार करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में क्या शामिल है?

जून 2015 में शुरू की गई, इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में सभी के लिए आवास प्रदान करने का है। सरकारी वेबसाइट के अनुसार, इस मिशन के तहत घर बनाने के इच्छुक लाभार्थियों को केंद्रीय आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह नीति अलग-अलग राज्यों के लिए जलवायु विज्ञान, प्रशासनिक नीतियों और राज्य के संदर्भ के अनुसार ही भूमि अधिग्रहण और घरों के डिजाइन के लिए अलग-अलग नियम निर्धारित करती है। गौरतलब है कि PMAY एक विकेन्द्रीकृत योजना है जिसमें सरकार व्यक्तिगत रूप से उनके लिए घर बनाने के बजाय लाभार्थियों को धनराशि उपलब्ध कराती है।

योजना के तहत, सरकार निर्माण के विभिन्न स्तरों के उचित निरीक्षण के बाद लाभार्थियों को धन स्वीकृत करती है और घरों के वास्तविक निर्माण में शामिल नहीं होती है। मध्य प्रदेश के लिए पीएमएवाई दिशानिर्देशों में चरणबद्ध निर्माण के अनुसार धनराशि स्वीकृत करने के नियम निर्धारित किए गए हैं। लाभार्थी के सूचीबद्ध होने के बाद सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पैसा जमा किया जाता है और प्लिंथ स्तर, स्लैब स्तर का निर्माण पूरा होने के बाद, निर्माण प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम पैसा जमा किया जाता है।

सर्कुलर में विशेष रूप से यह नियम है कि यदि लाभार्थी के पास अपनी जमीन नहीं है, तो स्थानीय निगम के आवास विभाग को इसके लिए 30-40 वर्ग मीटर के बीच की भूमि का पता लगाना चाहिए। यह स्थानीय प्राधिकरण द्वारा उचित आश्वासन भी माँगता है कि घर के निर्माण के लिए चुनी गई भूमि कानूनी रूप से लाभार्थी के स्वामित्व में है।

जबकि हाल ही में तहसील कोर्ट ने अधिसूचित किया है कि हसीना फखरू द्वारा किया गया निर्माण एक अतिक्रमण है, जो यह स्पष्ट करता है कि इस मामले में पीएमएवाई के तहत भूमि अधिग्रहण की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। यह पूरा मामला जमीन हड़पने का लगता है। जिस पर प्रशासन ने संज्ञान लेकर कार्रवाई की है। न कि यह मामला पत्थरबाजी के खिलाफ लिए गए एक्शन के तहत आता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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