मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र होमगार्ड्स के डीजी परमबीर सिंह के खिलाफ महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए गुरुवार (2 दिसंबर, 2021) को सस्पेंड कर दिया है। परमबीर के अलावा एक अन्य डीसीपी रैंक के अधिकारी पर भी निलंबन की कार्रवाई करने के लिए महाराष्ट्र के डीजीपी को आदेश भेज दिए गए हैं।
तीन सप्ताह के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परमबीर सिंह के निलंबन की फाइल को मंजूरी दे दी। परमबीर सिंह पर सर्विस रूल के उल्लंघन का आरोप है। वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर 29 अगस्त 2021 तक की छुट्टी पर गए थे। लेकिन, छुट्टियाँ खत्म होने के बाद भी उन्होंने अपनी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। इसके अलावा परमबीर सिंह मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों की बरामदगी और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के बाद से मुंबई और सैटेलाइट शहरों में कई प्राथमिकी का सामना कर रहे हैं।
इस मामले में वरिष्ठ निरीक्षक प्रदीप शर्मा और सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था। एंटीलिया मामले की जाँच की आँच जब से परमबीर सिंह पर पहुँची तो उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 100 करोड़ रुपए की वसूली करने के लिए कहा था।
इस केस में डीजीपी संजय पांडे ने परमबीर सिंह मामले में दर्ज प्राथमिकी में शामिल सभी लोगों को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इसे अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) मनुकुमार श्रीवास्तव ने वापस कर दिया था। इसके बाद सिंह और एक डीसीपी को सस्पेंड करने का प्रस्ताव फिर से पेश किया गया। इस प्रस्ताव को राज्य के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन वो सीएम उद्धव की मंजूरी का इंतजार कर रहे थे।
कोई और काम किया तो बर्खास्त होगें परमबीर
निलंबन की अवधि में परमबीर सिंह कोई भी दूसरा काम नहीं कर सकेंगे। अगर वह ऐसा करते हुए पाए जाते हैं तो महाराष्ट्र सरकार उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई करेगी।