Friday, July 11, 2025
Homeदेश-समाजसेंट लॉरेंस स्कूल में 'जय श्रीराम' का नारा लगाने पर 6 छात्र सस्पेंड, प्रिंसिपल...

सेंट लॉरेंस स्कूल में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने पर 6 छात्र सस्पेंड, प्रिंसिपल ने आरोपों को नकारा

बच्चों को रेस्टिकेट करने के मामले में प्रिंसिपल ने सीधे पल्ला झाड़ा और कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। उनका मकसद था कि किसी छात्र के लिए कोई परेशानी उत्पन्न न हो। वो सेंट लॉरेंस के बच्चे हैं। हमें उन्हें निकालने का अधिकार नहीं। छात्र क्लास अटेंड कर रहे हैं और वही सबसे ज्यादा जरूरी है।

महाराष्ट्र के वाशी में स्थित सेंट लॉरेंस स्कूल में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने पर कक्षा 10 के 6 छात्रों को सस्पेंड करने की खबर आई थी। इसी घटना के विरोध में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने बुधवा को प्रदर्शन किया और साथ ही प्रिंसिपल सायरा केनेडी से 14 जून को मुलाकात भी की। कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल से उन छात्रों को जल्द से जल्द स्कूल में वापस बुलाने की और लिखित माफी माँगने की माँग की।

रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना सोमवार (जून 12, 2023) की है। इसी दिन कक्षा 10 के 10-12 छात्रों ने वॉशरूम के पास खड़े होकर ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया जिसे एक टीचर ने सुना और इसकी जानकारी प्रिंसिपल को दे दी गई। प्रिंसिपल ने गुस्से में आकर 6 बच्चों को स्कूल से सस्पेंड कर दिया।

एमएनएस नेता संदेश डोंगरे ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “प्रिंसिपल ने हमें माफी पत्र देते हुए छात्रों को वापस स्कूल में लेने की बात मान ली है।” वहीं प्रिंसिपल केनेडी ने बताया कि लंच के टाइम में कुछ छात्र कॉरिडोर में चिल्लाते हुए भागे। प्रिंसिपल के अनुसार उन्होंने बच्चों को शोर मचाकर भागते सुना था कोई नारा देते नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि बच्चे सस्पेंड नहीं किए गए।

प्रिंसिपल ने कहा, “मैंने जब शोर सुना तो मैं चेक करने गई। छात्र बड़े अजीब ढंग से चिल्ला रहे थे। ये सामान्य नहीं था। ये अनुशासनहीनता का मामला था। हमने जरूरी एक्शन लिया और 6 छात्रों को तीन दिन के भीतर माता-पिता को लेकर आने को कहा। इनमें से चार के अभिभावक आए। हम उनसे मिले और कहा कि इस तरह का बर्ताव किसी हाल में स्वीकार्य नहीं है।”

बच्चों को रेस्टिकेट करने के मामले में उन्होंने सीधे पल्ला झाड़ा और कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। उनका मकसद था कि किसी छात्र के लिए कोई परेशानी उत्पन्न न हो। वो सेंट लॉरेंस के बच्चे हैं। हमें उन्हें निकालने का अधिकार नहीं। छात्र क्लास अटेंड कर रहे हैं और वही सबसे ज्यादा जरूरी है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अरुणाचल के CM ने चीन की कमजोर नस दबाई: जानिए क्यों कहा तिब्बत से लगती है हमारी सीमा, क्या ‘बफर स्टेट’ बना पड़ोसी बदल...

तिब्बत की अपनी अलग पहचान है और भारत का रिश्ता उसी से है, चीन से नहीं। ये बयान चीन की विस्तारवादी नीतियों पर सीधा हमला है।

‘छांगुर पीर’ भय-लालच से त्यागी को बनाता है वसीम अकरम, पंडित शंखधर के पास तीन तलाक से मुक्ति के लिए आती है शबनम: बिलबिलाओ...

छांगुर बाबा ने हिन्दुओं का इस्लाम में जबरन धर्मांतरण करवाया जबकि जबकि पंडित शंखधर ने स्वेच्छा से सनातन में आने वालों की घर वापसी करवाई।
- विज्ञापन -