Thursday, October 3, 2024
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50-60 की संख्या में मुस्लिम भीड़ रात में घरों में घुसी, दलितों ने लगाए ‘पलायन’ के पोस्टर: मुलायम सिंह के इलाके की घटना

स्थानीय हिन्दुओं ने पूछा कि इस इलाके में हम कैसे सुरक्षित हैं? महिलाओं ने स्पष्ट बताया कि 'मुस्लिमों' ने ऐसा किया है। अगले दिन रात को उनके घरों में रोटी तक नहीं बनी।

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हिन्दुओं ने पलायन के पोस्टर लगाए हैं। ये घटना कुसमरा कस्बे की है। बता दें कि मैनपुरी समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है। पिछले 9 चुनावों से यहाँ सपा की ही जीत हुई है, जिसमें से 5 बार खुद पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव सांसद बने। फ़िलहाल वही यहाँ से सांसद हैं। कुसमरा कस्बे में एक मुस्लिम समाज की लड़की गायब हो गई, जिसके बाद कोरी समुदाय के लोगों ने अपने घर के बाहर पलायन के पोस्टर लगाए।

कोरी समुदाय ने हिन्दुओं ने बताया कि उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है, इसीलिए वो अपने घर और संपत्ति बेच कर यहाँ से चले जाएँगे। गुरुवार (जून 24, 2021) को इस घटना के सामने आने के बाद यूपी पुलिस वहाँ पहुँची और लोगों की बात सुनी। पुलिस ने सुरक्षा का आश्वासन देकर समझाया-बुझाया और पोस्टर उतरवाए। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि मंगलवार को दूसरे समुदाय की एक 13 साल की लड़की गायब हो गई थी।

नाबालिग लड़की के गायब होने के बाद परिवार ने पुलिस में शिकायती पत्र दिया और पुलिस ने इस आधार पर लड़की की तलाश शुरू की। इसी बीच मोहल्ले में अल्पसंख्यक हिन्दुओं ने प्रताड़ित किए जाने की वजह से अपने घरों के बाहर पलायन के पोस्टर लगा दिए। पुलिस ने लोगों से पूछा कि अगर कोई समस्या है तो वो बताएँ। पुलिस ने समाधान का आश्वासन दिया और पोस्टर हटवा कर स्थिति को नियंत्रित किया।

हिन्दुओं का कहना है कि नाबालिग लड़की दिल्ली में मिल गई थी, लेकिन इसके बाद भी बुधवार की रात 50-60 की संख्या में मुस्लिम भीड़ ने उनके घरों में घुस कर तलाशी ली। घर के लोग बेहद डर गए थे। महिलाएँ खासकर डरी हुई थीं। सोनू, शंभूदयाल, मुकेश, प्रमोद कुमार और संतोष कुमार सहित कई स्थानीय हिन्दुओं ने पलायन के पोस्टर लगाए। पुलिस ने इसे माहौल बिगाड़ने की साजिश बताते हुए कहा कि अराजक तत्वों पर कार्रवाई की जाएगी।

‘अमर उजाला’ की खबर के अनुसार, क्षेत्राधिकारी (CO) अमर बहादुर सिंह ने दावा किया कि अब वहाँ पर किसी तरह की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि अराजक तत्वों के बहकावे में आकर ये पोस्टर लगाए गए हो सकते हैं। स्थानीय महिलाओं ने माँग की कि उन्हें ठीक से रहने दिया जाए, वरना घर छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं है। उन्होंने न्याय की माँग की। एक लड़की ने बताया कि घर के सभी लोग सो रहे थे और किसी को कुछ खबर नहीं थी, तभी मुस्लिम भीड़ ने घरों में घुस कर तलाशी लेनी शुरू कर दी।

उसने बताया कि घरों में घुस कर एक-एक सामान, यहाँ तक कि कबाड़ निकलवा कर भी तलाशी ली गई। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर तलाशी के दौरान साथ में पुलिस होती तो वो कुछ नहीं बोलते। जिसकी बेटी गायब हुई थी, उसका नाम गियासुद्दीन बताया जा रहा है। वो अपने-आप दिल्ली गई थी या किसी के साथ, इस बारे में लोगों को कुछ नहीं पता। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने भी कुछ कार्रवाई नहीं की है।

एक हिन्दू बुजुर्ग ने बताया, “हमलोग कमजोर हैं। कोरी जाति के लोग हैं। हमलोगों को सबकी बात माननी ही है। इसीलिए, जब पुलिस ने आकर जो कहा हमने मान लिया। हम शांति चाहते हैं।” एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि पूरे मोहल्ले के हिन्दुओं (12-13 घरों) की कुण्डी जबरन खुलवा कर तलाशी ली। हिन्दुओं ने कहा कि वो इंतजार कर रहे थे कि लड़की मिल जाए, फिर कोई एक्शन लेंगे। महिलाओं ने बताया कि तलाशी के दौरान उन्हें भी नहीं बख्शा गया।

‘दैनिक जागरण’ के स्थानीय संस्करण में प्रकाशित खबर

उन्होंने पूछा कि इस इलाके में हम कैसे सुरक्षित हैं? महिलाओं ने स्पष्ट बताया कि ‘मुस्लिमों’ ने ऐसा किया है। अगले दिन रात को उनके घरों में रोटी तक नहीं बनी। आधी रात को घरों में घुस कर तलाशी ली गई थी। एक परिवार के घर में मुस्लिम भीड़ रात के 1 बजे घुसी। ‘हिन्दू जागरण मंच’ के पदाधिकारी भी मोहल्ले में पहुँचे और न्याय की माँग की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अब तक इस मामले में मुकदमा भी दर्ज नहीं किया है।

हिन्दू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इलाके के मुस्लिम माँस की सप्लाई भी करते हैं। उन्होंने चौकी पहुँच कर शिकायत दर्ज करने की माँग की। कोरी समुदाय अनुसूचित जाति (SC) में आते हैं। मैनपुरी के कैथपुर में भी हिन्दुओं के प्रताड़ित होने की बात कही जा रही है। ‘हिन्दू जागरण मंच’ ने इन घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करने की बात कही है। फ़िलहाल इलाके में शांति है।

ऑपइंडिया ने भी स्थानीय लोगों से संपर्क किया, जिन्होंने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि उनके घर में महिलाएँ हैं, लड़कियाँ हैं – ऐसे में किसी भीड़ का घर में घुस जाने से वो लोग सहमे हुए। हैं। उन्होंने पूछा कि उनके पास पुलिस या ‘बड़े लोगों’ बात मानने के अलावा और क्या विकल्प है? उन्होंने कहा कि पुलिस आकर अगर 10 बार भी तलाशी लेती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि आगे भी ऐसा किया जा सकता है।

हमने इस पूरे मामले के बारे में पुलिस का पक्ष जानने के लिए किशनी थाने से भी संपर्क किया। प्रभारी निरीक्षक एके सिंह ने बताया कि स्थानीय लोगों ने लिखित में दे दिया है कि वो आपस में मिलजुल कर रहते हैं और उनमें सामंजस्य है, इसीलिए अब इस मामले में कुछ भी नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अराजक तत्वों के बहकावे में आकर वो पोस्टर लगाए गए थे। घर में घुस कर तलाशी लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने आपस में मिल-बैठ कर मामला सुलझाने की बात कही है।

हाल ही में कानपुर से भी ऐसी ही खबर सामने आई थी। कर्नलगंज में 10 हिन्दू परिवारों ने अपने घर छोड़ने का निर्णय ले लिया था। वहाँ के हिन्दू परिवारों का कहना था कि उन पर दबाव बनाया जा रहा है कि या तो वो इस्लाम मजहब अपना कर मुस्लिम बन जाएँ, या फिर घर छोड़ कर चले जाएँ। एक परिवार ने बताया कि उनके घर की बेटी के साथ छेड़छाड़ की गई और जब भाइयों ने मना किया तो घर में घुस कर मारपीट की गई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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