मालदीव में फँसे भारतीयों को लेकर नौसेना का जहाज जलाश्व रविवार (अप्रैल 10, 2020) को सुबह माले से कोच्चि बंदरगाह पहुँचा। इसके साथ ही कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के दौरान विदेशी सरजमीं से भारतीयों को निकालने का भारतीय नौसेना का पहला बड़ा अभियान पूरा हो गया।
Kerala: INS Jalashwa carrying 698 Indians from Maldives arrived at Kochi port today. Around 40 KSRTC buses, 50 cars and ambulances are parked outside the Port to take the passengers to different quarantine centers after their medical checkup. pic.twitter.com/p3qZClXw69
— ANI (@ANI) May 10, 2020
बता दें कि नौसेना ने विदेश में फँसे लोगों को लाने के लिए समुद्र सेतु नाम से अभियान चलाया है। इस जहाज से 19 गर्भवती महिलाओं समेत 698 भारतीय यात्रियों को स्वदेश लाया गया। जहाज पर दवाओं के साथ अन्य चिकित्सा सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थे।
#WATCH A pregnant woman on board INS Jalashwa thanks Indian Navy for evacuating her from Malé, Maldives. INS Jalashwa with 698 Indians on board arrived at Kochi Harbour in Kerala today. (Video Source – Indian Navy) pic.twitter.com/vYEC9cl5vH
— ANI (@ANI) May 10, 2020
जहाज में सवार एक गर्भवती महिला ने इसके लिए भारतीय नौसेना का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें विमान में खाना, दवाई, सैनिटाइजर, मेडिकल सुविधाएँ जैसी हर की सहायता प्रदान की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप मालदीव में हैं और किसी तरह की मुश्किल में हैं या प्रेगनेंट हैं, तो वो शिप में वापस आ सकती हैं। यहाँ पर उनका काफी अच्छे से ख्याल रखा जाता है। महिला ने इसके लिए खास तौर पर भारतीय नौसेना को धन्यवाद दिया।
#WATCH Kerala: INS Jalashwa arrives at Kochi Harbour bringing back 698 Indian nationals from Male, Maldives. According to the Indian Navy, there are 19 pregnant women among the 698 Indian nationals. #OperationSamudraSetu pic.twitter.com/ZTUjQ0hKDJ
— ANI (@ANI) May 10, 2020
ऑपरेशन के पहले चरण के तहत नौसेना के दो बड़े युद्धपोत माले पहुँचे थे। उनमें से आईएनएस जलाश्व 698 भारतीयों को लेकर शुक्रवार (मई 8, 2020) को केरल के कोच्चि के लिए रवाना हुआ था। भारतीय नौसेना ने आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर की मदद से मालदीव में रह रहे करीब 1800 से 2000 लोगों को स्वदेश वापस लाने की योजना बनाई है।
इसके लिए नौसेना के जहाजों को चार बार चक्कर लगाने होंगे। इसमें दो चक्कर कोच्चि के लिए और दो चक्कर तूतीकोरिन के लिए होंगे। स्वदेश वापसी में जबसे ज्यादा प्राथमिकता जरूरतमंद लोगों को ही दी जा रही है। इनमें बच्चे, बूढ़े, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएँ शामिल हैं।
नौसेना के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण भारत सरकार विदेशों में फँसे भारतीयों को वापस लाना चाहती है। इसके लिए सरकार ने नौसेना को जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिए थे।
विदेश से लाए गए नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के लिए सभी बंदोबस्त कर लिए गए हैं। इनमें केरल के 440 लोग और बाकी देश के अन्य हिस्सों के लोग हैं। आईएनएस जलाश्व से आए लोगों में दिल्ली, हिमाचल प्रदेश के नागरिक भी शामिल हैं।
केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों के अनुसार विदेश से लौटने वालों को एक सप्ताह के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। इसके बाद एक सप्ताह उन्हें अपने घर में आइसोलेशन में रहना होगा। किसी में कोरोना के लक्षण मिलने पर उसे फौरन कोरोना का इलाज करने वाले अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।