Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाजग्राम विकास के लिए आवाज बनकर आगे आया एक किसान, RTI के जवाब में...

ग्राम विकास के लिए आवाज बनकर आगे आया एक किसान, RTI के जवाब में माँग रहा अधिकारियों से सारा हिसाब

इस पूरे मामले में सारा खेल ग्राम प्रधान और सचिव तरुण वर्मा खेल रहे हैं। बाकी अधिकारी केवल फाइल बढ़ा रहे हैं। अगर, इस मामले को ढंग से सुन लिया जाए तो ये एक दिन में परेशानी सुलझ जाएगी। वे कहते हैं कि उन्होंने ग्रामीणों को ये तक बोला है कि अगर बीडीओ तक पहुँचने के बाद सुनवाई नहीं हो रही तो सीधे डीएम के पास चलिए।

उत्तर प्रदेश के मथुरा नगरी से 5 किलोमीटर दूर कल्याणपुर गाँव है। इस गाँव का एक किसान पिछले 2 साल से अपने गाँव में हुए विकास कार्यों का लेखा-जोखा जानने के लिए अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रहा है। किसान का नाम शिवशंकर शुक्ला है। जिनकी माँग बस ये है कि उन्हें उनकी आरटीआई का जवाब मिल जाए। उनके मुताबिक, उन्होंने 2 साल पहले गाँव की स्थिति को देखते हुए ये जानना चाहा था कि आखिर सरकार जो राशि ग्राम विकास के लिए लगातार भेज रही है उसका उपयोग कहाँ हो रहा है।

40 वर्षीय शिवशंकर ऑपइंडिया से  बातचीत के दौरान बताते हैं कि उन्होंने अपनी किसी व्यक्तिगत समस्या के लिए आवाज नहीं उठाई है। वे सम्पूर्ण ग्राम का विकास चाहते हैं और इसी की खातिर पिछले 2 साल से भटक रहे हैं। लेकिन दुख ये है कि उन्हें उनकी RTI का जवाब अब तक नहीं मिला। इसके बदले उन्हें और उनके परिवार को गाँव में आते-जाते केस को वापस लेने के लिए धमकियाँ जरूर दी जानें लगीं।

कल्याणपुर गाँव की स्थिति

उनका आरोप है कि उनका ग्राम प्रधान जगदीश प्रसाद और ग्राम विकास अधिकारी तरुण वर्मा सरकारी पैसों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और विकास के लिए आई राशि काम में नहीं लगा रहे। शिवशंकर की मानें तो, उनका ग्राम प्रधान दूसरे गाँव मदिरा मावली का है जिन्होंने कल्याणपुर में विकास कराने के नाम पर एक भी रुपया नहीं लगाया। लेकिन अपने इलाके में काम करवा लिया। वहीं ग्राम विकास अधिकारी तरुण शर्मा हैं- जो ज्यादा पूछने पर कहते हैं कि उनका इन सबसे कुछ नहीं बिगड़ेगा ज्यादा से ज्यादा बस पैसा खर्च होगा।

आरटीआई में पूछे गए सवाल

शिवशंकर के अनुसार उन्होंने इस संबंध में पहले बीडीओ स्तर पर शिकायत की थी। यहाँ से उन्हें जवाब मिला कि वो सारा लेखा-जोखा आरटीआई के जरिए जान सकते हैं। इसके बाद उन्होंने आरटीआई लगाई। पर, फिर भी मामला वैसे ही अटका रहा। उन्होंने एसडीएम और राज्यपाल तक अपनी बात पहुँचाई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अधिकारियों के पास लगाई गई शिकायत

गाँव की स्थिति पर बात करते हुए कल्याणपुर निवासी धीरज शुक्ला, विपिन और दशरथ भी अपनी परेशानियाँ बताते हैं। वे कहते हैं कि गाँव में जगह-जगह गंदा पानी भरा हैं और निकास के लिए भी कोई नाला नहीं है। इसके अलावा गाँव में कहीं कोई खड़ंजा तक नहीं है। मामले में आरटीआई पर पूछे जाने पर सभी ग्रामीण भी उन सभी आरोपों पर सहमति भरते हैं। साथ ही ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की करतूतों पर भी बात रखते हैं।

अधिकारियों के पास लगाई गई शिकायत

आरटीआई लगाकर ग्राम विकास की राशि का ब्यौरा माँगने वाले शिवशंकर का केस इस समय जाँच के लिए जिला परियोजना परिवेक्षक अधिकारी पीडी बलराम कुमार के पास है। शिवशंकर कहते हैं कि इस मामले को पीडी बलराम के पास तक पहुँचे 4-5 महीने हो चुके हैं। अभी भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बड़े दुखी मन से अपनी परेशानी को साझा करते हुए शिवशंकर ये तक कह देते हैं कि अब अगर कार्रवाई नहीं हुई तो शायद वो कोई गलत कदम भी उठा लेंगे। 

अपील

जाँच कर रहे अधिकारी का क्या कहना है?

वहीं इस मामले की जाँच कर रहे मथुरा के परियोजना निदेशक बलराम कुमार इस विषय पर ऑपइंडिया को जानकारी देते हैं कि उनके पास 4-5 महीने से इस मामले पर जाँच जरूर है। लेकिन लॉकडाउन के कारण इसपर एक्शन नहीं लिया गया था। अभी शिकायत के आधार पर ग्राम पंचायत को नोटिस भेजा गया है और उन पर लगे आरोपों पर 7 दिन में जवाब माँगा गया है। कुछ दिन में ये अवधि पूरी होगी। जवाब आते ही जल्द से जल्द मामले पर रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

हिंदू रक्षा सेना ने भी उठाया मामला

यहाँ बता दें कि इस मामले पर अब हिंदू रक्षा सेना के जिला प्रमुख ऋषि शर्मा ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में एक कार्यकर्ता से मालूम चला। इसके बाद उन्होंने शिवशंकर से मिलकर पूरा मामला जाना और उन्हें आश्वासन दिया कि वे लोग अपने स्तर पर उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे। 

करीब एक महीने पहले हुई मुलाकात के बाद हिंदू रक्षा सेना जिला प्रमुख इस मामले पर लगातार अधिकारियों से बात करते रहे। उन्होंने पिछले दिनों परियोजना अधिकारी से भी बात की और उन्हें इस मामले में स्पष्ट व निष्पक्ष होकर कार्रवाई करने की अपील की।

ऋषि शर्मा कहते हैं कि इस मामले में केवल कागजों को इधर से उधर फॉरवर्ड किया गया। पर, कार्रवाई कुछ नहीं हुई और जानकारी भी किसी ने कहीं से भी नहीं दी। ऐसे में संदेह तो इसी तरफ जाता है कि गाँव वाले जो बातें बोल रहे हों, वो सब सही हो।

आखिर क्यों कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है। ऋषि का कहना है कि अगर आगे भी मामले में यही सब हुआ तो वे पीड़ित ग्रामीणों को लेकर सीएम के जनता दरबार तक जाएँगे।

उनके मुताबिक, इस पूरे मामले में सारा खेल ग्राम प्रधान और सचिव तरुण वर्मा खेल रहे हैं। बाकी अधिकारी केवल फाइल बढ़ा रहे हैं। अगर, इस मामले को ढंग से सुन लिया जाए तो ये एक दिन में परेशानी सुलझ जाएगी। वे कहते हैं कि उन्होंने ग्रामीणों को ये तक बोला है कि अगर बीडीओ तक पहुँचने के बाद सुनवाई नहीं हो रही तो सीधे डीएम के पास चलिए।

शिवशंकर शुक्ला का मामला क्यों है विचारणीय?

उल्लेखनीय है कि मथुरा नगर से थोड़ी दूर पर ये स्थित गाँव की हालत आज केवल इसलिए विचारणीय नही कि यहाँ पर अन्य जगहों की तरह अधिकारियों पर सरकार द्वारा भेजी राशि इधर-उधर करने का आरोप लगा है। बल्कि इसलिए विचार योग्य है क्योंकि एक किसान अपने गाँव के विकास की खातिर बुलंद आवाज बनकर सामने आया है। 

जहाँ आम तौर पर ग्रामीणों को सुध ही नहीं होती कि सरकार उनके लिए क्या कर रही है, क्या नहीं? वहीं ये किसान समूचे गाँव की स्थिति पर अधिकारियों के आमने-सामने आ खड़े हुए हैं और एक जागरूक नागरिक की तरह अपने अधिकार की माँग कर रहे है। लेकिन शायद उनकी सुनवाई इसलिए नहीं है क्योंकि वे संवैधानिक रूप से हर चरणबद्ध प्रक्रिया के जरिए इंसाफ़ माँग रहे हैं।

अगर आज ऐसे में भी शिवशंकर शुक्ला जैसे लोगों की बात अधिकारियों के दफ्तर से आई-गई कर दी गई या उसे अनसुना कर दिया गया। तो क्या कोई भी पिछड़े गाँव या तबके का व्यक्ति अपनी आवाज बुलंद कर पाएगा या अपने अधिकारों के मूल्य को समझ पाएगा। शायद नहीं…इसलिए जरूरत है कि इस केस में एक्शन लेकर ग्रामीणों को संतुष्ट किया जाए।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मार्क्सवादी सोच पर नहीं करेंगे काम: संपत्ति के बँटवारे पर बोला सुप्रीम कोर्ट, कहा- निजी प्रॉपर्टी नहीं ले सकते

संपत्ति के बँटवारे केस सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा है कि वो मार्क्सवादी विचार का पालन नहीं करेंगे, जो कहता है कि सब संपत्ति राज्य की है।

मोहम्मद जुबैर को ‘जेहादी’ कहने वाले व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने दी क्लीनचिट, कोर्ट को बताया- पूछताछ में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला

मोहम्मद जुबैर को 'जेहादी' कहने वाले जगदीश कुमार को दिल्ली पुलिस ने क्लीनचिट देते हुए कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe