उत्तर प्रदेश के मथुरा से 50 किमी दूर के गाँव है- मडोरा। मडोरा में कुछ दिन पहले कपूर प्रजापति से ‘कासिफ’ बना व्यक्ति अपनी अपनी दो नाबालिग बच्चियों का निकाह दूसरे समुदाय के मेवात के दो युवकों से करवाने जा रहा था।
हिंदूवादी संगठनों को इसकी सूचना मिलते ही नाबालिग लड़कियों की जिंदगी तबाह होने से बचा ली गई और आरोपित पिता को जेल में बंद कर दिया गया। लेकिन इस धर्म-परिवर्तन के खेल को रचने वाला तैयब अब भी पुलिस की पकड़ से फरार है।
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कपूर प्रजापति की भाभी से ऑपइंडिया की बात
ऑपइंडिया ने पूरे मामले पर जानकारी जुटाने के लिए कपूर प्रजापति के परिजनों से बात करने की कोशिश की। हमारा संपर्क उसकी भाभी महेंद्री से हो पाया। महेंद्री ने हमें बताया, “कपूरा (शिकायत में नाम कपूर है) ने करीब 20 साल पहले दो लड़कियों और 1 आदमी को मारा था। उस समय गाँव के दूसरे समुदाय के लोगों ने कहा कि यदि वो धर्मान्तरण कर लेगा तो उस पर कोई केस नहीं होने देंगे। इसी के बाद उसने इस्लाम अपनाया। लेकिन हम सबको बोलता रहा कि मैंने अपनी मर्जी से इसे कबूल किया है।”
महेंद्री बताती हैं कि इस पूरे घटनाक्रम में गाँव के एक तैयब नामक व्यक्ति ने कपूरा को खूब उकसाया था। उन्होंने कहा, “उसने अपने ऊपर लगे आरोपों के कारण करीब एक साल जेल भी काटी। इस दौरान भी तैयब उसके साथ ही था। मगर, बाद में कपूरा के भैया ने जमानत देकर उसे छुड़वा लिया। इसके बाद वह हिंदू बना और हमारे ससुर ने उसके नाम जमीन कर दी। जमीन पाते ही कपूरा फिर तैयब की दोस्ती में पड़ गया और एक साल पहले ही फिर से इस्लाम कबूल कर लिया।”
कपूरा की भाभी अपनी भतीजियों की शादी की जानकारी हमसे साझा करते हुए कहती हैं कि कपूरा और उसकी पत्नी अपनी नाबालिग बच्चियों की शादी मेवात के दूसरे मजहब के युवकों से करवाना चाहते थे और साथ ही उनको भी धमकी देते थे कि या तो वह अपने आप इस्लाम अपना लें या फिर वे लोग उन्हें मजबूर कर बना देंगे।
कपूर प्रजापति “काशिम” बन गया, तो गोपाल का बेटा दिनेश “अबदुल्ला” हो गया है और अपनी दोनों नाबालिग बेटियों का निक़ाह #मेवात में कर रहा है, गाँव वाले बताते हैं की उसे निक़ाह के बदले ट्रैक्टर और जमीन मिल रही है, घटना #मथुरा के गांव मरोड़ा गाँव की है। #महिला बता रही है मैं मजबूर हूँ pic.twitter.com/PB6yexfNsU
— Gaurav Mishra गौरव मिश्रा 🇮🇳 (@gauravstvnews) July 12, 2020
महेंद्री के मुताबिक, इस बात पर कई बार कपूरा और उनके जेठ के बेटे ने उनसे मारपीट भी की थी। वे बताती हैं कि आखिरी बार मारपीट की घटना 5-6 महीने पहले हुई थी। उन्होंने इस घटना पर शिकायत दर्ज करवानी चाही थी। लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
8 बेटियों और 1 बेटे की माँ महेंद्री का कहना है कि कपूरा और उनके जेठ के लड़के ने उनके धर्मांतरण के लिए उनके बच्चों को मारने की धमकी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर हमने धर्मांतरण नहीं किया तो बच्चों को मार देंगे।
उनके मुताबिक कपूरा के दिमाग में धर्म परिवर्तन की बात तैयब ही डालता है। लेकिन, फिलहाल उसे नाबालिग बेटियों की शादी करवाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। पर, तैयब अभी भी फरार है।
यहाँ बता दें, लड़कियों के नाबालिग होने का सबूत उनके स्कूल से भी मिले हैं, जिसे हिंदूवादी संगठनों ने अपनी शिकायत के साथ संलग्न किया है। इससे पता चलता है कि कपूरा की दोनों बेटियाँ नाबालिग हैं। मगर बावजूद इसके वो उनका निकाह करवाना चाहता था।
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ऑपइंडिया की पुलिस से बात
ऑपइंडिया ने कपूरा की गिरफ्तारी की पुष्टि करने के लिए गोवर्धन एसएचओ से भी बात की। उन्होंने बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनका नाम कपूरा और दिनेश है। पुलिस के मुताबिक कुछ आरोपित अभी फरार चल रहे हैं। उनपर भी कार्रवाई होगी। अभी उनके लिए छानबीन जारी है। गाँव में पुलिसवालों को तैनात किया गया है। लड़कियों के नाबालिग होने का भी प्रमाण मिल चुका है।
हिंदू संगठन का पक्ष
इसके बाद ऑपइंडिया ने इस संबंध में हिंदू संगठन से संपर्क किया। हमारी बात हिंदू दल रक्षा के जिला प्रमुख ऋषि कुमार शर्मा से हुई। हमने उनसे जानना चाहा कि आखिर ये मामला उनके संज्ञान में कैसा आया। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी ने इस घटना के बारे में फोन करके बताया था। अब चूँकि वो उस गाँव से 20-25 किमी दूर रहते थे। तो उन्होंने अपने कुछ साथियों से इस मामले की प्रमाणिकता का पता लगाने को कहा। पड़ताल में उन्हें पता चला कि मामला शत-प्रतिशत सही है।
इसके बाद उन्होंने एसपी देहात को इस घटना की लिखित में जानकारी दी और अगले दिन स्वयं कुछ साथियों के साथ मरोडा गाँव में पहुँच गए। इस बीच उन्होंने पूरे मामले के बारे में वहाँ के विधायक, थानाध्यक्ष और सीओ को जानकारी दे दी। लेकिन जब वे वहाँ पहुँचे तो तादाद में ज्यादा होने के कारण कुछ अधिकारियों ने उन लोगों को गाँव में जाने से मना कर दिया। अधिकारियों का मानना था कि इस तरह भीड़ के गाँव में जाने से वहाँ का माहौल बिगड़ सकता है या आपसी झड़प भी हो सकती है।
हिंदूवादी संगठन के जिला प्रमुख ऋषि बताते हैं कि उनके संगठन की पहली प्राथमिकता सिर्फ़ लड़कियों की शादी रुकवानी थी, क्योंकि उनके स्कूल से मिला प्रमाण भी यही बता रहा था कि वो नाबालिग हैं। ऋषि के अनुसार, इस घटना की जानकारी होने के बाद कई स्थानीय युवकों और संगठन से जुड़े लोगों में काफी गुस्सा था, जिसको भाँपते हुए ये तक कह दिया गया था कि अगर हिंदूवादी नेता कोई भी हंगामा करता है तो उसे जेल में डाल दो। लेकिन, एक स्थानीय भाजपा नेता के बेटे जीतू ने उन युवकों को समय रहते समझाया और शांत रहने की अपील करते हुए एक हफ्ते का समय माँगा।
उन्होंने आश्वासन दिया कि वे ये शादी नहीं होने देंगे और घर के मुखिया पर भी कार्रवाई करवाएँगे जिसने नाबालिग लड़कियों की शादी मेवात के दूसरे समुदाय से करवाने के बारे में सोची। ऋषि स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि उनकी माँग ये है कि कपूरा के साथ जो हुआ, वो अच्छा है। लेकिन तैयब पर भी जल्द से जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए। क्योंकि, कपूरा सिर्फ़ एक मोहरा था। लेकिन असली खेल रचने वाला तैयब है। अगर मास्टरमाइंड बाहर रहता है तो वो आने वाले समय में और लोगों को भी अपना शिकार बनाएगा।
ऋषि कहते हैं, “पुलिस ने हम लोगों से कहा कि हड़कंप न मचाएँ। प्रशासन अपना काम कर रहा है। लेकिन आप खुद सोचिए। अगर प्रशासन वाकई अपना काम कर रहा है, तो लोगों ने हमें फोन करके इस बारे में जानकारी क्यों दी? हम तो उन्हें जानते भी नहीं थे। हमारा नंबर फेसबुक से निकालकर हमें इस संबंध में बताया गया।”