अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तृणमूल कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले के खिलाफ धन शोधन विरोधी कानून के तहत आपराधिक आरोप तय कर दिए है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि गोखले के खिलाफ क्राउड फंडिंग के जरिए जुटाए गए धन के दुरुपयोग को लेकर गुजरात पुलिस की एफआईआर के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ने कहा कि अहमदाबाद (ग्रामीण) विशेष अदालत ने टीएमसी सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता गोखले के खिलाफ मंगलवार (13 अगस्त 2024) को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून 2002 के तहत आपराधिक आरोप तय किए। मामले में 31 वर्षीय सांसद के खिलाफ पिछले साल चार्जशीट दायर की गई थी। आरोप है कि क्राउड फंडिंग से जुटाए गए धन को गोखले ने अपने ऊपर खर्च किया, जिनमें शेयर बाजार में इंट्रा डे ट्रेडिंग, क्रेडिट कार्ड बिल आदि के भुगतान शामिल हैं। वहीं, गोखले का कहना है कि उन्होंने इस धन का कोई दुरुपयोग नहीं किया।
and National Spokespersons of All India Trinamool Congress (TMC) under the provisions of PMLA, 2002 in Prosecution Complaint filed by ED. Charges against him for Scheduled offence in Police case had also been framed.
— ED (@dir_ed) August 13, 2024
ईडी ने कहा कि विशेष अदालत ने सीआरपीसी की धारा 309 के तहत गोखले की ओर से दायर उस आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज अनुसूचित अपराध के मामले का फैसला होने तक पीएमएलए के तहत कार्यवाही को स्थगित रखने की माँग की गई थी।
गुजरात पुलिस की अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने टीएमसी नेता 30 दिसंबर, 2022 को चंदा के माध्यम से एकत्र किए गए धन के कथित दुरुपयोग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उन पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 467 (जालसाजी) के तहत आरोप लगाए गए हैं। स्पेशल कोर्ट ने कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में पिछले साल मई में गोखले को नियमित जमानत दे दी थी।