Friday, March 29, 2024
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21 साल की उम्र में रेप, तत्कालीन CM को धमकी और जज के सामने गवाह की हत्या: 58 मामलों के आरोपित मुख्तार की गैंगवार में मौत

मुख्तार पहली बार 1982 में 21 साल की उम्र में रेप के एक मामले में गिरफ्तार हुआ था। उसके बाद वह हत्या, रेप, अपहरण और फिरौती सहित हर तरह के अपराध को अंजाम देने लगा। साल 1996 में इसने फिरौती के लिए रायसेन जिले के तीन बच्चों का अपहरण किया था।

मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को धमकी देने वाला भोपाल के कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार मलिक (Gangstaer Mukhtar Malik) की गैंगवार में गोली लगने के बाद शुक्रवार (3 जून 2022) को मौत हो गई। 58 मुकदमों में आरोपित मुख्तार राजस्थान के झालावाड़ में एक नदी से करीब एक किलोमीटर दूर जंगल में घायल अवस्था में मिला था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

कहा जा रहा है कि 61 वर्षीय मुख्तार का मंगलवार-बुधवार की रात भीमासागर बाँध के कैचमेंट एरिया में मछली पकड़ने को लेकर राजस्थान के बंटी गैंग के बीच गैंगवार हुआ था। इसमें मुख्तार गैंग के कमाल की मौत हो गई थी, जबकि उसका राइट हैंड माना जाने वाला विक्की वाहिद घायल हो गया था।

पुलिस के मुताबिक, भीमसागर बाँध के नदी क्षेत्र में मछली पकड़ने का ठेका मुख्तार मलिक ने गैंगवार के एक दिन पहले ही लिया था। मंगलवार देर रात वह 11 मजदूरों के साथ कांस खेड़ली के पास नाव से पेट्रोलिंग कर रहा था। इसी दौरान गाँव के रहने वाले मछुआरों से कहासुनी हो गई और फिर दोनों ओर से फायरिंग होने लगी।

रिपोर्ट के अनुसार, नदी के बाँध क्षेत्र में मछली पकड़ने का ठेका पहले दिल्ली के इरशाद व अन्य व्यक्तियों को दिया गया था। उन्होंने 31 मई को ही 12 प्रतिशत बढ़ाकर इसे भोपाल के मुख्तार मलिक को बेच दिया। दरअसल, बंटी गैंग इरशाद से ढाई लाख रुपए की रंगदारी माँग रहा था। इसलिए उसने मुख्तार को ठेका बेच दिया।

मुख्तार पहली बार 1982 में 21 साल की उम्र में रेप के एक मामले में गिरफ्तार हुआ था। उसके बाद वह हत्या, रेप, अपहरण और फिरौती सहित हर तरह के अपराध को अंजाम देने लगा। साल 1990 में उसने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा तक को धमकी दे दी थी। साल 1996 में इसने फिरौती के लिए रायसेन जिले के तीन बच्चों का अपहरण किया था।

मुख्तार का आतंक इतना था कि पुलिस भी उसे गिरफ्तार करने से घबराती थी। भोपाल के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपने खिलाफ गवाही देने आए व्यक्ति पर मुख्तार मलिक ने जज के सामने गोली चला दी थी। मुन्ने पेंटर गैंग के साथ इस गैंगवार में 2006 में उसे फाँसी की सजा सुनाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास में बदल दिया था।

इसके अलावा, किडनैपिंग के एक मामले में उसकी एक IPS के नेतृत्व में पुलिस दल से चिकलोद के जंगलों में मुठभेड़ भी हुई थी। इसमें उसके दो शूटर मारे गए थे, लेकिन वह बाल-बाल बच गया था। बताया जा रहा है कि वह अभी जमानत पर बाहर आया था। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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