Sunday, April 20, 2025
Homeदेश-समाजनहीं रहे 26/11 के हीरो हरिश्चंद्र श्रीवर्धानकर: कसाब को पहचाना था, आतंकी इस्माइल को...

नहीं रहे 26/11 के हीरो हरिश्चंद्र श्रीवर्धानकर: कसाब को पहचाना था, आतंकी इस्माइल को ऑफिस बैग से मारा था

26 नवंबर 2008 को मुंबई में जब पाकिस्तान से आए दस आतंकियों ने हमला किया था तो हरिश्चंद्र श्रीवर्धानकर को दो गोलियॉं लगी थी। उन्हें कामा अस्पताल के निकट कसाब और उसके साथी अबू इस्माइल ने गोली मारी थी। उन्होंने अपने ऑफिस बैग से इस्माइल को मारा भी था।

हरिश्चंद्र श्रीवर्धानकर का कल (27 मई 2020) को ठाणे जिले के कल्याण स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे 70 साल के थे। मुंबई के 26/11 हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब की अदालत में पहचान करने वाले वे मुख्य गवाह थे।

श्रीवर्धनकर मूल रूप से कोंकण के हरिहरेश्वर के रहने वाले थे। वह खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। उनके परिवार में पत्नी, दो पुत्र, दो पुत्री और एक बहू है।

26 नवंबर 2008 को मुंबई में जब पाकिस्तान से आए दस आतंकियों ने हमला किया था तो हरिश्चंद्र को दो गोलियॉं लगी थी। उन्हें कामा अस्पताल के निकट कसाब और उसके साथी अबू इस्माइल ने गोली मारी थी। उन्होंने अपने ऑफिस बैग से इस्माइल को मारा भी था।

सूत्रों ने बताया, ‘‘मंगलवार की रात उनका निधन हो गया।’’ हरिश्चंद्र पहले ऐसे गवाह थे जिन्होंने विशेष अदालत के समक्ष कसाब की पहचान की थी और उसके खिलाफ गवाही दी थी। कसाब एकमात्र आतंकवादी था जिसे जिंदा पकड़ा गया था और 21 नवंबर 2012 को पुणे की यरवदा जेल में उसे फांसी पर लटकाया गया था।”

कुछ दिनों पहले श्रीवर्धनकर को असहाय अवस्था में रास्ते में पाया गया था। वह बीमार थे। गरीबी से लाचार उनके परिवार वाले उनका इलाज नहीं करा पा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कुछ हफ़्ते पहले कल्याण के एक निजी अस्पताल में जाकर श्रीवर्धनकर के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। साथ ही उन्होंने भाजपा की तरफ से श्रीवर्धनकर के परिवार को 10 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा भी की थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बलात्कारियों से सहानुभूति और रेप पीड़िताओं को दोषी ठहराने की प्रवृत्ति: भारत की अदालतें खोज रहीं नए-नए तरीके, अपराधियों की जमानत के कई खतरे

न्यायपालिका जब पीड़ितों को उनके मित्रों से मिलने या 'पर्याप्त' प्रतिरोध नहीं करने के लिए दोषी ठहराती हैं तो स्थिति और भी खराब हो जाती है।

‘इस बर्बर घटना से हम व्यथित, खुलेआम घूम रहे अपराधी’: भारत ने हिंदू नेता की हत्या पर बांग्लादेश को फटकारा, कहा – ये चिंताजनक...

"यह घटना एक बड़े और चिंताजनक पैटर्न का हिस्सा है, जहाँ मोहम्मद यूनुस के शासनकाल में हिंदू अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।"
- विज्ञापन -