Saturday, June 22, 2024
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पटना में परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को दिए गए थे प्रश्न-पत्र, गुजरात को गोधरा में बेच डाला NEET का परीक्षा केंद्र: गुजरात पुलिस ने 5 को दबोचा, करोड़ों के लेनदेन की मिली जानकारी

ये गिरफ्तारी उस समय हुई जब NEET की परीक्षा लेने वाली एजेंसी NTA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 विद्यार्थियों के मार्क्स कैंसिल जाएंँगे। साथ ही कोर्ट को यह भी बताया था कि अगर ये अभ्यर्थी चाहें तो परीक्षा में फिर से भाग ले सकते हैं। इसकी परीक्षा 23 जून 2024 को आयोजित की जाएगी और उसका परिणाम 30 जून को जारी किया जाएगा।

गोधरा NEET धोखाधड़ी घोटाले की जाँच में पुलिस को 12 छात्रों, उनके अभिभावकों और दोषी व्यक्तियों के बीच करोड़ों रुपए के लेन-देन का पता चला है। जाँच में MBBS डिग्री के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) में धोखाधड़ी में सहायता के लिए धन लेनदेन की घटना सामने आई है। यहाँ परीक्षा सेंटर ही बेच दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने पाँच आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

जाँच में यह सामने आया है कि NEET के लिए खास परीक्षा सेंटर आवंटित करने के लिए 10 लाख रुपए दिए गए थे। इस मामले में अधिकारियों ने कई बैंक चेक भी बरामद किए हैं। आरोपितों से जब्त किए गए चेक पर अभ्यर्थियों के माता-पिता के फोन नंबर लिखे हुए हैं। इस तरह कुल 2.30 करोड़ रुपए (कुछ रिपोर्ट में 2.82 करोड़ रुपए) चेक मिले हैं और लगभग 12 करोड़ रुपए की वित्तीय लेन-देन की जानकारी सामने आई है।

इस मामले के सभी आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले के मुख्य आरोपित तुषार भट्ट की अंतरिम जमानत याचिका को भी गोधरा जिला अदालत ने खारिज कर दिया है। वहीं, इस मामले में पुलिस ने पैसे देने वाले विद्यार्थियों और उनके माता-पिता के बयान दर्ज कर रही है। यह रैकेट पुरुषोत्तम रॉय नाम के व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा था।

मामले में शामिल 12 छात्रों में से चार ने वडोदरा के परशुराम रॉय द्वारा संचालित रॉय ओवरसीज कंपनी के बैंक खाते में ₹66 लाख जमा किए। छात्रों ने तुषार भट्ट और परशुराम रॉय को ₹2.82 करोड़ के चेक भी दिए। जाँच में यह भी पता चला कि तीन छात्रों ने भट्ट और रॉय को खाली चेक दिए, जो नीट परीक्षा में कथित कदाचार के लिए एक बड़े मौद्रिक लेनदेन का संकेत देते हैं।

जाँच में पता चला है कि आरोपितों और विद्यार्थियों एवं उनके माता-पिता के बीच 12 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है। इनमें से अकेले 2.30 करोड़ रुपए का लेन-देन परशुराम रॉय के साथ हुआ है। NEET परीक्षा में आरोपितों को लगभग 26 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान था। इसके लिए उन्होंने हर छात्र से 10 लाख रुपए की रेट तय कर रखी थी।

ये गिरफ्तारी उस समय हुई जब NEET की परीक्षा लेने वाली एजेंसी NTA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 विद्यार्थियों के मार्क्स कैंसिल जाएंँगे। साथ ही कोर्ट को यह भी बताया था कि अगर ये अभ्यर्थी चाहें तो परीक्षा में फिर से भाग ले सकते हैं। इसकी परीक्षा 23 जून 2024 को आयोजित की जाएगी और उसका परिणाम 30 जून को जारी किया जाएगा।

बेच दिया गया था पूरा परीक्षा केंद्र

गुजरात के गोधरा के जलाराम स्कूल में NEET का परीक्षा केंद्र था। इसमें 30 छात्रों को गलत तरीके से परीक्षा दिलवाया गया। परीक्षा देने वालों में सिर्फ गुजरात के नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, उड़ीसा, बिहार और झारखंड के भी छात्र थे। दरअसल, इस पूरा सेंटर को मैनेज कर लिया गया था और बच्चों को पास कराने की जिम्मेदारी ली गई थी। इसके बदले एक-एक छात्र से 10-10 लाख रुपए लिए गए थे।

इस परीक्षा केंद्र के परीक्षार्थियों से कहा गया था कि उन्हें जितने सवाल आते हैं, उसे मार्क दें और बाकी को छोड़ दें। जो सवाल छोड़ दिए गए थे, उसे वहाँ के सेंटर के लोगों ने मार्क कर दिया। दरअसल, परीक्षा खत्म होने के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को भेजने के लिए लगभग तीन घंटे का वक्त लगता है। वहीं, परीक्षा खत्म होने के आधे घंटे में कई बड़े कोचिंग सेंटर सवालों के उत्तर ऑनलाइन जारी कर देते हैं।

इस सेंटर के कर्मचारियों को उन्हीं उत्तर की मदद से छात्रों की ओएमआर शीट पर सही उत्तर को मार्क करना था। इस तरह से ये सारे छात्र पास हो जाते, लेकिन यह सब हो पाता उससे पहले ही गोधरा के जिला प्रशासन को यह सूचना मिल गई। प्रशासन ने इस सेंटर को अपने कब्जे में ले लिया और उसके बाद प्रशासन की देखरेख में यहाँ फिर से परीक्षा हुई।

पटना में पेपर लीक

वहीं, पटना से खबर आ रही है कि 5 मई को होने वाली एग्जाम से पहले वाली रात को कई छात्रों को एक कमरे में पेपर सॉल्व करवाए गए थे। पटना में शास्त्री नगर इलाके में डीएवी स्कूल में नीट का सेंटर था। पुलिस ने एग्जाम के बाद इस सेंटर पर परीक्षा देने वाले आयुष नाम के एक छात्र को हिरासत में लिया था। उसने पूछताछ में बताया कि उसे परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र उपलब्ध हो गया था।

पटना के एक हॉस्टल में आयुष और उसके जैसे 25 और छात्रों को एग्जाम पेपर और आंसर उपलब्ध करवाए गए थे। परीक्षा से पहले वाली रात को इन सभी छात्रों को प्रश्नों के उत्तर रटवाए गए थे। अगले दिन नीट के एग्जाम में हू-ब-हू वही सवाल आए। इसके लिए एक-एक छात्र से 20-20 लाख रुपए लिए गए थे। पटना पुलिस ने इस केस में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें छह छात्र, चार सेंटर्स और तीन अभिभावक हैं।

बता दें कि NEET परीक्षा में पेपरलीक मामले का आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट और कई राज्यों के अदालतों में मामला दर्ज किया गया है। विद्यार्थियों का कहना है कि पेपरलीक हुआ है, इसलिए पूरी परीक्षा को कैंसिल की जाए और इसका एग्जाम नए सिरे से हो। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने NTA ने जवाब माँगा है। साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि इसमें किसी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अगर गड़बड़ी मिलती है तो NTA की जवाबदेही तय की जाएगी।

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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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