Saturday, November 16, 2024
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बंद होगा तृप्ता त्यागी का ‘नेहा पब्लिक स्कूल’: वायरल वीडियो के बाद प्रशासन का आदेश, गाँव के मुस्लिम ने कहा – मैडम में नहीं देखी किसी धर्म के प्रति गलत भावना, सोशल मीडिया ने दिया हिन्दू-मुस्लिम रंग

छात्र के अब्बा ने बताया कि अब वो अपने बेटे को अपनी आर्थिक सामर्थ्य के मुताबिक किसी और स्कूल में पढ़ाएँगे। 'बाल कल्याण समिति' ने पीड़ित के गाँव में जा कर छात्र की काउंसिलिंग की है।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जिस ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ का वीडियो 2 दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, उसे प्रशासन ने बंद करने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल बिना मान्यता के ही चल रहा था। पुलिस न सिर्फ थप्पड़ मारने बल्कि अभद्र टिप्पणी की भी जाँच कर रही है। वीडियो वायरल करने वाले व्यक्ति के मोबाइल को भी जाँचा जा रहा है। पीड़ित छात्र के अब्बा ने अपने बेटे की तबीयत खराब होने और मेरठ में इलाज कराए जाने की जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने अपने बेटे को किसी और स्कूल में पढ़ाने का ऐलान किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ के कागजात की जाँच में वह बिना मान्यता के ही चलते मिला। यह स्कूल त्यागी परिवार के घर में ही साल 2019 से चल रहा था। स्कूल की मान्यता वर्ष 2019 में ही खत्म हो गई थी। इसे अपडेट नहीं कराया गया था। फ़िलहाल जिले के शिक्षा विभाग ने स्कूल के प्रबंधक को मान्यता रद्द करने का नोटिस थमा दिया है। इस कार्रवाई की पुष्टि शाहपुर ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी संजय भारती ने मीडिया से बातचीत के दौरान की।

संजय भारती ने बताया कि स्कूल कई मानकों के बिना चल रहा था। इन मानकों में भवन, शौचालय, पढ़ने-लिखने की सामग्री, योग्य अध्यापक, पुस्तकालय, खेल-कूद के सामान आदि का अभाव मिला। स्कूल के प्रबंधक रविंद्र त्यागी को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने कार्रवाई की नोटिस तामील करवा दी है। नोटिस में स्कूल की मान्यता रद्द किए जाने की जानकारी दी गई है। मेरठ स्थित ‘पीस पार्टी’ के नेता शादाब चौहान ने भी स्कूल की मान्यता रद्द किए जाने की माँग की थी। शादाब ने कानूनी लड़ाई में पीड़ित परिवार की मदद सुप्रीम कोर्ट तक करने का ऐलान किया था।

उधर पीड़ित छात्र के अब्बा ने बताया है कि घटना के बाद उनके बेटे की मानसिक हालत थोड़ी खराब है। उन्होंने छात्र का इलाज मेरठ में चलने की जानकारी दी। छात्र के अब्बा ने बताया कि अब वो अपने बेटे को अपनी आर्थिक सामर्थ्य के मुताबिक किसी और स्कूल में पढ़ाएँगे। ‘बाल कल्याण समिति’ ने पीड़ित के गाँव में जा कर छात्र की काउंसिलिंग की है। समिति ने छात्र की पढ़ाई जारी रखने की अपील की है।

सोशल मीडिया ने दिया मज़हबी रंग

इस बीच खुब्बापुरा गाँव के एक मुस्लिम युवक सुल्तान का बयान सामने आया है। सुल्तान ने इस मामले को तूल देने के पीछे नेतागीरी कर रहे लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। सुल्तान ने कहा कि वो खुद तृप्ता त्यागी के छात्र रहे हैं और कभी भी उनमें किसी धर्म के प्रति कोई गलत भावना नहीं देखी। बकौल सुल्तान उनके गाँव में सभी धर्म के लोग आपस में मिल-जुल कर रहते हैं।

सुल्तान ने यह भी बताया कि उनके गाँव खुब्बापुर में बार-बार पुलिस और मीडिया के आने से माहौल थोड़ा अफरातफरी वाला है। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ लोगों को वीडियो में एडिटिंग कर के उसे हिन्दू-मुस्लिम का रंग देने का आरोप लगाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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