नोएडा एक्सटेंशन के इको विलेज में रहने वाले ‘नेटवर्क 18’ के एक पत्रकार पर शराब पीकर माता के जगराता में विघ्न डालने का आरोप लगा है। ये घटना रविवार (10 अप्रैल, 2022) रात की है। उक्त पत्रकार सौरभ शर्मा का कहना है कि वो देर रात सोसाइटी में चल रहे जगराते में लाउडस्पीकर को बंद कराने गए थे। आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। हालाँकि, जगराता पक्ष की बात सुनने के बाद कुछ और ही कहानी सामने आई है।
‘बोलता हिंदुस्तान’ के पत्रकार ने ‘News 18’ के सौरभ शर्मा का पक्ष रखते हुए कहा, “नोएडा एक्सटेंशन के इको विलेज में ‘नेटवर्क 18 के एक सीनियर पत्रकार पर लाउडस्पीकर बजाने वाले जगरातियों ने हमला किया है। उनकी पत्नी को घर में घुसकर कपड़े फाड़ देने की धमकी दी है। साल का उनका बच्चा दहशत में है। पुलिस तमाशा देखती रही। गुंडों ने थाने में पुलिस वालों के सामने धमकाया।” बता दें कि थाना बिसरख की पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है।
बता दें कि सौरभ शर्मा सोसायटी ऑक्सफोर्ड स्क्वायर सुपर टेक इकोविलेज 3 में रहते हैं। पुनीत के ट्वीट पर गौतम बुद्ध नगर की पुलिस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। थाने ने बताया कि इकोविलेज के निवासियों ने जगराता का आयोजन किया गया। भगवती के जागरण के दौरान ही पीआरवी को तेज़ आवाज़ में भजन और गाने चलाए जाने की शिकायत की गई। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर आवाज़ को धीमा भी करवाया। कुछ लोगों का ये भी कहना है कि उक्त पत्रकार का घर जगराता स्थल से काफी दूर है, फिर भी वो वहाँ पहुँच गया।
— POLICE COMMISSIONERATE GAUTAM BUDDH NAGAR (@noidapolice) April 12, 2022
पत्रकार का कहना है कि भगवती जागरण के आयोजकों ने उनके और उनके परिवार के साथ अभद्रता की है। इस मामले में जागरण के आयोजकों के साथ-साथ वहाँ उपस्थिति लोगों ने भी पुलिस के समक्ष बयान दिया है। उनकी मानें तो शराब के नशे में ‘न्यूज़ 18’ के पत्रकार ने जागरण में श्रद्धालुओं को अपशब्द कहे और उनके साथ अभद्रता भी की। दोनों पक्षों द्वारा दिए गए प्रार्थना-पत्रों पर पुलिस जाँच कर रही है। पुलिस ने पूछताछ के बाद कार्रवाई की बात कही है।
ऑपइंडिया ने इस मामले में जब बिसरख थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर उमेश बहादुर से बात की तो उन्होंने बताया कि FIR दोनों तरफ से दर्ज करा दी गई है और पुलिस जाँच के बाद कार्रवाई करेगी। उन्होंने मारपीट की घटना को नकार दिया और कहा कि अब तक की जाँच में सिर्फ जुबानी बहस की बात ही सामने आई है। वहीं पुलिस में हमारे सूत्रों का भी कहना है कि मारपीट का आरोप गलत है। हमें जी सूचना मिली है, उसके अनुसार, पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता की बात कही थी, क्योंकि मारपीट नहीं हुई। लेकिन, तथाकथित कम्युनिस्ट पत्रकार लगातार अपने रसूख की धमकी देता रहा।