केंद्र सरकार ने सड़कों की मरम्मत एवं रख-रखाव के मामले में लापरवाही बरतने वाले चार इंजीनियरों ऐक्शन लिया है और ठेकेदार पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। पिछले दिनों अमृतसर-जामनगर इकोनॉमिक कॉरिडोर और दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे की बदहाली की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए थे। इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इसका संज्ञान लिया था।
दरअसल, पिछले दिनों अलवर में दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक्सप्रेसवे पर चल रही एक कार सड़क में खामियों के कारण हवा में उछलती हुई दिखाई दी थी। इसके अलावा, कई जगहों की तस्वीरें भी लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल की थी।
इस मामले में NHAI ने बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के निर्देश पर इस मामले की जाँच की गई। इसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। NHAI ने कहा कि वक्त रहते खामियों को दूर न करने के मामले में ठेकेदार पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
इसके अलावा, निर्माण कार्य की ठीक से देखभाल नहीं करने और अपने काम में लापरवाही के चलते NHAI के इंजीनियर के टीम लीडर-कम-रेजिडेंट इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही संबंधित साइट इंजीनियर को भी बर्खास्त कर दिया गया है। संबंधित पीडी और मैनेजर (टेक) को भी इन खामियों के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
बता दें कि सुपर एक्सप्रेसवे कहलाने वाले अलवर में दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर गाड़ियाँ 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं। हालाँकि, निर्धारित सीमा से भी अधिक रफ्तार से गाड़ियाँ दौड़ती हैं। लेकिन, यहाँ सड़कों की बैलेंसिंग सही नहीं है। कहीं उबड़-खाबड़ है तो कहीं गड्ढे बन गए हैं। कहीं गिट्टी फैली है तो कहीं कुछ। इसके कारण इस क्षेत्र में सड़क हादसे भी खूब होते हैं।
इतना ही नहीं, इन एक्सप्रेसवे के प्रभावित हिस्से की अस्थायी मरम्मत कराया गया है। इसके साथ ही आईआईटी खड़गपुर के विशेषज्ञ प्रोफेसर केएस रेड्डी और आईआईटी गाँधीनगर के प्रोफेसर जीवी राव को एक्सप्रेसवे को हुई इस क्षति का कारण पता करने के लिए कहा गया है। वहीं, दिल्ली का श्रीराम इंस्टीट्यूट इसके नमूने एकत्र करके उनकी जाँच करेगा।