राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने केरल के पलक्कड़ जिले से गुरुवार (27 अक्टूबर 2022) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व राज्य सचिव सीए रऊफ को गिरफ्तार किया। एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई महीनों से फरार चल रहे रऊफ को पट्टांबी इलाके में उसके घर पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रऊफ कई महीनों से फरार चल रहा था। वह केरल पुलिस के साथ-साथ एनआईए की रडार पर था। एएनआई (NIA) के अधिकारियों ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ बड़े पैमाने पर देशव्यापी अभियान शुरू करने और इसके विभिन्न कैडरों को गिरफ्तार करने के बाद से रऊफ छिपा हुआ था। उसे गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही थी।
बता दें कि इस साल सितंबर में भारत सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़ी 8 संस्थाओं पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया था। केंद्र सरकार ने PFI को देश विरोधी और गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाया था, जिसके बाद ये फैसला लिया गया। अपने आदेश में मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़ी 8 संस्थाओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
पीएफआई और आतंक का इतिहास
पीएफआई का हिंसा फैलाने का काफी पुराना इतिहास है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के मद्देनजर दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों और देश भर में दंगे की जाँच के दौरान पीएफआई की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। साथ ही, पीएफआई के कई सदस्यों को दंगों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार भी किया गया था। इसके अलावा, नवंबर 2020 में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने देश के विभिन्न हिस्सों में दंगे और हिंसा उकसाने के आरोपित किसानों के सरकार विरोधी प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया था। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संविधान के संरक्षण के लिए संघर्ष करने के लिए कहा था।