Saturday, July 27, 2024
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बीजेपी MLA को उड़ाने की घटना में 33 माओवादी थे शामिल, NIA ने दाखिल की चार्जशीट; 6 गिरफ्तार-22 फरार

पिछले साल अप्रैल 2019 में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के चार सुरक्षाकर्मियों के साथ भाजपा विधायक मांडवी की आईईडी विस्फोट में हत्या कर दी थी। इसके अलावा हमलावरों ने बलिदानी सीएएफ कर्मियों के हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिए थे।

छत्तीसगढ़ में पिछले साल नक्सली हमले में मारे गए बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की हत्या के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के 33 कैडरों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। आईपीसी, यूएपीए, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की कई धाराओं के तहत जगदलपुर की एक विशेष एनआईए अदालत में आरोप-पत्र दायर किया गया।

एनआईए के प्रवक्ता के अनुसार, 33 में से छह आरोपित- मडका राम ताती, भीम राम ताती, लिंगे ताती, लक्ष्मण जायसवाल, रमेश कुमार कश्यप और हरिपाल सिंह चौहान छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा के रहने वाले हैं, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। 5 आरोपितों की मौत हो चुकी है। शेष 22 फरार हैं। गिरफ्तार किए गए छह आरोपितों ने कथित रूप से नक्सलियों को आश्रय, भोजन, लॉजिस्टिक सहायता, बिजली के तार और स्टील के कंटेनर प्रदान किए थे।

पिछले साल अप्रैल 2019 में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के चार सुरक्षाकर्मियों के साथ भाजपा विधायक मांडवी की आईईडी विस्फोट में हत्या कर दी थी। इसके अलावा हमलावरों ने बलिदानी सीएएफ कर्मियों के हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिए थे। इस घटना को लेकर एनआईए द्वारा 17 मई 2019 को मामला दर्ज किया गया था। लेकिन छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कानूनी मुद्दों के कारण 17 मार्च 2020 से पहले इसकी जाँच शुरू नहीं हो पाई थी।

एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक, मंडावी की हत्या का फैसला दिसंबर 2018 में पश्चिम बस्तर में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की स्तर की बैठक में लिया गया था। दूसरी बार DKSZC के सदस्य और दर्भा डिवीजन के प्रभारी गिरी रेड्डी की अध्यक्षता में दक्षिण बस्तर के गोदरदास वन क्षेत्र में फरवरी 2019 के अंत में आयोजित एक अन्य बैठक में मांडवी के साथ-साथ अन्य राजनीतिक नेताओं और पुलिसकर्मियों की हत्या का निर्णय लिया गया। यह साजिश चुनावों को बाधित करने के उद्देश्य से टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (TCOC) के तहत रचा गया था।

दर्भा डिवीजन समिति के सचिव बड़ा देव को TCOC के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया था। श्यामगिरि गाँव में वार्षिक मेले के अवसर को हमले के लिए चुना गया था, क्योंकि माओवादी नेताओं को पता था कि कि प्रमुख राजनीतिक नेता इसमें भाग लेंगे।

सीपीआई (माओवादी) के कैडर ने श्यामगिरी गाँव के पास नकुलनार-बचेली मार्ग पर आईईडी लगाया। एनआईए अधिकारी के अनुसार, इस साजिश में उनके महासचिव नामबाला केशव राव सहित सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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