उत्तर प्रदेश लखीमपुर खीरी में 2 बहनों के अपहरण के बाद उनका बलात्कार किया गया था और फिर हत्या कर दी गई थी। अब इस मामले में 10 महीने बाद कोर्ट ने सज़ा सुनाई है। एडीजे पॉक्सो की अदालत ने 10 महीने और 27 दिन चली सुनवाई के बाद अपना फैसला दिया। 4 आरोपित इस मामले में दोषी पाए गए हैं। परिजनों सहित 15 लोगों ने इस मामले में गवाही दी, वहीं सबूतों से जुड़े 24 दस्तावेज भी पेश किए गए। इनमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, आयु प्रमाण पत्र और कपड़े भी थे।
अदालत ने अपने 126 पन्नों के फैसले में इन सबका जिक्र किया है। दोनों बहनों की माँ की गवाही इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण रही, जिन्होंने बताया कि कैसे उनकी बेटी को उनके सामने ही खींच कर ले जाया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी पता चला कि उनके शरीर पर चोटें थीं और हत्या गला दबा कर दी गई थी। एक आरोपित का FSL रिपोर्ट भी पॉजिटिव आया। हालाँकि, इस मामले में दलित उत्पीड़न की धाराएँ अदालत ने हटा दीं।
इसका कारण ये है कि पीड़िता अधिकतर आरोपितों को जानती ही नहीं थीं, ऐसे में जाति को आधार बना कर उत्पीड़न वाले आरोप को कोर्ट ने नकार दिया। इसीलिए, मामले एक नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया गया था। इस मामले में जो किशोर हैं, उनके मुकदमे अलग चल रहे हैं। किशोरों में भी निर्भया कांड के बाद 2 श्रेणियाँ हैं – एक 16 वर्ष से कम उम्र वाले और एक 16-18 उम्र वर्ग के। बता दें कि ये वारदात 14 सितंबर, 2022 को हुई थी।
माँ के सामने ही दोनों सगी बहनों को उठा कर ले जाया गया था और रेप के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। शव को पेड़ से लटका दिया गया था, ताकि ये आत्महत्या दिखे। इसके बाद पुलिस मुठभेड़ में 6 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। पता चला कि सुनील उर्फ़ छोटू के अलावा बाकी आरोपित पड़ोस के गाँव के ही थे। 15 सितंबर, 2022 को मुकदमा दर्ज हुआ और 15 दिनों के भीतर ही 28 सितंबर को पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी थी।
#WATCH 14 सितंबर 2022 को निघासन कांड हुआ, जिसमें 2 सगी बहनों की रेप के बाद हत्या कर दी गई। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय पॉक्सो लखीमपुर में हुई। इस मामले पर आज फैसला सुनाया गया है और 4 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है…एक नाबालिग आरोपी के खिलाफ जुवेनाइल कोर्ट में और दूसरे… pic.twitter.com/wDRsCUPkh5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2023
इस घटना को लेकर राजनीति भी खूब हुई थी। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। इलाके में कई दिनों तक तनाव रहा था। पहले आत्महत्या वाला एंगल चला, लेकिन बाद में मेडिकल जाँच में रेप-हत्या की पुष्टि हुई। दोनों बहनों में एक 10वीं तो दूसरी 7वीं कक्षा में पढ़ती थीं। इस मामले में जिन्हें दोषी साबित किया गया है, उनमें आरिफ और करीमुद्दीन नामक आरोपित भी शामिल हैं।