पंजाब के मोहाली में उडारियाँ सीरियल की शूटिंग के दौरान निहंग सिख आ धमके। उन्होंने प्रोडक्शन टीम के लोगों की जमकर पिटाई की और सेट पर तोड़फोड़ की। निहंग सिखों ने सेट पर गुरुद्वारा की डमी बनाए जाने का विरोध किया और कहा कि सेट पर निशान साहिब, पालकी का स्वरूप बनाकर और गुरुद्वारे की डमी बनाकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की जा रही है।
आनंद कारज का सीन होना था शूट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उडारियाँ सीरियल में आनंद कारज (सिख परंपरा के अनुसार विवाह) का सीन शूट किया जाना था, जिसके लिए मोहाली के घडुँआ क्षेत्र में सेट बनाया गया था। शूटिंग की प्रोडक्शन टीम ने सेट पर ही गुरुद्वारा बनवाया था और वहाँ प्रतीक के तौर पर निशान साहिब और पालनी का स्वरूप सजाया था। इस सीन की शूटिंग के लिए 3 ग्रंथी भी बुलाए गए थे, लेकिन तभी निहंग सिख आ धमके। जानकारी के मुताबिक, निहंगों को किसी ने सूचना दी थी कि घडुँआ के अकालगढ़ में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की जा रही है। निहंग सिखों ने उडारियाँ के सेट पर आकर तोड़फोड़ की और शूटिंग रुकवा दी। उन्होंने क्रू मैंबर्स के साथ मारपीट भी की। इस दौरान कई घंटों तक जमकर हंगामा हुआ। वहीं, पुलिस मौके पर पहुँची और दोनों पक्षों को थाने लेकर गई।
एक-एक हजार रुपए में आए फर्जी ग्रंथी
निहंग बाबा निहाल सिंह बरौली ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि शूटिंग वाली जगह पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी सजाई गई थी और तीन ग्रंथी वीडियो बना रहे थे। इसके पीछे शरगुन मेहता और उनके पति का हाथ है। उन्हें सजा मिलनी चाहिए। अगर पुलिस ने सही तरीके से मामले को नहीं निपटाया, तो हम खुद इस मामले को अपने हाथों में लेंगे। निहंगों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने पूरे सेट की वीडियो बनाई है। किस तरह सब कुछ फर्जी तैयार किया गया था। एक-एक हजार रुपये में यह फर्जी ग्रंथी लेकर आए हुए थे। उन्हें सबसे ज्यादा दुख इस बात का है कि हमारे ही सिख खुद अपनी आंखों के सामने गुरु की बेअदबी करवा रहे थे।
शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी जारी करे आदेश
हंगामे का पता चलते ही पंजाबी कलाकार जरनैल सिंह भी पहुँच गए। उन्होंने कहा कि वह खुद सिख हैं। वह मानते हैं कि सेंटीमेंट्स हर्ट हुए हैं। हालाँकि उन्होंने कहा किसी फिल्म में सिख युवक का विवाह आदि दिखाना तो किसी समाज की अच्छी गतिविधि है, उसका एक तरीका अवश्य होना चाहिए। शिरोमणि कमेटी ने जैसे मैरिज पैलेसों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप ले जाने पर पाबंदी लगा दी है, इसी तरह शूटिंग को लेकर भी साफ आदेश होने चाहिए। हालाँकि इससे पहले भी कई फिल्मों में इस तरह के सीन शूट किए जा चुके हैं।