बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हिंदू आस्था से खिलावड़ करने का आरोप लगा है। खबर है कि प्रदेश में गया जिले के दौरे के समय नीतीश कुमार विष्णु पद देवी मंदिर में पूजा पाठ करने गए थे। इस मंदिर के बाहर साफ लिख रखा है कि इसमें गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। मगर, बावजूद इस नोटिस के नीतीश अपने साथ सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री मोहम्मद इसरायल मंसूरी को लेकर गए।
मंदिर से लौटने के बाद जहाँ बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी ने मीडिया से बात करते हुए अपनी खुशी जाहिर की और बोले, “मेरा संजोग है, सौभाग्य है कि मुझे सीएम नीतीश कुमार के साथ विष्णु पद मंदिर के गर्भ गृह का दर्शन करने का भी मौका मिला।” वहीं हिंदू यह सुन भड़क गए।
गया के विष्णु पद मंदिर में की परंपरा टूटी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मोहम्मद इसराइल मंसूरी (सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री ने किया प्रवेश)। मंदिर के पुजारी ने बताया गलत। मंदिर के गेट पर लिखा है। अहिंदू का प्रवेश वर्जित…#vishnupad #गया #विष्णुपद #bihar pic.twitter.com/vc8pUKR2az
— NBT Bihar (@NBTBihar) August 22, 2022
बता दें कि विष्णु पद मंदिर के भीतर जाकर जहाँ मोहम्मद इसरायल फूले नहीं समा रहे हैं। वहीं इस बयान को सुनने के बाद हिंदुओं में गुस्सा है। मंदिर के पंडितों ने भी इस घटना को गलत बताया है। साथ ही बीजेपी ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य हरिभूषण ठाकुर बचौल ने इसे लेकर आक्रोश जताया है।
गर्भगृह को गंगाजल से धोया गया
खबरों की मानें तो यह पता चलने के बाद कि गर्भगृह में एक गैर हिंदू का प्रेवश हुआ, प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभु लाल बिठ्ठल ने भगवान विष्णु से क्षमा माँगी। इसके बाद पहले गर्भगृह को गंगा जल से धोया फिर भगवान को भोग लगाया गया।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि मुस्लिम को प्रवेश कराकर मंदिर की सदियों पुरानी परंपरा तोड़ी गई है। उन लोगों को इस बात का बिलकुल अंदाजा नहीं था कि सीएम के साथ कोई एक ऐसा मंत्री है जो मुस्लिम है। ऐसी बड़ी गलती के लिए वह न सिर्फ भगवान से क्षमा माँग रहे हैं बल्कि समाज के लोगों से भी भी क्षमा माँग रहे हैं। उनका कहना है कि इस घटना से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुँची है।
बता दें कि सीएम नीतीश रबर डैम के निरीक्षण के लिए गया गए हुए थे। वहाँ उनके साथ इसरायल भी थे और मुख्य सचिव आमिर सुहानी भी। सुहानी जानते थे कि मंदिर में गैर हिंदू प्रवेश नहीं कर सकते, इसलिए वे वहाँ बाहर रुक गए। लेकिन मंसूरी रुकने की बजाय गर्भगृह तक अंदर गए और फोटो में भी दिखे।