Saturday, April 27, 2024
Homeदेश-समाजअब कहाँ गायब हो गया ज्ञानवापी ढाँचे में दिखा शिवलिंग? पूर्व महंत ने तस्वीरों...

अब कहाँ गायब हो गया ज्ञानवापी ढाँचे में दिखा शिवलिंग? पूर्व महंत ने तस्वीरों से खोले राज़, हनुमान मूर्ति और कमल के फूल भी दिखे

एक अन्य दस्तावेजी तस्वीर है, जिसमें अंग्रेजी में ज्ञानवापी का अर्थ 'Well Of Knowledge' लिखा हुआ है, अर्थात - ज्ञान का कुआँ। इस तस्वीर में नंदी की मूर्ति और उसके पीछे भगवान हनुमान की प्रतिमा दिखाई दे रही है।

काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉक्टर कुलपति तिवारी ने ज्ञानवापी विवादित ढाँचे और शिवलिंग को लेकर पुरानी तस्वीरें दिखाते हुए बड़ा दावा किया है। उन्होंने तस्वीर दिखाते हुए कहा है कि ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में एक और शिवलिंग है। तस्वीर में देखा जा सकता है कि दीवार में बनी एक जगह पर छोटा सा शिवलिंग रखा हुआ है। डॉ तिवारी ने कहा कि उस शिवलिंग को अब उस जगह से हटा दिया गया है। तस्वीर 17 वर्ष पुरानी बताई जा रही है।

ज्ञानवापी विवादित ढाँचे की पश्चिमी दीवार पर बने खाँचे में रखे इस शिवलिंग को लेकर बड़ा सवाल ये है कि अब ये आखिर कहाँ पर है और इसे हटा कर कहाँ रखा गया है? उन्होंने उस दीवार पर कमल के फूल और घंटा की आकृतियाँ भी दिखाई। उन्होंने कहा कि उनके पास जो भी सबूत हैं, वो प्रमाणित हैं। ‘दैनिक भास्कर’ ने कुछ अन्य तस्वीरें भी प्रकाशित की हैं, जो काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी ने ही भेजी है।

एक और तस्वीर है, जिसे डेढ़-दो साधक पुराना बताया जा रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के उस हिस्से में बच्चे खेल रहे हैं, वहाँ पर ही श्रृंगार गौरी का मंदिर बताया जाता है। विवादित ढाँचे के परिसर के पास स्थित चबूतरे पर बच्चों को खेलते हुए देखा जा सकता है। एक अन्य तस्वीर में ज्ञानवापी ढाँचे की पिछली दीवार साफ़ नजर आ रही है, जो किसी प्राचीन मंदिर का ही प्रतीत हो रहा है। मंदिर के अवशेष पर ही इसे इस्लामी आक्रांताओं द्वारा बनाया गया था।

एक अन्य दस्तावेजी तस्वीर है, जिसमें अंग्रेजी में ज्ञानवापी का अर्थ ‘Well Of Knowledge’ लिखा हुआ है, अर्थात – ज्ञान का कुआँ। इस तस्वीर में नंदी की मूर्ति और उसके पीछे भगवान हनुमान की प्रतिमा दिखाई दे रही है। बता दें कि मंदिर को लेकर जो प्राचीन कथा है, वो भी यहाँ ‘ज्ञान का कुआँ’ होने की बात बताती है। डॉ तिवारी ने बताया कि इस कूप का निर्माण भगवान शिव ने खुद अपने त्रिशूल से किया था और इसमें स्नान करने के बाद माँ पारवती भगवान विश्वेश्वर की पूजा करती थीं।

उन्होंने हाल ही में मिले शिवलिंग को ही विश्वेश्वर भगवान बताया। हालाँकि, अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमिटी ने इन तस्वीरों को नकारते हुए कहा है कि पूरे मस्जिद परिसर में ऐसी कोई शिवलिंग है ही नहीं। उन्होंने दावा किया कि कोई भी आकर देख सकता है। उन्होंने दीवार पर बनी नक्काशी को अकबर के तब के नए मजहब ‘दीन-ए-इलाही’ के चिह्न बताते हुए कहा कि सन् 1585 के आसपास इसे बनाया गया था। उन्होंने कहा कि इस ‘मस्जिद’ को जौनपुर के सुल्तानों ने बनवाया था, जिसका औरंगजेब ने जीर्णोद्धार किया।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe