Saturday, September 21, 2024
Homeदेश-समाजजिसके मोबाइल में लादेन की फोटो, जिहाद संबंधी प्रचार सामग्रियाँ, ISIS का कत्लेआम वाला...

जिसके मोबाइल में लादेन की फोटो, जिहाद संबंधी प्रचार सामग्रियाँ, ISIS का कत्लेआम वाला वीडियो… उस अम्मार अब्दुल रहमान को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत

FIR में NIA ने बताया था कि भारत में खलीफा का राज कायम करने के लिए रहमान ISIS आतंकियों के सम्पर्क में था। उस पर जम्मू कश्मीर और कुछ अन्य जगहों पर आतंकियों के साथ देश विरोधी साजिश में शामिल होने का भी आरोप लगा था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मारे गए आतंकी ओसामा बिन लादेन की फोटो अपने मोबाइल में रखने वाले आरोपित अम्मार अब्दुल रहमान को जमानत दे दी है। अम्मार अब्दुल रहमान मरहूम कॉन्ग्रेस विधायक बीएम इदिनब्बा का पोता है। उसके मोबाइल में लादेन की फोटो के अलावा ISIS द्वारा बेरहमी से की गई हत्याओं के वीडियो, ISIS के झंडे सहित जिहाद को बढ़ावा देने संबंधी प्रचार सामग्रियाँ भी थीं।

अदालत में अपने फैसले में कहा है कि मोबाइल में आतंकी की फोटो या ISIS के झंडे रखने से ये नहीं माना जा सकता है कि वो प्रतिबंधित संगठन का सदस्य है। हाईकोर्ट का यह भी मानना है कि ऐसी तमाम सामग्रियाँ इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। यह फैसला सोमवार (6 मई 2024) को सुनाया गया, जिसे 10 अप्रैल 2024 को रिजर्व कर लिया गया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की सुनवाई जस्टिस सुरेश कुमार कैत और मनोज जैन की बेंच में हुई। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। दोनों पक्षों को सुन कर अदालत ने अपना फैसला 10 अप्रैल को रिजर्व कर लिया था। 6 मई को फैसला आरोपित रहमान के हक में आया।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि किसी के द्वारा अपने मोबाइल में आतंकी की फोटो डाउनलोड कर लेने का मतलब यह नहीं माना जा सकता है कि वह स्वयं उस संगठन से जुड़ा हुआ है। अदालत ने बताया कि ऐसी तस्वीरें इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध है।

बताते चलें कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने अगस्त 2021 में अम्मार अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था। तब उस पर कट्टरपंथी होने का आरोप लगाया गया था। NIA ने यह केस IPC की धारा 120 बी और UAPA के तहत दर्ज किया था।

FIR में NIA ने बताया था कि भारत में खलीफा का राज कायम करने के लिए रहमान ISIS आतंकियों के सम्पर्क में था। उस पर जम्मू कश्मीर और कुछ अन्य जगहों पर आतंकियों के साथ देश विरोधी साजिश में शामिल होने का भी आरोप लगा था।

सबूत के तौर पर NIA ने रहमान के मोबाइल फोन की जाँच आख्या पेश की थी। इस आख्या में रहमान द्वारा स्क्रीन रिकॉर्डर के माध्यम से ISIS द्वारा बेरहमी से की गई हत्याओं के वीडियो, ISIS के झंडे व अन्य प्रचार सामग्री के साथ मारे जा चुके आतंकी ओसामा बिन लादेन की तस्वीरें डाउनलोड करना शामिल है।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने रहमान की जमानत का विरोध किया। अदालत ने हालाँकि NIA की दलीलों और पेश किए गए सबूतों को नाकाफी माना और अम्मार अब्दुल रहमान को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अब फैक्टचेक नहीं कर सकती केंद्र सरकार: जानिए क्या है IT संशोधन नियम 2023 जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने बताया ‘असंवैधानिक’, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता...

सोशल मीडिया और ऑनलाइन तथ्यों की जाँच के लिए केंद्र द्वारा फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाने को बॉम्बे हाई कोर्ट ने संविधान का उल्लंघन बताया।

बेटे की सरकार में तिरुपति की रसोई में ‘बीफ की घुसपैठ’, कॉन्ग्रेस पिता के शासन में इसी मंदिर में क्रॉस वाले स्तंभ पर हुआ...

तिरुपति लड्डू से पहले 2007 में आरोप लगाया गया था कि TTD ने मंदिर के एक उत्सव के लिए जिन स्तम्भ का ऑर्डर दिया है, वह क्रॉस जैसे दिखते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -