Thursday, April 18, 2024
Homeदेश-समाजप्रशिक्षुओं की लिस्ट में 'केवल मुस्लिम' कैंडिडेट होने से विवादों में घिरी विमानन कंपनी...

प्रशिक्षुओं की लिस्ट में ‘केवल मुस्लिम’ कैंडिडेट होने से विवादों में घिरी विमानन कंपनी ‘पवन हंस’, सोशल मीडिया पर भड़के लोग: जानिए असली वजह

यह पोस्ट जंगल की आग की तरह वायरल हुई और कई नेटिज़न्स ने इस प्रशिक्षु कार्यक्रम के लिए केवल एक मजहब के लोगों को भर्ती करने के लिए भारत सरकार की आलोचना की।

भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी पवन हंस (Pawan Hans) अपनी प्रशिक्षु भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवादों में घिर गई है। गुरुवार (7 अप्रैल 2022) को इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक लिस्ट वायरल हुई, जिसके बाद चर्चा छिड़ गई। वायरल पोस्ट के मुताबिक, पवन हंस में शामिल होने वाले सभी नए प्रशिक्षु मुस्लिम हैं, इसके अलावा इसमें किसी भी दूसरे धर्म के कैंडिडेट के नाम को शामिल नहीं किया गया है।

इस विवाद की शुरुआत पवन हंस लिमिटेड की ओर से संगठन में शामिल होने वाले नए ग्रेजुएट ट्रेनी की लिस्ट से हुई। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हुए लिस्ट में जितने भी लोग थे वो सभी मुस्लिम समुदाय से ही थे।

पवन हंस के ट्रेनी की लिस्ट

देखते ही देखते यह पोस्ट तेजी से वायरल होने के साथ ही लोगों के लिए आश्चर्य का विषय हो गई और तरह-तरह के कमेंट सोशल मीडिया पर किए जाने लगे। वहीं कई नेटिज़न्स ने इस प्रशिक्षु कार्यक्रम के लिए केवल एक मजहब के लोगों को भर्ती करने के लिए भारत सरकार की भी आलोचना की।

पवन हंस लिमिटेड भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक सरकारी स्वामित्व वाली संस्था है, जिसे इंडियन ऑयल कंपनियों के लिए अपतटीय स्थानों पर और केदारनाथ और वैष्णो देवी मंदिर जैसे पवित्र तीर्थ स्थलों पर विशेष हेलीकॉप्टर सेवाएँ प्रदान करने का काम सौंपा गया है। माओवादी उग्रवाद से निपटने के लिए राज्य सरकारों द्वारा भी इनका उपयोग किया जाता है।

विवाद ने लोगों को वर्ष 2020 में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा चुने गए सभी मुस्लिम उम्मीदवारों की एक ऐसी ही सूची की याद दिला दी। हालाँकि, यह आरक्षण का मामला निकला क्योंकि पश्चिम बंगाल राज्य में कई मुस्लिम जातियाँ भी ओबीसी के तहत सूचीबद्ध हैं। किसी ने सोचा कि क्या पवन हंस लिमिटेड की इस सूची में भी ऐसा ही कुछ कारण था।

हालाँकि, ऐसा लगता है कि यह किसी ओबीसी सूची के कारण मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए आरक्षण का मामला नहीं है, बल्कि नई दिल्ली स्थित ‘अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान’ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के साथ पवन हंस लिमिटेड (पीएचएल) के एक विशेष समझौते के कारण है।

इस विवाद के पीछे की असली वजह

पवन हंस की वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक पवन हंस जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के साथ मिलकर ढाई साल का कंम्प्लीट बेसिक विमान रखरखाव प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। ऐसे में उसके सभी ट्रेनी जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के हैं और केवल मुस्लिम हैं।

पवन हंस हेलीकॉप्टर कंपनी और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के बीच 2017 में एक समझौता किया गया था, जिसमें दोनों के बीच शुरू में बीएससी (एयरोनॉटिक्स) पाठ्यक्रम के लिए विमानन उद्योग के लिए प्रशिक्षण क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की गई थी। इसके साथ ही विमानन क्षेत्र में बीएससी कोर्स के लिए संभावना तलाशने पर भी सहमति जताई गई थी।

हालाँकि, ये कोई पहली बार नहीं है जब भारत में भर्तियों के मामले में धार्मिक पूर्वाग्रह के आरोप लगे हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार पर सिर्फ मुस्लिमों को भर्ती करने का आरोप लगा था। हालाँकि, ऑपइंडिया फैक्ट-चेक ने पाया था कि ऐसा नहीं है।

खास बात ये है कि केंद्र सरकार के संगठन के लिए भर्ती के दौरान ऐसा करना दूसरे धर्मों और विश्वविद्यालयों के प्रति स्पष्ट व्यवस्थित भेदभाव की तरह लगता है। सबसे बुरी बात यह है कि ये स्पष्ट साम्प्रदायिकता प्रतीत होती है।

गौरतलब है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया पवन हंस लिमिटेड के साथ समझौते के तहत चलाए जा रहे अपने पाठ्यक्रमों में केवल मुस्लिम छात्रों को ही प्रवेश दे सकता है। हमने पवन हंस लिमिटेड के संयुक्त महाप्रबंधक (विमानन अकादमी) मोहम्मद अमीर को फोन करके इसकी पुष्टि करने की कोशिश की लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला। ऑपइंडिया की यह रिपोर्ट एक डेवलपिंग स्टोरी है, आगे जैसे ही हमें और सूचनाएँ मिलेंगी हम इस लेख को अपडेट करेंगे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘केवल अल्लाह हू अकबर बोलो’: हिंदू युवकों की ‘जय श्री राम’ बोलने पर पिटाई, भगवा लगे कार में सवार लोगों का सर फोड़ा-नाक तोड़ी

बेंगलुरु में तीन हिन्दू युवकों को जय श्री राम के नारे लगाने से रोक कर पिटाई की गई। मुस्लिम युवकों ने उनसे अल्लाह हू अकबर के नारे लगवाए।

छतों से पत्थरबाजी, फेंके बम, खून से लथपथ हिंदू श्रद्धालु: बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी शोभायात्रा को बनाया निशाना, देखिए Videos

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी की शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी की घटना सामने आई। इस दौरान कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल भी हुए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe