अवैध मजारों को रातों-रात बनाकर अतिक्रमण करने और संदिग्ध गतिविधियाँ संचालित करने की देश से आ रही खबरों को लेकर लोग सचेत होने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में अब अवैध मजारों और दरगाहों के खिलाफ आवाज उठने लगी है। अलीगढ़ में हिंदूवादी संगठनों ने ऐसे अवैध निर्माणों को तुरंत हटाने की प्रशासन से अपील की है। इसके साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
ओमवीर सिंह ने हिंदूवादी संगठन के लोगों के साथ इस मामले को लेकर प्रशासन सहित मंत्रियों को ज्ञापन दिया है। प्रशासन को दिए गए ज्ञापन में ओमवीर सिंह ने कहा है, “आजकल सड़कों के किनारे और सार्वजनिक भूमि पर अवैध मजार एवं दरगाहों का निर्माण दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है, जो कि एक सुनियोजित षडयंत्र प्रतीत होता है।” उन्होंने कहा कि जहाँ साल भर पहले तक कुछ नहीं होता वहाँ कब्र दिखाई देने लगता है। उसके बाद उसका विस्तार करके मजार बना दिया जाता है।
ओमवीर सिंह ने सरकार से इस पर कानून बनाने की माँग की, ताकि बिना अनुमति के इस तरह के निर्माण को रोका जा सके। इस संबंध में उन्होने राज्यपाल के नाम पर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को ज्ञापन सौंपा। उस दौरान राजस्व मंत्री अनूप प्रधान और सांसद सतीश गौतम की मौजूद थे। इस मामले में अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम (Satish Gautam) ने कहा कि सरकारी जमीन पर किसी भी अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
खबर इंडिया टीवी डॉट इन के अनुसार, सांसद गौतम ने कहा, “प्रशासन की मदद से ऐसे स्थानों को चिन्हित कराया जाएगा और PWD के अधिकारियों से जाँच कराई जाएगी। ऐसी सभी जगहों पर बुलडोजर चलवाया जाएगा, जो अवैध हैं चाहे वह इमारत किसी बिल्डर की हो या फिर वह मजार या दरगाह ही क्यों न हो। योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditynath) के प्रदेश में हर काम संविधान के तहत होगा।”
दरअसल, अलीगढ़ के टप्पल के हेतलपुर गाँव के निवासी ओमवीर सिंह ने ऐसे कई मजार और दरगाहों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कस्बा टप्पल में अलीगढ़-पलवल रोड किनारे आदमपुर मार्ग के सामने बनी मजार, अलीगढ़-पलवल मार्ग पर अटारी रोड के पास बनी मजार, अलीगढ़-पलवल रोड पर खैर कस्बा के कोल्डस्टोर के समीप बनी मजार, नूरपुर रोड पर बनी मजार, गढ़ी सूरजमल रोड पर यमुना एक्सप्रेसवे पर बनी मजार आदि ऐसे कई निर्माण हैं, जो पूरी तरह अवैध हैं। उन्होंने कहा कि रोड किनारे बने अवैध मजारों के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं।
बता दें कि अवैध मजारों एवं दरगाहों का निर्माण सिर्फ अलीगढ़ की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है। दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा ने राजधानी क्षेत्र में 54 ऐसी सरकारी जमीनों की लिस्ट उपराज्यपाल को सौंपी है, जिन पर अवैध रूप से मस्जिद और कब्रिस्तान बनाए गए।
उत्तराखंड के देहरादून के पॉश इलाके में बनी एक मजार है। वहाँ के लोगों का दावा है कि यह मजार अवैध है। मजार पर खादिम का काम करने वाला शख्स नशा करने का आदी बताया जा रहा है। वहीं, उसने वहीं, अंडे बेचने का काम भी शुरू किया था।
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान पृथ्वीराज चौहान के ‘किला राय पिथौरा’ के पास भी मुस्लिमों द्वारा अवैध मजार बनवाने का मामला सामने आया था। इसका वीडियो सामने आने के बाद लोग आक्रोशित हो गए थे और मजार को तुरंत ध्वस्त करने की माँग की थी। इसी तरह छत्रपति शिवाजी के लोहागढ़ किले पर मजार का मामला भी सामने आया था।
इसी तरह फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में पंचायत भवन की जमीन पर बने एक अवैध मजार से सेक्स और स्त्रियों को वश में करने सहित कई तरह की दवाएँ बरामद हुई थीं। स्थानीय लोगों के पास शिकायत थी कि मजार के टॉयलेट में हिन्दू-देवी देवताओं की तस्वीरें लगी हैं। जब लोग वहाँ पहुँचे तो उन्हें नशीली सेक्सवर्धक दवाओं के साथ, इस्लामी किताबें और कई आपत्तिजनक वस्तुएँ बरामद हुई थीं।
इसी तरह, गुजरात में सूरत (Gujarat, Surat) के सिविल अस्पताल में एक अवैध मजार बनाकर अतिक्रमण करने की कोशिश की गई है। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को पत्र लिखकर परिसर में स्थित इस अवैध मजार को हटाने का अनुरोध किया है। मजार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।