Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाज'विरोध-प्रदर्शन से कोरोना भयावह होने का खतरा': दिल्ली बॉर्डर से प्रदर्शनकारियों को हटाने के...

‘विरोध-प्रदर्शन से कोरोना भयावह होने का खतरा’: दिल्ली बॉर्डर से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

“जैसा कि पिछले कुछ समय में देखा गया है कि राजधानी में महामारी अपने चरम है और इसका दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बात को मद्देनज़र रखते हुए यह बेहद आवश्यक हो चुका है कि किसानों के इस विरोध-प्रदर्शन को जल्द से जल्द रुकवाया जाना चाहिए।”

प्रदर्शनरत किसानों को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की सीमा के नज़दीक से हटाए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। दिल्ली में कोविड 19 महामारी के ख़तरे का हवाला देते हुए याचिका में प्रदर्शन करने वाले किसानों को वहाँ से हटाने की माँग की गई है। अधिवक्ता ओमप्रकाश परिहार द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों की वजह से ‘आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएँ’ बाधित हो रही हैं। 

याचिका के अनुसार, “जैसा कि पिछले कुछ समय में देखा गया है कि राजधानी में महामारी अपने चरम है और इसका दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बात को मद्देनज़र रखते हुए यह बेहद आवश्यक हो चुका है कि किसानों के इस विरोध-प्रदर्शन को जल्द से जल्द रुकवाया जाना चाहिए। प्रदर्शन करने वालों को उस जगह पर विरोध करना चाहिए, जहाँ उनके लिए जगह सुनिश्चित की गई है और इस दौरान उन्हें कोरोना महामारी के संबंध में जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन भी करना चाहिए।”

याचिका में इस बात का अनुरोध किया गया है कि राजधानी की सीमा पर जिस तरह प्रदर्शन की सूरत में इतनी भीड़ इकट्ठा हो रही है वह कोरोना महामारी के दृष्टिकोण से भयावह है। इस ख़तरे का संज्ञान लेते हुए प्रदर्शनकारियों को जल्द से जल्द उस जगह पर भेजा जाए जो उनके लिए सरकार द्वारा तय की गई है। 

बीते 26 नवंबर से हज़ारों की तादाद में किसान दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए ‘कृषि सुधार विधेयकों’ को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध-प्रदर्शन बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने किसानों के समक्ष बातचीत का प्रस्ताव रखा था। फ़िलहाल इस बातचीत को लेकर नतीजे आने में समय है। किसानों का प्रदर्शन जारी है और उनका कहना है कि यह क़ानून वापस लिया जाए। 

याचिकाकर्ता का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने शुरुआत में इन प्रदर्शनकारियों को रोका था, लेकिन बाद में इन्हें राजधानी स्थित निरंकारी मैदान, बुराड़ी में विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति दी थी। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की सीमा को बंद कर रखा है और किसी को भी वहाँ से जाने नहीं दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सीएए और एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग़ में हुए प्रदर्शन को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रदर्शन के दौरान रोड ब्लॉक करना असंवैधानिक है। 

सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि रास्ता जाम करने और आम नागरिकों को असुविधा पहुँचाने वाले विरोध-प्रदर्शन को अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिका में कहा गया है, “इस प्रदर्शन की वजह से दिल्ली के लाखों लोगों की जान ख़तरे में पड़ सकती है, क्योंकि कोरोना संक्रमण से होने वाली महामारी है। अगर इस बीच कम्युनिटी स्प्रेड होता है तो उससे हालात भयावह हो जाएँगे, इसलिए अदालत से अनुरोध है कि इस मामले में जल्द से जल्द उचित कदम उठाया जाए।”   

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -