Saturday, July 27, 2024
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आग लगाने वालों को आग बुझाने की ट्रेनिंग: SDPI-PFI वालों को तैयार कर रहा था केरल का सरकारी विभाग, विरोध के बाद 2 अधिकारी निलंबित

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी PFI के कार्यकर्ताओं को केरल में राज्य अग्निशमन व बचाव सेवा विभाग द्वारा विशेष प्रशिक्षण देने की आलोचना की थी। संगठन ने कहा कि कट्टरपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं को उनकी यूनिफॉर्म में सरकारी प्रशिक्षण देना गलत है।

कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कार्यकर्ताओं को आग बुझाने का प्रशिक्षण देने के मामले में केरल के दो दमकल अधिकारियों को निलंबित किया गया है। जानकारी के मुताबिक, बुधवार (30 मार्च, 2022) को अलुवा में पीएफआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में केरल पुलिस के अग्निशमन और बचाव कर्मियों ने संगठन के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया था। जिस पर विवाद उठ खड़ा हुआ। इसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई।

केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज विभाग की डायरेक्टर जनरल बी संध्या ने सर्कुलर जारी कर निलंबन की जानकारी दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग के तकनीकी निदेशक द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई जाँच रिपोर्ट के बाद दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और तीन अन्य का ट्रांसफर कर दिया गया है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि इस मामले में उचित जाँच की जरूरत है और यह निलंबन पर्याप्त नहीं है। उन्होंने रिपब्लिक से बात करते हुए कहा, “राज्य सरकार केरल में PFI का समर्थन कर रही है और भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने इस मुद्दे को जनता के सामने उठाया है। अब उन्होंने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, लेकिन विस्तृत जाँच होनी चाहिए।”

कोझिकोड से उठे इस विवाद पर सबसे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने ट्वीट किया था, “केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विस ने कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों को ट्रेनिंग दी। पीएफआई और एसडीपीआई कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। पिनराई विजयन की सरकार इन जिहादी बलों को रेड कॉर्पेट दे रही है।” उन्होंने अपने ट्वीट में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को टैग किया था।

बता दें कि केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं को दमकल अधिकारियों की तरफ से ट्रेनिंग दिए जाने से जुड़े कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जिसके बाद राज्य में नया सियासी बवाल खड़ा हो गया। इधर, भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की वाम सरकार पर सवाल उठाए तो वहीं राज्य सरकार ने भी दमकल विभाग से रिपोर्ट की माँग की थी।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी PFI के कार्यकर्ताओं को केरल में राज्य अग्निशमन व बचाव सेवा विभाग द्वारा विशेष प्रशिक्षण देने की आलोचना की थी। संगठन ने कहा कि कट्टरपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं को उनकी यूनिफॉर्म में सरकारी प्रशिक्षण देना गलत है। विहिप के महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा था कि सरकारी संस्थाएँ ऐसे संगठनों को प्रशिक्षण देकर मुस्लिमों का तुष्टिकरण कर रही हैं, जो समाज के लिए सही नहीं है। परांडे ने कहा कि केरल में हिंदू व ईसाई समुदाय लव जिहाद और अपनेसमुदाय समुदाय की लड़कियों के अपहरण से पीड़ित है। इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार को कानून लाना चाहिए ताकि मुस्लिम और ईसाई मिशनरी द्वारा हिंदुओं के धर्म परिवर्तन पर रोक लगे। 

बता दें कि पीएफआई कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जिसकी शुरुआत केरल में साल 2000 में हुई थी। कर्नाटक में हाल ही में हुए हिजाब विवाद में भी संगठन की भूमिका संदिग्ध रही है। सोशल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया (SDPI), PFI की राजनीतिक शाखा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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