Saturday, September 14, 2024
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‘कब्र तक उनका पीछा कर रहे आरोप, सारे मामले से हटाया जाए उनका नाम’: फादर स्टेन स्वामी की मौत की जाँच की माँग, बॉम्बे HC में याचिका

याचिका में कहा गया है कि जब एक ईसाई संस्था ने मेंगलुरु में उनके नाम पर एक पार्क का नाम रखना चाहा हो विहिप, बजरंग दल और ABVP जैसे संगठनों ने इसका विरोध किया।

भीमा-कोरेगाँव मामले में आरोपित ‘अर्बन नक्सल’ फादर स्टेन स्वामी की मौत की न्यायिक जाँच की माँग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। उनके दोस्त फादर फ़्रेज़र मैस्करेन्हास ने ये याचिका दायर की है। बॉम्बे उच्च-न्यायालय से दरख्वास्त की गई है कि सभी मामलों से फादर स्टेन स्वामी का नाम हटाया जाए। कस्टडी में हुई उनकी मौत की न्यायिक जाँच की माँग करते हुए इस याचिका में कहा गया है कि उन पर लगे ‘दोषी होने के कलंक’ को मिटाया जाए।

बता दें कि फादर फ़्रेज़र मैस्करेन्हास सेंट जेवियर्स कॉलेज के प्रधानाध्यापक रहे हैं। उन्हें फ़िलहाल सेंट पीटर चर्च में मुख्य पादरी की जिम्मेदारी दी गई है। याचिका में उन्होंने कहा है कि फादर स्टेन स्वामी पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं। स्पेशल NIA कोर्ट ने 22 अक्टूबर, 2020 को और 22 मार्च, 2021 को दिए गए आदेश में कहा था कि स्टेन स्वामी के खिलाफ शुरुआती जाँच में मामला बनता है। इसके बाद उनकी जमानत याचिका को भी रद्द कर दिया गया था।

तलोजा जेल में कस्टडी के दौरान ही बॉम्बे हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच को पता चला कि फादर स्टेन स्वामी की तबीयत बिगड़ गई है। इसके बाद उन्हें होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद उनकी बीमारियाँ बढ़ने लगीं और 84 वर्ष की उम्र में उनकी मौत हो गई। ताज़ा याचिका में कहा गया है कि NIA कोर्ट ने जो बात कही थी, उसे ‘ठीक करते हुए’ बदल देना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि कब्र तक उन पर लगे आरोप गए हैं।

याचिका में कहा गया है कि जब एक ईसाई संस्था ने मेंगलुरु में उनके नाम पर एक पार्क का नाम रखना चाहा हो विहिप, बजरंग दल और ABVP जैसे संगठनों ने इसका विरोध किया। चूँकि उन्हें UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था, इसीलिए ये विरोध हुआ – ऐसा याचिका में दावा किया गया है। याचिका में ‘प्रतिष्ठा के अधिकार’ की बात करते हुए किसी व्यक्ति का मतलब सिर्फ उसका शरीर ही नहीं, बल्कि उसके अन्य पहलु भी होते हैं। बता दें कि तमिलनाडु के त्रिची में जन्मे फादर स्टेन स्वामी झारखंड में सक्रिय थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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