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Saturday, April 12, 2025
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लॉकडाउन भले चला गया हो, मगर वायरस नहीं गया, थोड़ी सी लापरवाही हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है: PM मोदी

"साधन संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। देश में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बेड हैं, 12000 क्वारंटाइन सेंटर हैं, कोरोना टेस्टिंग के लिए 2000 लैब काम कर रही हैं। देश में टेस्ट की संख्या जल्द ही 10 करोड़ को पार कर जाएगी।"

पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (अक्टूबर 20, 2020) को शाम 6 बजे राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है।

उन्होंने कहा, “हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, मगर वायरस नहीं गया है। बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है और अधिक सुधार करना है।”

वो कहते हैं कि आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, Fatality Rate कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है।

मोदी ने कहा कि साधन संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। देश में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बेड हैं, 12000 क्वारंटाइन सेंटर हैं, कोरोना टेस्टिंग के लिए 2000 लैब काम कर रही हैं। देश में टेस्ट की संख्या जल्द ही 10 करोड़ को पार कर जाएगी।

सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर्स, नर्स, हेल्थ वर्कर्स, इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है

आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, मृत्यु-दर कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है।

पीएम मोदी ने कहा, “आप ध्यान रखिए, आज अमेरिका हो, या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर बढ़ने लगे। जब तक सफलता पूरी न मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है।”

पीएम ने कहा, “बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। अनेक देश इसके लिए काम कर रहे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं।”

उन्होंने कहा कि कोरोना की वैक्सीन जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुँचे इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है। एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुँचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है।

पीएम ने आगे कहा, “एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है, हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ-साथ चलेंगे तभी जीवन में ख़ुशियाँ बनी रहेंगी।”

गौरतलब है कि इससे पहले कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए जब पहले राहत पैकेज का ऐलान हुआ था तब भी पीएम मोदी ने इसी तरह देश के नाम संबोधन में इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की डिटेल जानकारी दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने 19 मार्च को दिए 29 मिनट के भाषण में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील की थी इसके साथ ही लोगों से कोरोना वॉरियर्स के लिए ताली, थाली, घंटी आदि बजाने की भी अपील की थी। 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था। इसके बाद पीएम मोदी ने 3 अप्रैल को सोशल मीडिया के माध्यम से 12 मिनट एक वीडियो साझा कर 9 मिनट के लिए लाइटें बंद करके दीये जलाने की अपील की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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