प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (2 अगस्त 2021) को ई-रुपी (e-RUPI) नाम का डिजिटल पेमेंट सिस्टम लॉन्च किया। पीएम मोदी ने कहा कि ई रुपी वाउचर देश में डिजिटल लेनदेन और डीबीटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह लक्षित, पारदर्शी और लीक प्रूफ वितरण में मदद करेगा। पीएम ने कहा कि ई-रुपी इस बात का उदाहरण है कि कैसे भारत 21वीं सदी में उन्नत तकनीक की मदद से आगे बढ़ रहा है और लोगों को जोड़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इसकी शुरुआत उस साल हुई, जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।
e-RUPI is an example of how India is moving forward & connecting people in the 21st century with the help of advanced technology. I’m glad that it has started in the year when India is celebrating its 75th year of Independence: PM Narendra Modi
— ANI (@ANI) August 2, 2021
इस डिजिटल वाउचर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार का मौद्रिक लाभ सीधे ‘लीक प्रूफ’ तरीके से नागरिकों तक पहुँचे। नई भुगतान प्रणाली के तहत लाभार्थियों को एक इलेक्ट्रॉनिक वाउचर या कूपन दिया जाएगा। इसका ऑनलाइन बैंकिंग, भुगतान एप्लिकेशन और अन्य पारंपरिक भुगतान मोड के बिना उपयोग किया जा सकेगा।
सीधे शब्दों में कहा जाय तो ई रुपी ऐसा डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जिसमें एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर होता है। यह सोडेक्सो वाउचर की तरह ही एक डिजिटल कूपन है। इसे एनपीसीआई ने फाइनैंशियल सर्विस डिपार्टमेंट, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय व राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ मिलकर बनाया है। यह पूरी तरह से लीक प्रूफ है।
कैसे काम करता है यह
e-RUPI एक प्रीपेड ई-वाउचर है। यह क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग के आधार पर ई-वाउचर के रूप में काम करता है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर पहुँचाया जाता है। यह प्लेटफॉर्म यूजर को कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना वाउचर को कैश कराने की छूट देता है। ई-रुपी सेवाओं के स्पॉन्सर्स को बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं से जोड़ता है।
इससे होने वाले लाभ
ई-रुपी पेमेंट मोड किसी ऐप या मोबाइल बैंकिंग से जुड़ा नहीं है। किसी भी तरह के फोन वाला व्यक्ति इसका इस्तेमाल कर सकेगा। सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से यूजर एसएमएस वाउचर को कैश करा सकता है। इतना ही नहीं लेनदेन पूरा होने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर को पेमेंट किया जाएगा। इसे पेमेंट मोड में बिना किसी बिचौलिए सर्विस प्रोवाइडर को समय पर पेमेंट दिया जा सकेगा।
केंद्र सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजनाओं के तहत वित्तीय लाभ देने के लिए ई-रुपी पेमेंट मोड का इस्तेमाल करना चाहती है। इसमें आयुष्मान भारत योजना, माँ और बाल-कल्याण योजना, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों और पोषण संबंधी सहायता समेत कई सेवाएँ प्रदान करना शामिल हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारियों के कल्याण और सीएसआर कार्यक्रमों के लिए ई-रुपी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मौजूदा समय में 11 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक हैं, जो इस नए डिजिटल भुगतान मोड का समर्थन करते हैं। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एक्सिस बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा पूरी तरह से ई-रुपी वाउचर का समर्थन करते हैं। इन बैंकों में ई-रुपी कूपन जारी करना और भुनाना दोनों उपलब्ध हैं। जबकि केनरा बैंक, इंड्सइंड बैंक, इंडियन बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत दूसरे बैंक केवल ई-रुपी का कूपन जारी कर सकते हैं।