Friday, April 19, 2024
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‘महिला और छोटे किसान हैं डेयरी सेक्टर की असली ताकत’: ग्रेटर नोएडा में PM मोदी ने किया समिट का उद्घाटन, कहा – 44% बढ़ गया दूध उत्पादन

डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान की जा रही है। इसे पशु आधार नाम दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार (12 सितंबर, 2022) को ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट एंड सेंटर में वर्ल्ड डेयरी’ समिट (World Dairy Summit 2022)’ का उद्घाटन किया। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत महिलाओं और छोटे किसानों को बताया।

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान Mass Production से ज्यादा Production by Masses की है और इस पूरी प्रकिया के बीच में कोई मिडिल मैन नहीं होता तथा ग्राहकों से जो पैसा मिलता है, उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा किसानों की जेब में ही जाता है। उन्होंने दावा किया कि पूरे विश्व में इतना ज्यादा Ratio किसी और देश में नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि आज भारत में Dairy Cooperative का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गाँवों में, करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुँचाती हैं।

साथ ही उन्होंने भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाओं को बताया है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएँ ही हैं। भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएँ ही हैं। हमारे देश में दुग्ध उत्पादन की दर 6 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है, जबकि विश्व स्तर पर यह केवल 2% प्रति वर्ष है। 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था। अब ये बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुँच गया है। यानी करीब-करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।”

पीएम के शब्दों में, “भारत के डेयरी सेक्टर में महिलाएँ 70 प्रतिशत योगदान करती है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि इन महिलाओं के नेतृत्व में 8.5 लाख करोड़ रुपए का डेयरी क्षेत्र चलता है।।”

‘पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल’

पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “खेती में मोनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत आवश्यकता है। ये पशुपालन पर भी लागू होता है। इसलिए आज भारत में देसी नस्लों और हाइब्रिड नस्लों, दोनों पर ध्यान दिया जा रहा है। भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत-प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएँगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।”

‘पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक, टेक्नोलॉजी की मदद से पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान की जा रही है। इसे पशु आधार नाम दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने उद्घाटन समारोह में कहा, “वर्ष 2014 के बाद से हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए निरंतर काम किया है। आज इसका परिणाम मिल्क प्रोडक्शन से लेकर किसानों की बढ़ी आय में भी नजर आ रहा है।”

पीएम मोदी ने गायों में तेजी से फैल रही लंपी बीमारी का जिक्र करते हुए आगे कहा, “पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में Lumpy नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हुई है। विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। हमारे वैज्ञानिकों ने Lumpy Skin Disease की स्वदेशी vaccine भी तैयार कर ली है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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