उत्तर प्रदेश पुलिस ने पाकिस्तानी महिला बानो बेगम को गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार (फरवरी 13, 2021) को उसे अदालत में पेश किया गया। अदालत के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया। बानो बेगम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर पंचायत चुनाव लड़ने का आरोप है। वह एटा जिले के जलेसर तहसील के गुदऊ गाँव की ग्राम प्रधान भी बन गई थी।
1 जनवरी 2021 को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद से वह फरार चल रही थी। गुप्त सूचना के आधार पर जलेसर पुलिस ने उसे उसके घर के पास से गिरफ्तार किया।
यूपी पुलिस ने ग्रामीणों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के आधार पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें दावा किया गया था कि पाकिस्तानी नागरिक होने के बावजूद बानो ने 2015 में ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ा और उसमें जीत दर्ज की। पंचायत प्रमुख शहनाज़ बेगम की मृत्यु के बाद, वह अंतरिम पंचायत प्रमुख बन गई।
35 साल पहले बानो बेगम एक शादी में शामिल होने कराची से भारत आई। फिर एटा में अख्तर अली से निकाह कर ली। उसके बाद से वह अपने दीर्घकालिक वीज़ा की अवधि कई बार बढ़वा चुकी थी।
बानो ने बनवाए थे फर्जी दस्तावेज
गाँव के निवासी कुवैदान खान ने 10 दिसंबर 2019 को डिस्ट्रिक्ट पंचायत राज ऑफिसर (डीपीआरओ) आलोक प्रियदर्शी से शिकायत की। शिकायत में उन्होंने कहा था कि बानो बेग़म पाकिस्तान की नागरिक है। इस बात के सामने आते ही पूरे गाँव में हडकंप मच गया। फिर बानो बेग़म ने ग्राम प्रधान पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी ने पूरे प्रकरण के बारे में ग्राम पंचायत सचिव और एटा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सुखलाल भारती को सूचित किया। मजिस्ट्रेट सुखलाल भारती ने बानो बेग़म पर मामला दर्ज करने और जाँच शुरू करने का आदेश दिया है।
जाँच के कुछ ही समय बाद यह पता चला कि बानो बेग़म भारत की नागरिक नहीं है। उसने नकली वोटर आईडी और आधार कार्ड बनवाए थे। आरोपों के मुताबिक़ गुदऊ ग्राम पंचायत सचिव ध्यान सिंह ने प्रधान पद के लिए बेग़म बानो के नाम का सुझाव दिया था। उन लोगों के खिलाफ़ भी जाँच की जा रही है जिन्होंने बेग़म को नकली दस्तावेज़ उपलब्ध कराने में मदद की।