जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में 5 जवान बलिदान हो गए। इनमें से एक लांस नायक कुलवंत सिंह का शनिवार (22 अप्रैल 2023) को अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्हें 3 माह के बेटे ने मुखाग्नि दी। कुलवंत सिंह के पिता भी कारगिल युद्ध में बलिदान हुए थे। पिता की ही तरह अब उन्होंने भी देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
एक ही रेजिमेंट में रहते बलिदान हुए पिता-पुत्र
भारतीय सेना के वीर जवान लांस नायक कुलवंत सिंह पंजाब के मोगा जिले के चाडिक गाँव के रहने वाले थे। उनके बलिदान की खबर के बाद से ही चाडिक गाँव में मातम पसरा हुआ है। कुलवंत के पिता हवलदार बलदेव सिंह भी सेना में थे। साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में वह बलिदान हुए थे। इसके 11 साल बाद यानि साल 2010 में कुलवंत भी सेना में शामिल हो गए। कुलवंत भारतीय सेना की रेजिमेंट सिख लाइट इन्फैंट्री का हिस्सा थे। इसे संयोग ही कहा जाना चाहिए कि सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट में रहते हुए ही उनके पिता भी बलिदान हुए थे।
VIDEO | The mortal remains of Lance Naik Kulwant Singh, who was martyred in Thursday's Poonch terror attack, brought to his home in Moga today. pic.twitter.com/RnqluzxeyB
— Press Trust of India (@PTI_News) April 22, 2023
देश सेवा में बलिदान हुए लांस नायक कुलवंत सिंह की माँ हरिंदर कौर का कहना है कि सेना में शामिल होने के लिए जब कुलवंत घर से निकले थे तो उन्होंने उनसे कहा था कि वह अच्छे से रहेंगे और सब कुछ ठीक हो जाएगा। वहीं, कुलवंत की पत्नी हरदीप कौर का कहना है कि बलिदान से एक दिन पहले कुलवंत ने उन्हें फोन किया था। इस दौरान बातचीत में बेटे को समय पर वैक्सीन लगवाने की बात कही थी। कुलवंत अपने पीछे माँ, पत्नी, डेढ़ साल की बेटी और करीब 3 महीने का बेटा छोड़ गए हैं। कुलवंत अपने पैतृक गाँव में स्थित घर का पुनर्निर्माण कराने की भी सोच रहे थे। यह घर काफी पुराना हो गया है।
चाडिक गाँव के सरपंच गुरचरण सिंह का कहना है कि कुलवंत का जीवन बेहद गरीबी से बीता। सेना में नौकरी के बाद से सब ठीक होता दिख रहा था। करीब 3 साल पहले उनकी शादी हुई थी। 3 सप्ताह पहले ही वह घर में छुट्टी बिताकर वापस जम्मू-कश्मीर गए थे।
हमले के समय गाड़ी से कूद गए थे कुलवंत
लांस नायक कुलवंत सिंह के बलिदान को लेकर 67 इंजीनियर्स रेजिमेंट से सेवानिवृत्त सूबेदार नायब सिंह का कहना है कि सेना में तैनात जवानों से हुई बातचीत में उन्हें पता चला है कि आतंकियों ने जिस वाहन में आग लगाई थी, कुलवंत उस वाहन से कूद गए थे। लेकिन इसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हुए और वह बलिदान हो गए।
कुलवंत सिंह अमर रहे के नारों से गूँज उठा क्षेत्र
बलिदानी लांस नायक कुलवंत सिंह को मोगा जिले में स्थित उनके गाँव चाडिक में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बलिदानी को उनके 3 महीने के बेटे ने मुखाग्नि दी। बलिदानी की पत्नी हरदीप कौर, माँ हरिंदर कौर, बहन चरणजीत कौर व भाई सुखप्रीत सिंह समेत सैकड़ों की तादात में मौजूद लोगों ने वीर जवान को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान ‘कुलवंत सिंह अमर रहे’ के नारे गूँजते रहे।
#WATCH | Punjab: Mortal remains of Lance Naik Kulwant Singh, who lost his life in the Poonch terror attack, brought to his native village in Chadik village in Moga. People gathered to pay tribute to the soldier. pic.twitter.com/PE2IEdv5Hf
— ANI (@ANI) April 22, 2023
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार (20 अप्रैल 2023) को हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के 5 जवान बलिदान हो गए थे। आतंकियों ने ग्रेनेड से हमले कर सेना के वाहन में आग लगा दी थी। यही नहीं, इसके बाद आतंकियों ने भीषण गोलीबारी भी की थी।