Saturday, October 5, 2024
Homeदेश-समाजदेश मोदी के नेतृत्व में बना रहा है नए आयाम; राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण...

देश मोदी के नेतृत्व में बना रहा है नए आयाम; राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण की मुख्य बातें

राष्ट्रपति ने कहा कि 2014 चुनावों से पहले देश अनिश्चितता के दौर से गुज़र रहा था लेकिन पारदर्शी मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद लोक कल्याणकारी सुविधाओं को जन-जन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बजट सेशन के पहले दिन संसद के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए गुरु नानक देव को उनकी 550वीं जयंती वर्ष पर याद किया। उन्होंने अपने अभिभाषण में महात्मा गाँधी और राम मनोहर लोहिया का ज़िक्र करते हुए कहा कि देश उनके दिखाए राह पर चल रहा है। साथ ही राष्ट्रपति ने जलियाँवाला बाग़ नरसंहार के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शहीदों को नमन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि 2014 चुनावों से पहले देश अनिश्चितता के दौर से गुज़र रहा था लेकिन पारदर्शी मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद लोक कल्याणकारी सुविधाओं को जन-जन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा।

कृषि एवं किसानों के हित में किए गए कार्य

राष्ट्रपति ने देश के मेहनती किसानों को रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने उन्हें अर्थव्यवस्था का आधार बताया। किसानों का अभिनन्दन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार उन तक सभी सुविधाएँ पहुँचाने का लगातार प्रयास कर रही है। इस पर विशेष जानकारी देते हुए उन्होंने कहा:

“मेरी सरकार ने 22 फसलों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्य यानि एम.एस.पी. को फसल की लागत का डेढ़ गुना से अधिक करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। मिट्टी की सेहत के बारे में किसानों को जानकारी देने के लिए 17 करोड़ से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड बांटे गए हैं। खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा यूरिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग भी की गई है। सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए मेरी सरकार पहले की 99 अधूरी परियोजनाओं को पूरा कर रही है। इनमें से 71 परियोजनाएं, अगले कुछ महीनों में पूरी होने जा रही है। देश की 1,500 से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ने का अभियान चलाया गया है।”

दीन दयाल उपाध्याय के आदर्शों पर चल रही है सरकार

पंडित दीन दयाल उपाध्याय को याद करते हुए और मोदी सरकार में हुए बदलावों के बारे में बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा:

“वो ग़रीब माँ जो लकड़ी के धुएँ में खाना बनाती थी, वो बेबस बहन जो पैसे की चिंता में गंभीर बीमारी के बावजूद अपना इलाज़ टालती थी, वो बेटी जो शौच जाने के लिए सूरज ढलने का इंतजार करती थी, वो बच्चा जो बिजली के अभाव में पढ़ाई के लिए सूरज की रोशनी का इंतज़ार करता था, वो किसान जो ओले से फ़सल बर्बाद होते देखकर कर्ज़ चुकाने की चिंता में घिर जाता था, वो युवा जो कर्ज़ न मिल पाने के कारण अपना रोज़गार शुरू नहीं कर पाता था, ऐसे ही असंख्य असहाय चेहरों ने मेरी सरकार के लक्ष्य तय किए। और इसी सोच ने मेरी सरकार की योजनाओं को आधार दिया। यही दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय का आदर्श रहा है और उनका यह आदर्श ही, मेरी सरकार के कामकाज की सार्थकता की कसौटी बना है।”

उज्ज्वला योजना

मोदी सरकार की महत्वकांक्षी उज्ज्वला योजना पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने आँकड़े गिनाए। उन्होंने कहा:

“हमारी बहुत सी माताएँ, बहनें और बेटियाँ, चूल्हे के धुएँ के कारण बीमार रहती थीं, पूरे परिवार का स्वास्थ्य प्रभावित होता था और उनका अधिकांश परिश्रम और समय, ईंधन जुटाने में लग जाता था। ऐसी बहनों-बेटियों के लिए मेरी सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 6 करोड़ से ज़्यादा गैस कनेक्शन दिए हैं। दशकों के प्रयास के बाद भी वर्ष 2014 तक हमारे देश में केवल 12 करोड़ गैस कनेक्शन थे। बीते केवल साढ़े चार वर्षों में मेरी सरकार ने कुल 13 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन से जोड़ा है।”

शौचालय निर्माण के क्षेत्र में केंद्र सरकार के अभूतपूर्व कार्य

राष्ट्रपति ने स्वच्छता अभियान में शौचालय निर्माण के क्षेत्र में किए गए कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती तक देश को सम्पूर्ण रूप से स्वच्छ बनाने का संकल्प रखा गया है। उन्होंने कहा:

“शौचालय की सुविधा का न होना करोड़ों देशवासियों, विशेषकर हमारी बहू-बेटियों को गरिमाहीन और अस्वस्थ जीवन जीने के लिए मजबूर करता था। स्वच्छ भारत अभियान के तहत 9 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है। इस जन आंदोलन के कारण आज ग्रामीण स्वच्छता का दायरा बढ़कर 98 प्रतिशत हो गया है, जो कि वर्ष 2014 में 40 प्रतिशत से भी कम था। एक आकलन के अनुसार, इन शौचालयों के बनने से गरीबों की अनेक बीमारियों से सुरक्षा, हो पा रही है और 3 लाख से ज्यादा गरीब देशवासियों के जीवन की रक्षा संभव हुई है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के इस वर्ष में हमें याद रखना है कि हमने पूज्य बापू की स्मृति में इस वर्ष 2 अक्तूबर तक देश को संपूर्ण स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया है।”

स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्य

राष्ट्रपति ने ‘आयुष्मान भारत योजना’, ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ और ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ का ज़िक्र करते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को गिनाते हुए कहा:

हम इस बात से भली-भाँती परिचित हैं कि बीमारी के इलाज़ का ख़र्च, किसी ग़रीब परिवार को और भी ग़रीब बनाता है। इस पीड़ा को समझने वाली मेरी सरकार ने, पिछले वर्ष ‘आयुष्मान भारत योजना’ शुरू की। विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना- ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ के तहत देश के 50 करोड़ गरीबों के लिए गंभीर बीमारी की स्थिति में, हर परिवार पर प्रतिवर्ष 5लाख रुपए तक के इलाज़ ख़र्च की व्‍यवस्‍था की गई है। सिर्फ 4 महीने में ही इस योजना के तहत 10 लाख से ज़्यादा ग़रीब ,अस्पताल में अपना इलाज़ करवा चुके हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने किडनी की बीमारी से परेशान भाइयों और बहनों के लिए डायलिसिस की निशुल्क सेवा उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा:

मेरी सरकार का यह भी प्रयास रहा है कि ग़रीब और मध्यम वर्ग के परिवारों पर इलाज़ के खर्च का बोझ कम से कम पड़े। ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ के तहत देश भर में अब तक 600 से ज्यादा जिलों में 4,900 जन औषधि केन्‍द्र खोले जा चुके हैं। इन केन्‍द्रों में 700 से ज़्यादा दवाइयाँ बहुत कम क़ीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसी तरह, दिल की बीमारी में इस्तेमाल होने वाले स्टेंट की क़ीमत कम किए जाने से ग़रीब और मध्यम वर्ग के लोगों को औसतन लगभग 4,600 करोड़ रुपए सालाना की बचत हो रही है। घुटने के ट्रांसप्लांट की क़ीमत कम किए जाने से लोगों को सालाना लगभग 1,500 करोड़ रुपए की बचत हो रही है। मेरी सरकार ने किडनी की बीमारी से परेशान भाइयों और बहनों के लिए डायलिसिस की निशुल्क सेवा उपलब्ध कराई है। इससे डायलिसिस के हर सेशन में लोगों को 2 हजार रुपए से अधिक की बचत हो रही है।

केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे बीमा योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया:

इसके साथ ही, सिर्फ 1 रुपया महीना के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब भाई-बहनों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। किसी अनहोनी के समय प्रत्येक योजना के तहत 2 लाख रुपए की सहायता का प्रावधान किया गया है। अब तक इस योजना के माध्यम से 3,100 करोड़ रुपए से ज़्यादा राशि उपलब्ध कराकर, मेरी सरकार ने देशवासियों का, उनके संकट के समय में साथ दिया है।

अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत की सफलता

महामहिम कोविंद ने भारतीय कूटनीति की सफलता की चर्चा करते हुए कहा कि अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की बात ध्यान से सुनी जा सकती है। अंतररष्ट्रीय योग दिवस व अन्य सफलता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा:

यह मेरी सरकार की राजनयिक सफलता है कि आज भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर सम्मान के साथ सुनी जाती है। कुछ दिन पूर्व वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस में भारत की यह अंतर्राष्ट्रीय ध्वनि और ज्यादा मुखर हुई है। भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया और आज यह दिवस पूरे विश्व में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। पूरी दुनिया में योग की लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ रही है। आज भारत को यह गर्व है कि हमने विश्व समुदाय को योग जैसी श्रेष्ठ पद्धति की सौगात दी है।

सरकार ने विदेश में रहने वाले भारतीयों के पासपोर्ट की ताकत और उसका मान ही नहीं बढ़ाया है, बल्कि उनके सुख-दुःख की सहभागी भी बनी है। पिछले चार वर्ष में संकट में फंसे 2 लाख 26 हजार से ज्यादा भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है।

जम्मू, लद्दाख और कश्मीर

जम्मू, कश्मीर एवं लद्दाख में किए जा रहे विकास कार्यों की चर्चा करते हुए महामहिम ने कहा कि वहाँ चुनाव सफल रहे हैं। उन्होंने कहा:

“मेरी सरकार जम्मू, लद्दाख और कश्मीर के संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मेरी सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य में विकास का वातावरण बनना शुरू हुआ है। हाल ही में राज्य के शहरी स्थानीय निकायों में 13 वर्ष बाद और पंचायतों में 7 वर्ष के अंतराल के बाद शांतिपूर्वक चुनाव हुए जिनमें लोगों ने बहुत उत्साह दिखाया और 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध मेरी सरकार द्वारा 80 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया गया था। इस पैकेज में से, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी अलग-अलग परियोजनाओं के लिए अब तक 66 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की स्वीकृति दी जा चुकी है।”

भारतीय सेना और OROP

राष्ट्रपति ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ लागू किए जाने की चर्चा करते हुए भारतीय सेना की तारीफ़ की और कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ ने सैन्य बलों का मनोबल बढ़ाया है। उन्होंने राफेल की भी चर्चा की। उन्होंने कहा:

“हमारी सेनाएँ और उनका मनोबल, 21वीं सदी के भारत के सामर्थ्य का प्रतीक है। मेरी सरकार ने चार दशकों से लंबित वन रैंक वन पेंशन की मांग को न सिर्फ पूरा किया बल्कि 20 लाख पूर्व-सैनिकों को 10,700 करोड़ रुपए से ज्यादा के एरियर का भुगतान भी किया है। मेरी सरकार का मानना है कि अपनी रक्षा ज़रूरत को एक पल के लिए भी नज़रअंदाज़ करना, देश के वर्तमान और भविष्य, दोनों के ही हित में नहीं है। बीते वर्ष रक्षा क्षेत्र में हुए नए समझौतों, नए सैन्य उपकरणों की खरीद और Make In India के तहत देश में ही उनके निर्माण ने सेना का मनोबल बढ़ाया है और सैन्य-आत्मनिर्भरता की ओर देश का मार्ग प्रशस्त किया है। दशकों के अंतराल के बाद भारतीय वायुसेना, आने वाले महीनों में, नई पीढ़ी के अति आधुनिक लड़ाकू विमान-राफेल को शामिल करके, अपनी शक्ति को और सुदृढ़ करने जा रही है।”

अर्थव्यवस्था और GST पर राष्ट्रपति के बोल

संसद के बजट सेशन में दोनों सदनों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि GST से देश में एक ईमानदार और पारदर्शी व्यापारिक व्यवस्था का निर्माण हो रहा है जिसका काफी बड़ा लाभ देश के युवाओं को मिल रहा है। अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा:

“सरदार पटेल ने देश के भौगोलिक और राजनैतिक एकीकरण का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य अपनी असाधारण क्षमताओं के बल पर प्राप्त किया था। लेकिन पूरे देश के व्यापक आर्थिक एकीकरण का काम अधूरा रह गया था। हमारे व्यापारी और उद्यमी हमेशा परेशान रहते थे कि वे अपना सामान कहां से खरीदें और कहां बेचें, किस तरह से अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग कर-प्रणालियों का पालन करें। अब GST जैसा व्यापक कर सुधार लागू होने से One Nation- One Tax- One Market की अवधारणा साकार हुई है।

GST से देश में एक ईमानदार और पारदर्शी व्यापारिक व्यवस्था का निर्माण हो रहा है जिसका काफी बड़ा लाभ देश के युवाओं को मिल रहा है। इस व्यवस्था से व्यापारियों के लिए पूरे देश में कहीं पर भी व्यापार करना आसान हुआ है और उनकी कठिनाइयां कम हुई हैं। मैं देशवासियों को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि शुरुआती दिक्कतों के बावजूद, देश के बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने बहुत कम समय में एक नई प्रणाली को अपनाया। मेरी सरकार ने व्यापार जगत से मिल रहे सुझावों को ध्यान में रखकर GST में सुधार की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा है।”

राष्ट्रपति ने ‘Ease Of Doing Business’ में भारत की रैंकिंग पाँच वर्ष में 65 अंक ऊपर जाने की बात कहते हुए कहा कि सरकार स्व-रोज़गार को बढ़ावा दे रही है।

भ्रष्टाचार और कालाधन पर अंकुश

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘बेनामी संपत्ति कानून’, ‘प्रिवेन्शन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट’ और आर्थिक अपराध करके भागने वालों के खिलाफ बने कानून के तहत 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई हो रही है। उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया:

“वर्ष 2014 में मेरी सरकार को जनता ने पूर्ण बहुमत देने के साथ ही यह आदेश भी दिया था कि कालेधन और भ्रष्टाचार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। बीते साढ़े चार वर्षों में मेरी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी है। जन-मन को समझने वाली मेरी सरकार ने पहले दिन से ही कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी और कैबिनेट की पहली ही बैठक में कालेधन के खिलाफ SIT यानि विशेष जांच दल के गठन का निर्णय लिया। इसके बाद सरकार ने कालेधन के खिलाफ नया और कठोर कानून बनाया। विदेश में गैर-कानूनी तरीके से जुटाई गई संपत्ति के खिलाफ भी मेरी सरकार ने अभियान चलाया। टैक्स हेवेन समझे जाने वाले अनेक देशों के साथ नए सिरे से समझौते किए गए और कई देशों के साथ पुराने समझौतों की कमियों को दूर करते हुए, नए बदलाव लाए गए।”

कालेधन के ख़िलाफ़ अभियान की बात करते हुए महामहिम ने कहा:

“भारत से विदेश जा रहे कालेधन को रोकने के साथ ही मेरी सरकार ने, देश के भीतर भी कालेधन के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया। देश का हर वह सेक्टर जहाँ कालेधन का प्रवाह था, उसके लिए नए कानून बनाए गए, उन्हें टैक्स के दायरे में लाया गया। इन कार्रवाइयों के बीच सरकार ने लोगों को अपनी अघोषित आय और अघोषित धन को स्वेच्छा से घोषित करने का अवसर भी दिया।”

“कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान में नोटबंदी का फैसला एक महत्वपूर्ण कदम था। इस फैसले ने कालेधन की समानांतर अर्थव्यवस्था पर प्रहार किया और वह धन, जो व्यवस्था से बाहर था, उसे देश की अर्थव्यवस्था से जोड़ा गया। सरकार के इस कदम ने देश को अस्थिर करने वाली ताकतों और कालेधन के प्रवाह में मदद करने वाली व्यवस्थाओं की कमर तोड़ दी है। कालेधन के प्रवाह के लिए जिम्मेदार 3 लाख 38 हजार संदिग्ध शेल कंपनियों का रजिस्ट्रेशन सरकार द्वारा खत्‍म किया जा चुका है। इन कंपनियों के निदेशकों के दोबारा चुने जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।”

इसके अलावा राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत, बिना किसी गारंटी के 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के ऋण दिए गए हैं। इसका लाभ, ऋण प्राप्त करने वाले 15 करोड़ से ज्यादा लोगों ने उठाया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भाई अदनान शेख ने मेरे प्राइवेट पार्ट पर मारा, हिन्दू लड़की से किया निकाह: बहन इफ्फत ने खोली Bigg Boss वाले की पोल

इन्स्टाग्राम इन्फ्लुएंसर अदनान शेख की बहन इफ्फत ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अदनान की बहन ने एक इंटरव्यू के दौरान कई बातों का खुलासा किया है।

शौहर पाकिस्तानी, बीवी बांग्लादेशी… कर्नाटक में हिंदू नाम रख YouTube पर देता था इस्लामी ज्ञान, गाजियाबाद में रामलीला करने वाले 3 मुस्लिम गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक की दो अलग-अलग घटनाओं ने एक बार फिर अवैध प्रवासियों और मजहबी पहचान छिपाकर भारत में रहने वालों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -