Saturday, July 27, 2024
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इस्लामी संगठनों और JNU के छात्रों ने लगाए ब्राह्मण विरोधी नारे, त्रिपुरा में कथित हिंसा का कर रहे थे विरोध: कई हिरासत में

इलाके में धारा 144 लगी होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहाँ से चले जाने के लिए कहा, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की अपील का कोई असर नहीं हुआ। आख़िरकार पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को वहाँ से हटाया।

त्रिपुरा में सांप्रदायिक तनाव के विरोध में दिल्ली स्थित त्रिपुरा भवन के सामने 29 अक्टूबर 2021 (शुक्रवार) को प्रदर्शन किया गया और इस दौरान आपत्तिजनक नारे लगाए गए। इस प्रदर्शन में राष्ट्रीय स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑग्रेनाइजेशन ऑफ इंडिया (SIO) और मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन (MSF) ने JNU के छात्र राजद सहित कई अन्य संगठनों ने हिस्सा लिया। इस प्रदर्शन में ब्रह्मणवाद मुर्दाबाद के साथ-साथ हिन्दू संगठनों के विरुद्ध आपत्तिजनक नारेबाजी की गई।

इलाके में धारा 144 लगी होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहाँ से चले जाने के लिए कहा, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की अपील का कोई असर नहीं हुआ। आख़िरकार पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को वहाँ से हटाया। इसके साथ ही कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया।

इस प्रदर्शन को AIMIM पार्टी से जुड़े सिकंदर ने अपने फेसबुक से LIVE किया था। LIVE किए गए वीडियो में साफ़ तौर पर प्रदर्शन में ब्राह्मणवाद मुर्दाबाद के नारे सुनाई दे रहे हैं। इसी के साथ प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ भी नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शन में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब को भी कुर्सी छोड़ने के नारे लगाए जा रहे थे।

प्रदर्शन का सारांश त्रिपुरा की पूरी घटना में हिन्दुओं और समूहों को ही दोषी ठहरना रहा। इस प्रदर्शन में शामिल फ्रैटर्निटी मूवमेंट (Fraternity movement) की आयशा ने अपने ट्विटर पर खुद को हिरासत में लिए जाने की जानकारी साझा की है।

मकतूब ने भी इस प्रदर्शन की तस्वीरें और जानकारी ट्विटर पर साझा की है।

इस प्रदर्शन में भागीदारी करने वाले स्टूडेंट इस्लामिक आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया (SIO) ने भी अपनी उपस्थिति के प्रमाण दिए हैं।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में साम्प्रदायिक तनाव फैला है। साम्प्रदायिक तनाव की वजह विश्व हिन्दू परिषद की पानीसागर क्षेत्र में हुई रैली के बाद सोशल मीडिया में उड़ाई गई अफवाह है। इन अफवाहों में मस्जिदों पर हमले की बात कही गई। हालाँकि, त्रिपुरा पुलिस ने इन अफवाहों का खंडन किया था। इसी के साथ ऐसी अफवाह उड़ाने वाले सोशल मीडिया हैंडल के विरुद्ध कार्रवाई की भी बात कही थी।

इधर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मुस्लिम में लाठी-डंडे और हथियार लिये मार्च कर रहे हैं। यह वीडियो त्रिपुरा की बताई जा रही है। वायरल वीडियो में त्रिपुरा पुलिस भी उन्हें शांति और सद्भाव से रहने की अपील करती दिखाई दे रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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