कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या राजस्थान में 1000 के पार हो गई है। राजधानी जयपुर में अब तक संक्रमण के 453 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 409 अकेले रामगंज इलाके से हैं। आप ये जान कर भी चौंक जाएँगे कि 408 लोगों को संक्रमण सिर्फ़ एक व्यक्ति के कारण हुआ है। यानी, एक व्यक्ति ने जयपुर के कुल ममलों में से 90% को संक्रमित किया है।
इससे आप कोरोना से बचाव में सोशल डिस्टेसिंग के महत्व और जरूरत को समझ सकते हैं। रामगंज के अलावा जयपुर के जमात क्षेत्र में 23 मरीज मिले हैं। अकेले मंगलवार (अप्रैल 14, 2020) को जयपुर में 83 नए रोगी मिले, जिनमें से 67 रामगंज से थे।
ये वही रामगंज है, जहाँ अप्रैल के पहले हफ्ते में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदतमीजी की गई थी। एक मेडिकल टीम वहाँ स्क्रीनिंग के लिए गई थी, जिस पर हमला बोल दिया गया। कुछ लोगों ने सैंपल दिए भी तो अपनी पहचान ग़लत बताई। प्रशासन को गुमराह करने का काम किया। आशा कर्मचारियों तक को नहीं बख्शा गया। लोगों ने वहाँ से भागने का भी प्रयास किया। कर्फ्यू तक को धता बताया। जयपुर के रामगंज से कई थानों व नाकों को पार कर जमाती सीकर के पलसाना तक पहुँच गए। एक कोरोना पॉजिटिव जमाती तो पलसाना में रुका था और जयपुर के रामगंज की कई मस्जिदों व जमात से होकर 10 अप्रैल को सुबह पहुँचा था।
तीन जमाती गाड़ी में बैठ रामगंज पहुँचे थे। इसके बाद उनके संपर्क में आने वाले लोगों को चिह्नित कर क्वारंटाइन करने में पुलिस व प्रशासन के पसीने छूट गए। शनिवार को जयपुर में जो 80 नए केस सामने आये थे उनमें से 79 अकेले रामगंज के ही थे। रामगंज के बारे में बता दें कि यह समुदाय विशेष बहुल इलाक़ा है। यहाँ समुदाय विशेष की सघन बस्तियाँ हैं और एक घर में कई-कई लोग रहते हैं। यहाँ मुसाफिर खाने में जब जाँच के लिए कैम्प लगाया गया, तो लोग पहुँचे ही नहीं। थक-हार कर प्रशासन को मस्जिदों से ऐलान करवाना पड़ा।
मस्जिदों की माइकों से कहवाया गया कि बीमारी का पता चलने पर ही आप ख़ुद को और अपने परिजनों को बचा सकते हैं। मस्जिदों से ऐलान होने के बाद क़रीब 100 लोगों ने कैम्प में आकर अपने-अपने सैम्पल उपलब्ध कराए। रामगंज में एक युवक ओमान से पहुँचा था, जिसके बाद संक्रमण बढ़ता ही चला गया। अकेले उस युवक के परिवार, रिश्तेदार और दोस्त वगैरह मिला कर 95 लोग संक्रमित पाए गए। रामगंज की आबादी 2.6 लाख है, ऐसे में इन 400 लोगों ने कितनों को संक्रमित किया है, ये पता करना मुश्किल हो रहा है।
कहा जा रहा है कि रामगंज का जो हिस्सा हॉटस्पॉट बना हुआ है उसकी आबादी 15,000 है। सारा जोर इसी इलाके पर दिया जा रहा है। कर्फ्यू के बाद भी एक बुजुर्ग, 9 युवक और 2 युवतियाँ वहाँ से निकल कर भाग खड़े हुए। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यहाँ के एक घर में 20-25 लोग रहते हैं। वे लोग क्वारंटाइन सेंटर भी नहीं जाना चाह रहे हैं। यहाँ कई मदरसे, मुसाफ़िर खाने, जमात खाने और सामुदायिक सेंटर हैं। लोगों को होम क्वारंटाइन करने की भी व्यवस्था की जा रही है।