राजस्थान LDC भर्ती परीक्षा 2018 को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस भर्ती परीक्षा के फाइनल रिजल्ट के बाद से ही आयोग पर गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। उम्मीदवारों का आरोप है कि राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग ने दस्तावेज सत्यापन के बाद जनरल और OBC वर्ग के पदों की संख्या घटा दी।
उम्मीदवारों का कहना है कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय अधीनस्थ विभाग में OBC की 2093 और जनरल की 5303 सीटें थी, लेकिन अंतिम परिणाम में OBC श्रेणी से 227 काटें काटकर 1866 कर दी गईं, जबकि जनरल श्रेणी से 360 सीटों की कटौती करके 4943 कर दी गई। इस तरह OBC और जनरल श्रेणी के कुल 587 सीटों की कटौती की गई है। इसका खुलासा RTI के जरिए हुआ।
नियुक्ति का अंतिम परिणाम जारी होने के बाद जहाँ ओबीसी का आरक्षण 21 फीसदी से घटकर 17 फीसदी रह गया तो वहीं जनरल का आरक्षण भी 50 फीसदी से घटकर 46 फीसदी रह गया। इसके अलावा बाकी तीनों वर्गों को आरक्षण का पूरा लाभ दिया गया है। ऐसे में राज्य के बेरोजगार युवा गुहार लगा रहे हैं कि OBC और जनरल के इन 587 बेरोजगारों को भी इंसाफ मिले।
बेरोजगारों का कहना है कि बोर्ड की गलती का खामियाजा प्रदेश के 587 बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हुए इन 587 बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड तक गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक भी कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज होने के बाद इन बेरोजगारों की चिंताएँ भी बढ़ने लगी हैं।
उम्मीदवारों ने बोर्ड से लेकर मुख्यमंत्री तक लगाई गई गुहार
उम्मीदवारों ने अपनी शिकायत बोर्ड के समझ रखी, लेकिन बोर्ड ने इस पर कोई ऐक्शन नहीं लिया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री तक को पत्र भेजा गया, लेकिन वहाँ भी इनकी सुनवाई न हो सकी। ऐसे में अब ये उम्मीदवार दर-दर भटक रहे हैं। रोज ट्विटर पर सीएम, आयोग और नेताओं को टैग कर ट्वीट कर रहे हैं, लेकिन उनकी इस समस्या पर कोई खास ध्यान नहीं दे रहा है। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश संयोजक उपेन यादव का कहना है कि सरकार से माँग है कि चयनित अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति देने के साथ कम किए गए पदों को वापस जोड़कर एक और लिस्ट जारी की जाए।
राजस्थान के कई नेताओं ने उठाया मुद्दा
राजस्थान LDC भर्ती में लग रहे आरोपों के बाद इस मुद्दे को राजस्थान के कई नेताओं ने भी उठाया। सांसद किरोड़ी लाल मीणा जो कि राजस्थान सरकार में कैबिनट मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने इस मुद्दे को उठाया। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल और बीजेपी नेता राजेंद्र राठौर ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा है।
मामला क्या है?
राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड, जयपुर ने लिपिक ग्रेड-2 और जूनियर असिस्टेंट की भर्ती के लिए 16 अप्रैल 2018 को विज्ञापन जारी किया था। उस विज्ञापन के मुताबिक स्टेट सेक्रेट्रिएट के लिए 329 सीट, राजस्थान लोक सेवा आयोग में 9 सीट और अधीनस्थ विभागों की 10917 सीटों के लिए आवेदन माँगे गए थे। तीनों को मिलाकर कुल 11255 पदों पर भर्तियाँ होनी थी। लेकिन इसके बाद प्री परीक्षा से पहले आयोग ने पदों की संख्या बढ़ा दी और इसके संबंध में 1 मार्च 2019 को एक नोटिस जारी किया गया।
1 मार्च 2019 के नोटिफिकेशन के अनुसार कुल पदों की संख्या 12456 हो गई, जिसमें RPSC के 35 सचिवालय के 329 और अधीनस्थ विभाग के 12092 पद थे। इसके बाद राजस्थान सरकार की अधिसूचना के अनुसार MBC वर्ग के 4% पद अतिरिक्त बढ़ाए गए और कुल पदों की संख्या 12906 हो गई। नॉन-टीएसपी के 562 पदों का हिसाब भी बोर्ड ने किसी दस्तावेज के जरिए अभी तक नहीं दिया है।
उम्मीदवारों का कहना है कि विडंबना यह है कि अभी तक बोर्ड ने नोटिस में कहीं नहीं बताया है कि कितने पदों पर LDC 2018 भर्ती की गई है और कितने अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है और कितने पद MBC के अतिरिक्त सर्जित किए गए हैं। एलडीसी भर्ती के परिणाम के नोटिस को जब बोर्ड द्वारा जारी पिछली 6-7 भर्तियों से तुलना करें तो इसमें साफ-साफ नजर आता है कि पदों में घोटाला किया गया है और पारदर्शिता बिल्कुल नहीं है, कुछ छुपाया जा रहा है। बोर्ड द्वारा पदों की संख्या के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी जा रही है।
मुकेश नाम के एक उम्मीदवार ने लिखा, ”LDC 2018 भर्ती में OBC के 227 और General के 360 पदों को मिलाकर 587 पदों की कटौती की है। यह सारी की सारी कटौती सिर्फ ओबीसी और जनरल वर्ग से की गई है। 2 साल की कठिन मेहनत के बाद परिणाम के अंतिम समय में आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करके इस तरह कटौती असंवैधानिक है।”
एक उम्मीदवार लक्ष्मी ने लिखा, ”इतिहास में पहली बार किसी भर्ती के कुल पदों की संख्या नहीं बताई गई, मेरिट लिस्ट जारी नहीं की, वर्ग-वार और विभाग-वार रिक्त पदों की जानकारी नहीं दी लेकिन चुपके से काउंसलिंग करवा ली। भर्ती से संबंधित अधिकारी इस घोटाले को दबा रहे।”
सचिन नाम के एक उम्मीदवार ने ट्वीट कर लिखा, “LDC भर्ती में दस्तावेज सत्यापन के समय अधीनस्थ विभाग में सामान्य वर्ग की 5303 और OBC वर्ग की 2093 सीटें थीं तो अंतिम परिणाम में ये 4943 और 1866 कैसे रह गईं? चयन बोर्ड ARD और कार्मिक विभाग ने OBC,जनरल की 587 सीटों में हेरफेर कर दिया।”