Saturday, November 16, 2024
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अलीम, असलम, कामिल, सद्दाम, खालिद… अलवर बीफ मंडी केस की FIR में 22 नाम: बताया- गाय काटने की थी तैयारी, पुलिस को देखते ही भागे

राजस्थान पुलिस ने रविवार (18 फरवरी 2024) को गाय काट कर गोमांस बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मुखबिर ने पुलिस को बताया था कि राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले के किशनगढ़ बास में खुले में गाय काटी जा रही है और उसका मांस बेचा जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

राजस्थान पुलिस ने रविवार (18 फरवरी 2024) को गाय काट कर गोमांस बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मुखबिर ने पुलिस को बताया था कि राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले के किशनगढ़ बास में खुले में गाय काटी जा रही है और उसका मांस बेचा जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

ऑपइंडिया ने इस मामले में दर्ज की गई FIR हासिल की है। यह FIR 19 फरवरी 2024 को दर्ज गई थी। FIR में राजस्थान गोवंश पशु (वध निषेध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात विनियमन) अधिनियम-1995 की धारा 3, 4, 5, 8 और 9 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। गाय काटने और बेचने के मामले में 22 लोगों को नामजद किया गया है।

गोमांस की बिक्री और गोवंश को काटने के मामले में सभी आरोपित मुस्लिम हैं। इस मामले में पुलिस ने रति खान, साहुन, मोसम, हारून, इब्बार, अलीम, असलम, कामिल, सद्दाम, खालिद, फकरू, मोर्मल, खल्ली, रहीस, सलीम, मन्नन, खालिद, कसम, हब्बी, असलम, कय्यूम समेत 22 लोगों को आरोपित बनाया गया है। ये सभी किशनगढ़ बास इलाके के मिर्जापुर और बरसंगपुर के निवासी हैं।

पुलिस FIR में दर्ज सभी गाय का गोमांस बेचने वालों के नाम
पुलिस FIR में दर्ज सभी आरोपितों के नाम

FIR के अनुसार, DSP दिनेश कुमार और उनकी टीम ने दैनिक भास्कर में अवैध गोमांस की मंडी को लेकर प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर 18 फरवरी को कार्रवाई शुरू की। उनके साथ लगभग 20 लोगों की टीम थी। इस टीम ने मिर्जापुर और गाँव बरसंगपुर के इलाके में अभियान चलाया। पुलिस की नजर लोगों पर विशेष तौर पर थी, जो पहले गौकशी और गौतस्करी में शामिल रहे थे।

राजस्थान पुलिस की टीम सूचना के आधार पर शाम को 5 बजे के आसपास मिर्जापुर के जंगल वाले बीहड़ इलाके में पहुँची। वहाँ पुलिस को एक जगह पर चार गाय बँधी हुई दिखीं। इन गायों के पास लगभग 18-19 लोग खड़े थे। वे इन गायों को काटने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस को देखते ही ये सभी गाँवों को ओर भाग गए। इनमें से कुछ की पहचान पुलिस ने कर ली है।

वहाँ मिलीं गायों का परीक्षण करने पर पाया गया कि दो गायों को गहरे घाव इन गौतस्करों ने पहुँचाए थे, जबकि दो गायें सामान्य अवस्था में मिलीं। कुछ दूरी पर एक गाय मृत अवस्था में मिली, जिसकी खाल उतारी जा चुकी थी। पुलिस ने ज़िंदा मिली चार गायों को गौशाला भेज दिया। FIR में बताया गया है कि वहाँ पहले काटे गए कुछ गौवंश के अवशेष भी मिले हैं।

इस साफ़ हुआ है कि यहाँ लम्बे समय से गौकशी का धंधा चलता आ रहा है। इस विषय में जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दे दी गई है। पुलिस ने इस मामले में स्थानीय लोगों से पूछताछ की है। FIR में स्पष्ट किया गया है कि जिन गौतस्करों के विरुद्ध अब मामला दर्ज हुआ है, वह पहले भी यही काम करते आए हैं और उनके खिलाफ पूर्व में भी मामले दर्ज हो चुके हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान के अलवर में बीफ मंडी का खुलासा हुआ था। इसके बाद प्रशासन एक्शन के मोड में है। यह मंडी किशनगढ़ बास में रूंध गिदावड़ा के बीहड़ों में चल रही थी। यहाँ करीब 20 गाय रोजाना खुलेआम काटी जाती थी। 50 गाँवों और लगभग 300 दुकानों में गोमांस की सप्लाई होती थी।

इसको लेकर कुछ वीडियो भी सामने आए थे। वीडियो में दिख रहा था कि बिरसंगपुर के पास रुंध गिदवडा के बीहड़ों में गायों को बेरहमी से मारा जा रहा है। इसके बाद उनकी खाल उतारी जा रही है। गायों की हत्या के बाद गोमांस को व्हाट्सएप पर ऑर्डर लेकर घर तक सप्लाई दी जाती थी। इस मंडी में सैकड़ों की तादाद में खरीदार भी आते थे।

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि बीफ मंडी की जानकारी होने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। खुलासे के बाद जयपुर रेंज के IG उमेश चंद्र दत्त के नेतृत्व में बास इलाके के उन बीहड़ों में छापेमारी की गई, जहाँ गोकशी होने का दावा किया गया था। सूचना सही पाई गई। पुलिस को देखकर गोतस्कर अपने वाहन छोड़ फरार हो गए थे।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, बीहड़ की लगभग 500 बीघे जमीन पर पहले कब्जा किया गया और फिर बीफ मंडी शुरू की गई। कब्जे की 70 बीघे जमीन पर गेहूँ और सरसों की फसल लगाई गई थी। अवैध निर्माण भी किए थे। सोमवार (19 फरवरी 2024) को प्रशासन ने फसल रौंदकर इस जमीन को मुक्त कराया। साथ ही गोकशी से जुड़े लोगों के करीब दर्जनभर निर्माणों पर बुलडोजर की कार्रवाई की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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