कोरोना वॉरियर्स पर हमले की घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब राजस्थान में पुलिस टीम पर हमला किया गया है। राज्य के टोंक शहर में कोरोना प्रभावित अल्पसंख्यक इलाकों में गश्त करने गई पुलिस पर हमला किया गया। लाठी-डंडे और तलवार से निशाना बनाया गया। तीन पुलिसकर्मी जख्मी हैं। उन्हें टोंक के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना की जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी विपिन शर्मा ने कहा, “कसाई मोहल्ला में हमला किया गया। हम कुछ लोगों को पूछताछ और जाँच के लिए अपने साथ लेकर आए हैं। फिलहाल जाँच जारी है।” जिस इलाके में हमला किया गया, वहाँ कर्फ्यू लगा हुआ है। पुलिस कर्फ्यू का पालन कराने में जुटी थी। इसी दौरान करीब आधा दर्जन लोगों ने कर्फ्यू तोड़ने की कोशिश की। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जब इन्हें रोका लाठी-डंडों और तलवार से हमला कर दिया। घटना सुबह 8 बजे की बताई जा रही है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मेडिकल टीम पर हमला किया गया था। हमला उस वक्त हुआ था, जब मेडिकल टीम कोरोना से जान गॅंवाने वाले एक शख्स के परिजनों को क्वारंटाइन करने पहुँची थी। इलाके के लोगों ने मेडिकल टीम को घेर लिया और पथराव किया था। इस घटना में डॉक्टर समेत कई स्वास्थ्यकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया था।
जाँच दल के साथ पत्थरबाजी की घटना में चोटिल डॉ. एससी अग्रवाल ने कहा था, “हम मुरादाबाद के नवाबपुरा में एक COVID-19 पॉजिटिव मरीज के 4 परिवार वालों को लेने गए थे। जैसे ही हमने उन्हें एम्बुलेंस में बिठाया, कुछ लोगों ने हमें घेर लिया और विवाद शुरू हो गया। लोगों ने हम पर हमला कर दिया।”
उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी पुलिस को निशाना बनाया गया था। मस्जिद के इमाम समेत 4 लोगों ने अधिकारियों की टीम पर हमला किया था। दरअसल यहाँ कुछ जमाती आए थे। वे दारीवाली मस्जिद में ठहरे थे। उसमें से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद अधिकारी पुलिस बल के साथ मस्जिद सील करने गए थे। तभी लोगों ने इसका विरोध किया और टीम पर पथराव कर दिया था।
पंजाब, बिहार में भी हो चुका है पुलिस पर हमला
कोरोना वॉरियर्स पर हमले करीब-करीब हर प्रदेश में हुआ है। पंजाब के पटियाला जिले में निहंगों ने कर्फ्यू पास माँगने पर हमला कर दिया था। हमले में एएसआई हरजीत सिंह की कलाई कटकर अलग हो गई थी, जबकि थाना सदर इंचार्ज बिक्कर सिंह और एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गया था। इसके बाद एक कमांडो ऑपरेशन चलाकर सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह मध्य प्रदेश के इंदौर में मेडिकल टीम और बिहार के मधुबनी में पुलिस को निशाना बनाया गया था।