कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में पूरा देश एक बार फिर एकजुट हो गया। इस महामारी के अंधकार को चुनौती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश के 130 करोड़ लोग रात नौ बजे नौ मिनट के लिए दीये जलाए। दिल्ली एनसीआर से लेकर देश के कोने-कोने से लोगों ने घरों के बाहर दीये और मोमबत्ती जलाकर ये संदेश दिया कि वो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। हालाँकि, इस दौरान राजस्थान में दीया जलाने पर विवाद की घटना सामने आ रही है।
राजस्थान के सीकर के हेतमसर गाँव में कुछ ग्रामीण दीपक जला रहे थे, तो दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने जान बूझकर उनके ऊपर पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी। जिसमें दीपक जलाने वाले लोग बुरी तरह घायल हो गए। थानाधिकारी उमाशंकर शर्मा ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि हेतमसर के प्रवेश पर माली समाज के पाँच-छह घरों की ढाणी है, जहाँ स्थित बालाजी मंदिर में प्रधानमंत्री के आह्वान पर रूकमानंद सैनी, मनोज सैनी, जीनकूदेवी, कैलाश, सुशील कुमार तथा भागूराम द्वारा दीपक जलाए जा रहे थे। तभी अचानक सद्दाम, शाहरुख, जावेद, अरशद, एजाज, जाबिर ने आकर उनसे दीपक जलाने से मना किया। इस पर विवाद शुरू हो गया। जिसके बाद उन लोगों ने दीपक जलाने से मना करते हुए उन पर पथराव करना शुरू कर दिया।
अचानक पत्थरबाजी की घटना से रूकमानंद सहित सैनी परिवार बुरी तरह से डर गया तथा चिल्लाने लगा। उनकी आवाज सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों को इकट्ठा होता देख आरोपित फरार हो गए। मामले की जानकारी मिलने पर फतेहपुर डीएसपी ओमप्रकाश किलानियां के नेतृत्व में रामगढ़ व फतेहपुर से पुलिस दस्ता पहुँचा और आरोपितों की तलाश शुरू की।
बताया जा रहा है कि मंदिर पर की गई पत्थरबाजी के दौरान शीशे की कई वस्तुएँ भी टूट गई है। पुलिस ने मामले में एक युवक को हिरासत में ले लिया है बाकी अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। इस घटना के बाद से गाँव में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया है।
गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 मार्च की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए देशवासियों से एक खास अपील की थी। कोरोना वायरस के खिलाफ देश की एकजुटना प्रदर्शित करने के लिए पीएम ने सुझाव दिया था कि इस वक्त 9 मिनट के लिए घरों की बत्तियाँ बुझा दी जाएँ। उसकी जगह दीयें, मोमबत्ती, टॉर्च, मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएँ।