मोदी सरनेम टिप्पणी मामले में राँची की एक अदालत ने राहुल गाँधी को आखिरी समन भेजा है और 4 जुलाई को सुनवाई के दौरान कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा है। इसके पहले राहुल गाँधी के वकील ने कोर्ट में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट माँगी थी, जिसे कोर्ट ने 3 मई को खारिज कर दी थी।
उस दौरान भी कोर्ट ने राहुल गाँधी को समन देकर कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा था, लेकिन वे नहीं हुए। इसके बाद कोर्ट ने यह आखिरी समन जारी किया है। सुनवाई के दौरान राहुल गाँधी के वकील ने 15 दिनों का समय माँगा था। इसके बाद सुनवाई के लिए 4 जुलाई की तारीख तय हुई है।
बता दें कि राँची में राहुल गाँधी के खिलाफ यह मुकदमा प्रदीप मोदी नाम के एक व्यक्ति ने दाखिल किया है, जिसकी सुनवाई चल रही है। प्रदीप मोदी ने 23 अप्रैल 2019 को मुकदमा दायर कराया था। इस मामले में अगस्त 2022 तक कार्रवाई पर लगी रोक भी समाप्त हो चुकी है।
प्रदीप मोदी के वकील का कहना है कि यह राहुल गाँधी को कोर्ट द्वारा भेजा गया आखिरी समन है। अगर इस बार भी वे कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से नहीं पेश होते हैं तो उनके खिलाफ कोर्ट सख्त कार्रवाई कर सकता है।
इसके अलावा, भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में भी राहुल गाँधी के खिलाफ चाईबासा की निचली अदालत में मानहानि का एक मामला लंबित है। प्रदीप कटियार ने चाईबासा में केस दर्ज कराया था। इसी तरह का एक मामला राँची कोर्ट में भी लंबित है।
बता दें कि मोदी सरनेम मामले में गुजरात की एक अदालत ने राहुल गाँधी को 2 साल की जेल और 15000 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई थी। दो जेल होने के बाद राहुल गाँधी की सांसदी चली गई थी।