मज़हबी कट्टरता फैलाने वाले इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के ख़िलाफ़ इंटरपोल से रेड नोटिस जारी करवाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नाईक के खिलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के साथ, उसे भगौड़ा घोषित करने की अपील की है। बताया जा रहा है कि एक बार नाईक के भगौड़ा घोषित होने के बाद इंटरपोल से उसे रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए कहा जाएगा।
दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक ईडी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नाईक के ख़िलाफ़ रेड नोटिस जारी कराने के लिए अदालत से भगौड़ा घोषित करवाना जरूरी है। खबरों अनुसार मुंबई की विशेष अदालत में इसके लिए अपील दाखिल की गई है। अदालत ने मामले पर संज्ञान लिया है लेकिन फिलहाल अदालत ने मामले को 19 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि भारतीय जाँच एजेंसियों के कसते शिकंजे के बाद जाकिर नाईक मलेशिया भाग गया था और वह अब भी वहीं रह रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद नाईक को भारत सौंपने के लिए कूटनीतिक दबाव बनाया जाएगा।
The Enforcement Directorate is all set to send requests for an Interpol Red Notice against controversial Islamic preacher, Zakir Naik for his extradition from Malaysia.https://t.co/9FN2jzs40r
— Yahoo India (@YahooIndia) June 9, 2019
पिछले महीने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जाकिर नाईक के ख़िलाफ़ मुंबई की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस आरोप पत्र में नाईक के करोड़ो रुपयों की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत दिए गए थे। इस आरोप पत्र में ईडी ने खुलासा किया था कि नाईक ने भारत, ब्रिटेन, दुबई समेत कई देशों में कई कंपनियाँ खोल रखी थी। लेकिन पकड़े जाने के डर से उसने इन कंपनियों में अपने करीबियों को निदेशक बनाया हुआ था।
जाकिर का मामला इंटरपोल में जाने से उसकी परेशानियाँ और बढ़ सकती हैं। दरअसल, मलेशिया इंटरपोल के सदस्यों में एक है, जिसने भारत के साथ साल 2010 में प्रत्यर्पण संधि में हस्ताक्षर किए थे। कानूनी रूप से भगौड़ा घोषित होने के बाद ईडी आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत जाकिर नाईक के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में सक्षम होगा। जाँच एजेंसी के अनुसार जाकिर नाईक की भारत और विदेशों में कुल 193 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति है।