मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित करुणा नवजीवन बाल सुधार गृह से अनाथ बालिकाओं के धर्मांतरण का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामला प्रकाश में आने के बाद बाल गृह के खिलाफ मंगलवार (14 दिसंबर 2021) को FIR दर्ज कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्चों को करुणा नवजीवन बाल गृह में जबरन बाइबिल (Bible) पढ़ाई जा रही थी और ईसाई धर्म की प्रार्थना (Christian Prayers) कराई जा रही थीं।
बताया जा रहा है कि गुप्त शिकायत मिलने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) की टीम ने 18 नवंबर को यहाँ का निरीक्षण किया। आयोग (NCPCR) ने इस संस्थान में निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएँ पाई थीं, जिसके बाद बरेला थाना पुलिस ने करुणा नवजीवन बाल गृह पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट समेत मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है। एमपी में ये ऐसा पहला मामला है, जब किसी बाल गृह पर मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई है।
जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने अपने औचक निरीक्षण के बाद कुल 9 पेजों की एक रिपोर्ट तैयार की थी। इस दौरान 7-11 वर्ष और 12-18 वर्ष की लड़कियों को यहाँ रखा जाना भी पाया गया था। वहीं, तमाम गड़बड़ियों के अलावा सबसे बड़ा मामला धर्मांतरण से जुड़ा हुआ पाया गया था। बाल गृह में रहने वाले छात्रों को बाइबिल पढ़ाए जाने का जिक्र रिपोर्ट में किया गया था। इसमें बताया गया था कि यहाँ बच्चों को बाइबिल पढ़ाने के लिए रोजाना एक पोस्टर भेजा जाता है। बच्चों को यहाँ ईसाई प्रार्थना भी करवाई जाती है। इससे टीम को अंदेशा हुआ कि यहाँ बड़े स्तर पर धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है।
बता दें कि आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस और प्रशासन इस बाल गृह पर जल्द ही कार्रवाई कर सकता है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि तत्काल बाल गृह में रहने वाले छात्र-छात्राओं को कहीं और शिफ्ट किया जाए, क्योंकि यहाँ उनके अधिकारों का हनन हो रहा है।